RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
राजीव फिर से खुश हो गया और मेरे साथ आ के बीत गया और मुझे अपने . की बातें बताने लगा. थोड़ी देर तक तो में खीजा हुआ था लेकिन फिर मेने सोचा कि अब यह यहाँ हैं तो इसके सामने कोई ड्रामा ना ही किया जाए तो बेहतर है.तो में भी उसकी बातों को इंटेरेस्ट ले के सुनने लगा. थोड़ी देर में दीदी घर आई.
राजीव ने उन्हें अपने दिन भर की बात बताई पूरी शॉपिंग दिखाई और फिर कहा कि वो कुछ दिन और रहेगा. दीदी ने मुझे देखा फिर स्वेता को देखा कुछ नही बोली अपने रूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद उन्होने स्वेता को अपने रूम में आने को कहा. दोनो अंदर ही करीब 30 मिनट तक बात करती रही फिर स्वेता बाहर आई तो दीदी ने मुझे अंदर बुलाया.
मे-हां दीदी बोलो?
दीदी-तू नाराज़ है राजीव से? वो खुश है बहुत.और कुछ दिन रहेगा अब तू क्या करेगा?
मे-पता नही दीदी. उससे नाराज़ भी नही हूँ छोटा सा बच्चा तो है खुश है हमारे साथ तो उसे भागने को कह भी नही सकता लेकिन बीवी से दूरी भी नही सही जाती. स्वेता भी चाहती थी कि आज रात को हम साथ रहें.
दीदी-हां पता है वो भी यही कह रही थी. लेकिन अब देख राजीव यहाँ है तो तुम दोनो एक साथ नही सो सकते. तो तुम राजीव को मेरे रूम में भेज दो वो माँ के साथ बेड पे सो जाएगा में बाहर सोफे पे सो . फिर तू स्वेता के साथ सो सकता है.
मे-अर्रे नही आप यहाँ आराम से सो जाओ राजीव को उसकी दीदी के साथ ही सोने देते हैं. उसे भी यहाँ आपके और माँ के बीच शायद अच्छा ना लगे.
दीदी- तो फिर तू क्या करेगा?
मे-वोही जो इतने दिनो से करता आया हूँ.कुछ दिन और कर लूँगा सोच लूँगा कि स्वेता अभी नही आई है.
दीदी- स्वेता तुझसे बहुत खुश है कि तू उसके भाई का इतना ख्याल रख रहा है यही मौका है जीत ले उसका दिल उसकी जवानी तो तूने जीत ही ली है. अब उसके दिल भी जीत ले जब औरत तन और मन से किसी मर्द को स्वामी स्वीकार कर लेती है तो उसे बहुत सुख देती है तू भी स्वेता के मन का स्वामी बन जा और राजीव की खूब खातिरदारी कर.
मे-हां दीदी कल आपसे बात कर के मेरा मूड ठीक हुआ था मेने भी सोचा कि ना तो स्वेता के छेद बंद हो रहा है ना ही मेरा डंडा कहीं भागा जा रहा है तो कुछ दिन सबर कर लेने में कोई बुराई नही है.
दीदी-ह्म्म देखा मुझसे बात करने का फ़ायदा चल अब में कुछ काम कर लेती हूँ तू राजीव के पास बैठ रात में जब नींद नही आएगी तो हम दोनो साथ में बात करेंगे में दीदी के रूम से बाहर आया और राजीव के साथ खेलने लगा. स्वेता मुझे थोड़ी सॅड दिख रही थी तो में उसके पास गया और धीरे से उससे बोला तेरा भाई घर आया है पहले उसका स्वागत कर लें ठीक से फिर अपनी चुदाई तो जिंदगी भर चलती रहेगी तू दुखी मत हो में तुझसे या राजीव से नाराज़ नही हूँ.
रात में सब लोग खाना खाने के बाद अपने अपने रूम में चले गये. में बाहर सोफे पे लेट गया और टीवी ऑन कर दी. आज मेरा लंड भी कल जैसे तूफान नही मचा रहा था. मुझे पता था कि अब चुदाई करने का कोई चान्स नही है करीब 2 घंटे बीत गये. में यह उम्मीद कर रहा था की दीदी आ जाएगी तो बैठेगी मेरे साथ उनसे बातें करूँगा लेकिन वो भी अभी तक नही आई थी. मुझे थोड़ी थोड़ी नींद आने लगी थी कि तभी स्वेता ने अपने रूम का गेट खोला और बाहर आई.
