Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:51 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अगली सुबह का आगाज़ कोशल्या मामी के हाथो की गरम चाइ की प्याली से हुआ मामी बोली बड़े दिन लगाए इधर आने मे अब तो लगता है कि हमें तो तुम भूल ही गये हो मैने उनका हाथ पकड़ कर खाट पा बिठाते हुए कहा अरे मेरी प्यारी मामी आपको भूल कर कहाँ जाएँगे पर अब कुछ मजबूरियाँ हो जाती है तो क्या कर सकते है वो बोली कभी कभी फोन तो कर ही सकते हो या नही मैने कहा जी अब से ज़रूर करूँगा और आपको शिकायत का कोई मोका नही दूँगा



अब ज़िंदगी ही कुछ ऐसी हो गयी थी कि बस चलते ही जा रहा था पर ना कोई मंज़िल थी ना कोई रास्ता मैं मामी की जाँघो को सहलाते हुए उनसे बाते कर रहा था कि तभी रॉकी आ गया तो मामी जल्दी से उठ कर बाहर चली गयी रॉकी बोला भाई आज आपने प्रॉमिस किया था कि बाज़ार चलना है मैने कहा हम भाई चलते है पर ज़रा नहा-धो तो लेने दे या फिर ऐसे ही लेकर चलेगा तो वो बोला आप जल्दी से तैयार हो जाओ मुझे काफ़ी सारी शॉपिंग करनी है



मैने कहा ठीक है भाई और फिर करीब 9 बजे सारे छोटे भाई-बहनो को लेकर मैं सहर चला गया एक शॉप से दूसरी शॉप वो लोग घूमते ही रहे पर उनकी खुशी मे ही मेरी खुशी भी तो कही छुपी हुई थी उनको शॉपिंग करवाते करवाते दोपहर से कुछ ज़्यादा ही हो गया था तो फिर हम सब हाइवे पर एक ढाबे मे लंच के लिए गये लंच कर ही रहे थे कि तभी अशोक का कॉल आ गया कि यार रुक्मणी(बग्गी) आने वाली है उसके पास काफ़ी सामान भी है



तो तू उसे पिक कर ही लियो मैने तेरा सेल नंबर उसे दिया है वो तुझे पहुचते ही कॉल करेगी मैने कहा ठीक है मैं ले आउन्गा उसे, बुग्गी दरअसल मेरी नानी की भतीजी थी जो कि हम से कुछ साल ही बड़ी थी पर उस से भी पुरानी दोस्ती सी थी आक्च्युयली वो हमारे ग्रूप का एक हिस्सा थी बचपन मे बड़ी शराराते की थी हम सबने मिल कर तो करीब 3 बजे बुग्गी की कॉल आई तो मैने उसकी लोकेशन पूछी और उसे पिक करने के लिए चला गया मैने रॉकी से कहा कि ये पैसे ले और जो खरीदना है खरीद लेना और फिर जीप के स्टॅंड पर अजाना




तब तक मैं बुग्गी को ले आता हूँ, इतने दिन बाद मिलने जा रहा था तो पहचान करना मुस्किल ही था मैने उसे कहा कि मैं सरस की डेरी के पास हूँ तुम आ जाओ तो वो बोली मैं आती हू जब मैने उसे देखा तो देखता ही रह गया बीते दिनो मे कितना कुछ बदल गयी थी मतलब की थर्कि की नज़रो से कहूँ तो एक दम टंच माल हो गयी थी आँखो पर मोटा सा चश्मा रखा था और पेट भी कुछ बाहर सा निकल आया था मैने उसे गले लगाया तो वो बोली कैसे हो



मैने कहा पहले तो ठीक था पर आपको देखा तो पता नही क्या हो गया वो बोली फ्लर्ट कर रहे हो मैने कहा जो चाहे समझ लीजिए तो वो बोली सफ़र से थक गयी हूँ मैने उसका सामान लिया और कहा आओ चलते है पास ही एक चाइ की दुकान थी तो मैने उसे वहाँ पर बिठाया और एक कोल्ड ड्रिंक उसको दी वो पीते हुए बोली कहा छुमन्तर हो गये हो तुम जब से जॉब लगी है तब से ना कोई खबर,ना कोई फोनकॉल कभी याद नही आई क्या अब मैं क्या कहता बस अपना वो ही घिसा पिता बहाना जिस पर कोई विश्वास करता नही था



तो मैने बात बदलते हुए कहा अब सारी बाते इधर ही कर लोगि या घर भी चलोगि साढ़े चार बजे लास्ट जीप जाएगी फिर धक्के खाते रहना तो फिर हम जीप स्टॅंड तक आ गये रॉकी और भाई बहन उधर बैठे थे तो फिर बुग्गी उनसे बात चीत करने लगी तभी मुझे कुछ ध्यान आया तो मैने कहा मैं अभी आता हूँ और मैं वाइन शॉप से दो बॉटल वोडका ले आया अब दो चार पेग तो लगाना बनता ही था तो फिर हम सब बाते करते हसी मज़ाक करते घर पर आ गये



