RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मैं किचन की तरफ गया दीदी बर्तन धोने मे ब्यस्त थी.
राज- अनिता मैं मौसी से बात करने जा रहा हूँ. तुम बर्तन धोकर आराम करो.
दीदी- ठीक है आप जाइए
मैं वहाँ से मौसी के रूम की तरफ आ गया.
रूम मे एंटर होते ही रूम को लॉक किया..
मौसी बेड पर लेटी हुई थी...
अंजू नीचे बैठ कर खेलने मे व्यस्त थी..
मुझे देखते ही अंजू खेलना बंद कर दी.....
मैंने अंजू को उपर चढ़ाया, मौसी के बगल मे लेटते हुए, अंजू को अपने उपर सुला दिया..
राज- अंजू बेटा सो जाओ शाम को घूमने भी चलेंगे
अंजू- ठीक है पापा
इतना बोलकर अंजू मेरे उपर सो गयी.... मैने अंजू के सर को सहलाते हुए सुला दिया, थोड़ी देर मे अंजू गहरी नींद मे
सो गयी....
अब मैं ऑर मौसी पीठ के बल लेटे हुए थे.. मैंने धीरे से करवट बदला मौसी के उपर आ गया.. मौसी के उपर आते ही धीरे से उनकी साड़ी के पल्लू को उनकी चुचियों पर से हटा दिया.. मौसी की बड़ी-बड़ी चुचिया ब्लाउज मे कसी हुई थी...
मौसी के पूरे बदन मे से गुलाब की सुगंध आ रही थी.. मैं अपने दोनो कोहनियो के बल मौसी के उपर झुक गया मौसी की साँसे तेज़ चलने लगी जिससे तेज़ चलती सांसो के साथ बड़ी-बड़ी चुचिया उपर नीचे हो रही थी... ब्लाओज के अंदर ब्रा नही था, मौसी की चुचियों के निपेल्स तन गये जो कि सपष्ट दिखाई देने लगे..
उसपर ब्लाउज भी लो कट था जिससे आधी से ज़यादा चुचिया बाहर छलक रही थी ये सीन देखकर मेरा गला सूखने लगा..
मैं धीरे-धीरे नीचे झुकने लगा लपक कर एक चुचि को ब्लाउज के उपर से ही मुँह मे भरा ऑर चूसने लगा, अचानक मौसी अपने हाथो से मेरे सर को चुचियो पर दबाने लगी..
उस चुचि को चूसने के बाद दूसरी चुचि को चूसने लगा.. लगभग 10 मिनिट्स के बाद मेरा लंड लोहे की तरह खड़ा हो गया जो बिना झडे शांत नही हो सकता...
मैं तुरंत नीचे उतरा ऑर बाथरूम की तरफ भागा मैं बिना इधर-उधर देखे आँखो को बंद करके अँधा धुन्द मूठ मारने लगा.. कुच्छ देर के बाद मेरा लंड किसी ने पकड़ते हुए अपने होंठो मे भर लिया.. मेरे उपर इतनी मस्ती चढ़ गयी कि मेरी आँखे भी नही खुल पाई..
मैं समझा दीदी होगी इसीलिए मेरे लंड को चूस रही थी. लेकिन ये तो लंड को चूसने के साथ गॉटो को भी सहलाने लगी..
थोड़ी देर मे मैं सिसकरी भरते हुए वीर्य की पिचकारिया छोड़ने लगा.. दीदी पूरा वीर्य को गटक गयी..
जब मैं शांत हुआ तो मेरी आँखे खुली- की- खुली रह गयी..
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