मेने उसे देखा लेकिन सोचा कि पानी पीने आई होगी या मूतने आई होगी लेकिन वो धीरे धीरे चल के मेर पास आई और बिना कुछ कहे सीधे मेरे लंड पे हाथ लगा के बोली जल्दी खड़ा करो इसे और बाथरूम में आ जाओ. मुझे तो जन्नत मिल गयी लंड भी एक सेकेंड में पूरा खड़ा होके तैयार हो गया चूत के लिए मेने बिना देर किए बाथरूम में एंट्री की तो स्वेता ने पहले ही अपनी साड़ी और पेटिकोट कमर तक उठा लिए थे गान्ड औट चूत दोनो नंगी थी.
मेने देखा कि उसकी चूत से तेल टपक रहा था वो पूरी रेडी हो के आई थी मेरी तो खुशी का ठिकाना नही था मेने बाथरूम का गेट बंद किया वो दीवार से टिक के खड़ी हो गयी मेने उसकी एक टाँग उठाई और अपने हाथ में ले ली अब उसकी चूत थोड़ी खुल गयी में उसके सामने आया थोड़ा सा झुका लंड निशाने पे लगाया और एक जोरदार धक्का मारा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ आधा अंदर घुस गया उसने अपनी चीख रोकने के लिए अपने होंठ दबा लिए थे मेने बिना परवाह किए उसी पोज़ में धक्का लगाना शुरू रखा अभी तक लंड पूरा अंदर नही था मेने सोचा कि इतने में ही काम चला लिया जाए बाथरूम छोटा सा ही था और उसमे भी बाल्टी और बाकी सब समान रखा हुआ था तो हमारे पास ज़्यादा ऑप्षन भी नही थे मेने उसी पोज़ में उसे धक्के लगाए
वो मुझसे चिपक गयी मेरी सीने में उसकी चुचि घुसी जा रही थी और में उसकी एक टाँग अपने हाथ में उठाए दना दन पेल रहा था मुझे लगा कि में कम कम 20 मिनट तो चोदुन्गा ही लेकिन ऐसा हुआ नही और 5 मिनिट्स में ही मेरा झड गया मुझे थोड़ा सॅड फील हुआ लेकिन अभी भी लंड बैठा नही था पूरा कड़क था मेने जैसे ही फिर से चुदाई शुरू की तो उसने भी साथ दिया मेरे होंठों को उसने चाटना शुरू कर दिया मेरा लंड फिर तूफ़ानी हो गया बड़ा ही मजेदार सीन था हम दोनो भूल गये थे कि और कोई हमें सुन सकता है.
में बस उसे पेल रहा था और वो आराम से अपनी चूत में मुझे ज़्यादा से ज़्यादा घुसेडवा रही थी करीब 20 मिनिट्स की अगली चुदाई के बाद मैं फिर से झड्ने को हुआ तो उसने मुझे ज़ोर से जकड लिया और मुझसे पूरी चिपक गयी हम ने एक और मजेदार ऑर्गॅज़म फील किया.
फिर मेने उसे देखा तो वो मुस्कुरा दी बोली कि मुझसे आपकी जुदाई भी बर्दास्त नही होती और आपकी चुदाई भी बर्दास्त नही होती मुझे तो मज़ा आ गया मेरी प्यास आज रात के लिए तो बुझ गयी आपको भी खुशी हुई ना? सॅटिस्फॅक्षन हुआ ना?
मेने हां कहा और फिर से उसकी टाँग को अपनी हाथ मे लेना चाहा तो उसने मना कर दिया बोली कि अब बस. आज के लिए इतना ही अब तो हम रोज रात को जब तक राजीव यहाँ हैं बाथरूम में ही अपनी जवानी का रस चखेंगे मेने मान ली उसकी बात.
उसने अपने कपड़े ठीक किए और धीरे से गेट खोला और सीधे अपने रूम में चली गयी मेने बाथरूम का डोर बंद किया और अपना लंड सॉफ करने लगा उसमे उसकी चूत का रस लगा हुआ था मेने अपना लंड धोया फिर मूता और फिर मुँह हाथ धोकर खुशी खुशी बाथरूम का डोर खोला और अपने सोफे की तरफ चल दिया. हॉल की लाइट मेने बंद कर दी थी इसलिए जब सोफे के एकदम पास आ गया तब पता चला कि सोफे पे कोई है तभी सोफे के पास वाला ज़ीरो वॉट का बल्ब जला.