मामी बोली क्या ज़रूरत थी इनपर इतने पैसे खर्च करने की मैने कहा कोई ना मामी इन्सब के लिए ही तो कमा रहे है इनपर नही करेंगे तो क्या फ़ायदा सॅलरी का मैने कहा बुग्गी आई है आप मिल लो मैं ज़रा हाथ-मूह धोकर आता हूँ तो फिर मैं बाथरूम मे घुस गया मैं सोचने लगा कि यार कितना अच्छा होता है उन लोगो का जीवन जो सिविल जॉब करते है ड्यूटी की और घर पर और एक हम है जो होकर भी नही है तो फिर मैं बाहर आया चाइ बन चुकी थी तो चुस्किया लेते लेते बाते करने लगे सच मे कुछ पुरानी यादे ताज़ा हो गयी थी



फिर सब अपने अपने काम धंधो मे लग गये थे कल भाई को बान बैठना था एक रसम होती है शादी की , तो कुछ छोटी-मोटी तैयारिया करनी थी तो उसी मे लगे हुए थे मैं नानी के पास जाकर बैठ गया और बाते करने लगा तो बुग्गी भी उधर आ गयी और बाते करने लगी पर कुछ देर बाद ही नानी अंदर चली गयी तो बस हम दोनो ही बचे उसने पूछा मनीष , क्या चल रहा है मैने कहा कुछ भी नही तुम्हे तो पता ही है कि कैसिजॉब है तो ना ही पूछो तो अच्छा है



बल्कि तुम बताओ कि क्या कर रही हो वो बोली कुछ नही होटेल मॅनेज्मेंट करके जयपुर ले मरिडियन मे काम कर रही हूँ मैने कहा यार मस्त जॉब है तेरी , वो बोली क्या मस्त है 14-14 घंटे काम करना पड़ता है मैने कहा मैं भी तो 24 घंटे ड्यूटी करता हूँ काम तो काम है वो बोली वो सब छोड़ो और ये बताओ कि हमारे घर क्यो नही आते मैने कहा यार बताया ना कि बहुत प्राब्लम होती है छुट्टियो की ओर फिर घर आ गये तो फिर पता ही नही चलता कि अब दिन बीत गये पर अब कुछ दिन इधर हूँ तो साथ ही रहेंगे मज़ा आएगा पुराने दिनो को ताज़ा करेंगे




वो बोली हाँ वो तो है अब सब लोग काफ़ी दिनो बाद मिल रहे है तो अच्छा रे-यूनियन हो जाएगा फुल धमाल होगा मैने कहा बिल्कुल फिर वो भी अंदर चली गयी मैं भी फिर बाहर खेतो की ओर घूमने चल दिया थोड़ा सा आगे की ओर निकल गया था तो देखा की दूर से लिली चली आ रही थी , तो मैं तेज तेज चलते हुए उसके पास गया और बोला सवारी कहाँ से आ रही है मालिको तो वो अपनी चोटी को घूमाते हुए बोली तुमसे मतलब कही भी जाउ मैने कहा तेवेर तो देखिए हुजूर के उफ़फ्फ़ ये गुस्सा अच्छा नही लगता आपके इस हसीन चेहरे पर



तो वो तुनक कर बोली आज कहाँ गये थे दोपहर मे आई थी तुम्हे बुलाने को मैने कहा यार वो ज़रा सहर तक जाना पड़ गया था शाम का मोसम था ठंडी हवा चल रही थी मोका भी था दस्तूर भी था अचानक से ही मैने लिली का हाथ पकड़ा और उसे पास के सरसो के खेत मे खीच लिया और उस के बोलने से पहले ही उसके होटो को चूम लिया ……………………….. …………………………….. ……………………….. …………………………….. ……………..




मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था और होठ उसके लबो पर सजे हुए थे तो उसने जल्दी से खुद को मेरी पकड़ से आज़ाद करवाया और थोड़ा घबराते हुए बोली क्या कर रहे हो , मरवाओगे क्या मैने कहा इधर कॉन आने वाला है तो वो बोली अभी शाम का टाइम है खेत मे कोई भी आ सकता है कही किसी ने देख लिया तो मुसीबत ना खड़ी हो जाए मैने कहा तो फिर कब मिलोगि लिली बोली तुम सदा ही इतने उतावले क्यो रहते हो मैने कहा यार पहले भी तुमने मना कर दिया था अबकी बार तो गाड़ी पार लगा दो



वो बोली मैं चॉबारे मे सोती हूँ, तुम 11:30 के बाद दीवार कूद कर आ जाना मैं किवाड़ खुला ही रखूँगी मैने कहा ठीक है फिर एक किस किया और हम अपने अपने रास्ते हो लिए लंड तो खड़ा हो ही गया था तो जैसे तैसे करके उसको शांत किया पर अब मुझे कहाँ चैन पड़ने वाला था घर पे कोशल्या मामी भी किसी ना किसी बहाने से बड़े लटके झटके दिखा कर मुझे पागल कर रही थी पर उन्हे क्या पता था कि मेरी मंज़िल आज कहीं ऑर है



खाने के बाद मैं उसी नीम के पेड़ के पास आग जलाकर बैठा था कि तभी बुग्गी दूध का गिलास लेकर आई और बोली लो भाभी ने दिया है तुम्हारे लिए जैसे ही वो जाने के लिए मूडी मैने कहा कहाँ जा रही हो आओ ज़रा बाते करते है तो वो भी मेरे पास बैठ गयी मैने कहा गुलाबी शॉल खिलता है तुम पर तो वो बोली ये तो बस ऐसे ही ओढ़ लिया मैने कहा पर अच्छी लग रही हो तो वो बोली अच्छी लगती तो टच मे रहते तुम मैने कहा यार



अब तुमसे क्या छिपाऊ, मेरी ज़िंदगी ना जाने किस ढर्रे पर चल रही है कुछ पता ही नही है बस जी रहा हूँ इतना ही कह सकता हूँ तो वो बोली और क्या लोग आर्मी मे नही है जो प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बॅलेन्स करके चलते है मैने कहा देख यार अब मैं इतना उलझा हुआ हूँ कि पता नही कि कहाँ पर इन सब का छोर है पर मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूँ पर मेरी हर कोशिश नाकाम होज़ा ती है दिल तो बहुत करता है कि मैं भी अपनो के साथ रहूं , खुशी मे खुश रहूं दुख मे दुखी पर अब ये सब पासिबल नही है लाइफ थोड़ी अलग हो गयी है वो बोली ये सब डिपेंड करता है कि तुम कितने फ्लेक्सिबल हो



मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे लिया और उसकी मुलायम हथेली को सहलाते हुए बोला बात दरअसल ये है कि बस ये समझ लो कि इस ज़िंदगी को भारत सरकार ने गिरवी रख लिया है जिसके बदले मे हर महीने एक मोटी तनख़्वाह का भुगतान करती है काश मैं तुम्हे बता सकता कि मैं आज भी वो ही हूँ जो बचपन मे हुआ करता था पर मेरे हालात बदल गये है मेरी वो मासूमियत कही खो सी गयी है कुछ तो बदल गया है काश मैं तुम्हे वो सब बता पाता पर यू समझ लो कि मैं हरपल साथ होकर भी अकेला ही हूँ




पर जैसा की मैने तुमसे वादा किया है हम जब तक यहाँ है हर पल को जियेंगे ताकि अपने आने वाले समय के लिए कुछ यादे जमा कर सके वो मुस्कुराते हुए बोली हाँ वो तो है वो बोली दूध पी लिया है तो गिलास दे दो मैं जाती हूँ फिर मैने कहा क्या करोगी उधर जाकर बैठो ना इधर पास मेरे वो बोली मुझे कई काम है और फिर गीत गाये जा रहे है तो क्या पता एक दो ठुमके मैं भी लगा लूँ तुम्हे तो पता ही है मुझे नाचने का कितना शोक है मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी तो फिर वो अंदर चली गयी और मैं दो पल उसे जाते हुए देखता रहा




मैने मोबाइल लिया और मिता को कॉल लगा दी , तो पता चला कि आजकल मेम्साब की नाइट ड्यूटी लगी हुई है मैने कहा कोई ना तुम ड्यूटी करो बाद मे बात करलेंगे तो वो बोली ऐसा भी इधर कोई एमर्जेन्सी नही चल रहा जो मैं तुमसे बात ना कर सकूँ मैने कहा कैसी हो तुम, वो बोली तुम्हे क्या पड़ी है मेरी अगर कुछ चिंता होती तो इतनी देर ना लगाते कब का आ जाते मुझसे मिलने को मैने कहा यार पता नही क्या बात है जी भर कर तुम्हारे साथ टाइम बिता ही नही पाता हूँ



बस तुम जल्दी से दुल्हन बन कर मेरे पास आ जाओ ताकि मैं फिर अपनी हर साँस को तुम्हारे साथ जी सकूँ अब मुझसे बर्दाश्त नही होता है सच कहूँ तो मैं अब थक सा गया हूँ मुझे एक सहारे की ज़रूरत है, मैं बस गिरने ही वाला हूँ तो तुम मेरे पास रहो मुझे थामने के लिए मिता बोली- आज क्या फोजी ने पेग लगा लिए है जो बड़ी बहकी बहकी बाते कर रहा है मैने कहा यार अब अपने दिल की बात तुम्हे बता ने के लिए मुझे शराब के सहारे की ज़रूरत नही है
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