और मेने देखा कि दीदी सोफे पे टाँगें फैला के बैठी हुई थी मुझे देख के हंस दी और उसी पोज़ में बैठी रही उसने वही ब्रा और लूज़ पेटिकोट वाली अपनी नाइट की स्पेशल ड्रेस पहनी हुई थी और उसका पेटिकोट भी जांघों तक उठा हुआ था.
उसका ब्रा काफ़ी डीप कट था और मुझे उसमे से उसके आधे से भी ज़्यादा दूध दिख रहे थे भरे पूरे बड़े बड़े दूध मेरा लंड सलामी देने को तैयार था लेकिन मेने कंट्रोल लिया में अभी सोफे के पास खड़ा ही था कि दीदी बोली
दीदी-तुम दोनो ने आख़िर खाट कबड्डी खेल ही ली और अब तू सोना चाहता है लेकिन मुझे नींद नही आ रही है तो तू बैठ और मुझसे बात कर या कहीं ऐसा तो नही कि आज बीवी ने तुझे दे दी तो अब दीदी नही चाहिए? ऐसा हो तो बोल दे
मे-नही दीदी में तो वेट कर रहा था आपका कि आप आओगी लेकिन आप आई नही.
दीदी-कहाँ वेट कर रहा था? बाथरूम में? में वहाँ क्यूँ आती? वहाँ तो तू और स्वेता धूम मचा रहे थे.
मे-वो मेने कुछ नही किया स्वेता खुद ही आई थी.
दीदी-पता है मेने कब तुझे कुछ कहा. वैसे भी जब औरत गरम होती है तो वो मर्द से ज़्यादा डेरिंग हो जाती है और फिर ऐसी लड़की जो नयी नयी औरत बनी हो उसके लिए तो गर्मी बर्दास्त करना बहुत मुश्किल है.
मे-जो भी आप ठीक समझो
दीदी-हां हां आज तो तेरे बोल ही बदले हुए हैं मेरे बोल तो तुझे बड़े चुभ रहे होंगे.
मे-क्या दीदी आप भी ना ऐसा कुछ नही है में क्या बोलूं.
दीदी-मेरा मन तो किया कि आके बाथरूम पे नॉक करूँ और तुमसे कहूँ कि गेट खोलो फिर मेने सोचा अभी इसके लिए बहुत टाइम है में फिर कभी देख लूँगी अभी तो इन्हें प्यास बुझाने दो. समझा मुझे थॅंक्स बोल.
मे-क्या देखना था आपको? और किस बात का थॅंक्स?
दीदी- अर्रे अगर मैं गेट पे नॉक करती तो तुझे मज़ा थोड़ी ना आता उसकी लेने में इसीलिए मेने नॉक नही किया जिससे तू उसकी आराम से ले ले लेकिन मेरा मन ज़रूर कर रहा था देखने का.
मे-क्या दीदी? आपको यह देखना था कि मैं कैसे उसकी ले रहा था?
दीदी-क्यूँ? तुझे इसमे कोई प्राब्लम है क्या? तुझे नही दिखाना तो मत दिखा में पिक्चर में देख लूँगी आजकल तो यह लेने देने वाली मूवीस की सीडी बड़े आराम से मिलती है.
मे- दीदी आप भी ना जब देखो मज़ाक मज़ाक करती रहती हो पानी पिओगी? मैं पानी ले के आता हूँ.
दीदी-हां ले आ थोड़ी गर्मी तो कम हो मेरी. और जा के स्वेता के रूम का गेट बंद कर दे बाहर से.
मे-क्यूँ? गेट क्यूँ बंद करना है?
दीदी- कर दे ना जो कह रही हूँ.ज़्यादा बात मत पूछ.कर दे चुपचाप.
मेने गेट बंद कर दिया और एक गिलास पानी खुद पिया और एक दीदी को दिया. में हॉल में आया तो दीदी ने कहा कि मेरे साथ इसी सोफे पे आ जा. वो थोड़ा उठी और में उसके पैर वाली साइड पे बैठ गया वो फिर से लेटी और उसने अपने
पैर मेरे गोदी में रख लिए ये बड़ा ही सेक्सी पोज़ था मेरी जांघों पे उसके पैर थे बाकी बदन सोफे पर था और उसने पेटिकोट आधा उठाया हुआ था में उसकी साइड देख रहा था और और अगर वो अपना पैर उठाती तो मुझे पेटिकोट के अंदर का सीन सॉफ दिख जाता तो मेरे लंड ने फिर से सलामी देनी शुरू कर दी
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