RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
जब कुच्छ देर लाला की तरफ से कोई हरकत नही हुई तो उसने हौले से अपनी आँखें खोल कर देखा, लाला से नज़र मिलते ही वो बुरी तरह शरमा गयी, और उसने फ़ौरन अपनी आँखें कस कर बंद करली…
लाला उसके चेहरे पर झुके, साथ ही उनका कालिया, जिसका फन अब कुछ गीला-गीला सा होने लगा था, उसकी जांघों से होता हुआ कमर तक रगड़ता चला गया…!
उन्होने रंगीली के होंठों पर अपने दहक्ते होंठ रख दिए, आज चमेली की सीख उसके काम आ रही थी, सो उसने भी अपने होंठों को हल्का सा खोल दिया, और वो दोनो एक दूसरे के होंठों को चूमने चाटने लगे…
लाला का एक हाथ उसके उभारों पर चला गया, और उसने उसके कच्चे अमरूदो को मसल डाला…!
रंगीली चिंहूक कर रह गयी, उसे आज तक उसके उभारों को इस तरह किसी ने नही मसला था, हल्के से दर्द के एहसास के साथ उसके शरीर के तार झंझणा उठे…!
लाला लगातार उसके अनारों को कभी प्यार से सहला देते, तो कभी ज़ोर्से मींज देते.., जिससे उसकी एडीया गद्दी पर अपने आप रगड़ने लगती…,
अब उसकी मुनियाँ में खुजली सी होने लगी थी…, उसे लगने लगा मानो हज़ारों च्चेंटियाँ मिलकर उसकी रसगागर के अंदर इधर से उधर चल रही हों…,
वो अपनी जांघों को कसते हुए बोली – आआहह….मालिकक्कक…अब कुछ करो...
अनुभवी लाला को ये समझते देर नही लगी, कि लौंडिया अब पूरी तरह उनका मूसल लेने के लिए तैयार है, लोहा दहकने लगा है, अब चोट मारने में ही फ़ायदा है…!
ये सोचकर वो उसकी टाँगों के बीच आकर बैठ गये…, एक बार अपने चौड़े से हाथ से उसकी रसीली मुनिया को सहलाया…., रंगीली की सिसकी तेज हो गयी…!
आअहह…..म्म्मलिकक्कक….अब जल्दी से डालो नाअ….,
लाला ने उसकी केले जैसी जांघों को अपने मजबूत पाटों पर रखा, फिर उसके पेट से सहलाते हुए हाथों से उसकी छोटी सी चुचियों को मुट्ठी में लेकर मसल्ते हुए बोले – क्या डालूं रानी,
रंगीली शरमा कर बोली – हमें नही पता…, जानबूझ कर सता रहे हैं, सब समझते हैं आप…, प्लीज़ अंदर करो ना… आहह…सबर नही होता अब…
लाला ने मुस्कराते हुए उसकी मुनियाँ के होंठों को खोलकर एक हाथ से अपने लौडे को एक-दो बार आगे पीछे करके, उसकी चूत के होंठों पर रखकर आगे पीछे करके दोनो की अच्छे से पहचान कराई…
फिर अपने मोटे टमाटर जैसे सुपाडे को उसके छोटे से छेद के उपर रख कर एक जोरदार धक्का अपनी कमर में लगा दिया….!
आअर्र्र्ृिई…..आआमम्म्माआअ…..माररररर…गायईयीई…र्ररिइ….,
वो लाला की छाती पर अपना हाथ अड़ाते हुए कराह कर बोली – आहह…मालिक…थोड़ा रूको…वरना हमारी जान चली जाएगी…!
रंगीली की इतनी कसी हुई चूत देखकर लाला आश्चर्य में पड़ गये…, एक शादी सुदा लड़की की चूत इतनी कसी हुई कैसे, ये तो एकदम कोरी ही लग रही है…
फिर उन्होने नीचे नज़र डालकर अपने लंड की तरफ देखा, जो लगभग 3-4थाई उसके बिल में चला गया था,
उन्होने रंगीली के बगलों में हाथ डालकर उसे गद्दी से उपर उठा कर अपने सीने से लगा लिया और उसके होंठों को चूमते हुए बोले – दर्द ज़्यादा हो रहा है मेरी रानी को…
दर्द के मारे उसकी पलकों की कोरों में आँसुओं की बूँदें छलक आई थी, उन्होने उसकी आँखों के खारे पानी को चाट कर उसकी पलकों को चूम लिया…!
लाला उसकी पीठ सहलाते हुए बोले – तुम्हें इतना दर्द क्यों हुआ, क्या अभी तक तुम्हारे पति ने तुम्हें नही भोगा…?
वो उनके चौड़े सीने में मूह छिपा कर बोली – उनका बहुत छोटा सा है, बिल्कुल आपकी उंगली के बराबर का, और आपका ये…, इतना कहकर वो शरमा गयी…!
लाला का सर फक्र से उँचा हो गया, वो मन ही मन अपने आपको दाद देने लगे…
वाह रे धरमदास, क्या किस्मत पाई है, एक कोरी कन्या आज तेरी बाहों में है…!
फिर उन्होने उसे फिर से गद्दी पर लिटा दिया, और उसकी कच्चे अनार जैसी कठोर चुचियों को सहलाने लगे, उसके निपल्स को उंगली में पकड़ कर हल्के हाथों से खेलने लगे..
रंगीली को ना जाने और कितना सीखना वाकी था, लाला उसके बदन के साथ जो जो करतब करते, उसे उतने ही प्रकार का अलग ही मज़ा मिलने लगता…
लिहाजा अब उसका चूत फटने का दर्द कम हो गया था…,
लाला ने अब अपना मूसल जैसा लंड धीरे से बाहर निकाला…अपने लंड पर खून के धब्बे देखकर वो समझ गये कि रंगीली की झिल्ली सही मायने में आज ही फटी है.
उन्हें उसपर और प्यार आया, और उसके होंठ चुस्कर उन्होने फिर से एक धक्का लगा दिया…, लंड एक इंच और पहले से ज़्यादा अंदर चला गया, रंगीली के मूह से एक बार फिर से कराह निकल गयी…
कुच्छ देर धीरे-धीरे वो उतनी ही लंबाई को अंदर बाहर करते रहे…, एकदम कसी हुई चूत ने उनके लंड को जैसे जकड रखा था, इस वजह से उनका लंड जबाब देता जा रहा था…!
वैसे उसकी भी बेचारे की क्या ग़लती थी, पिछले एक घंटे से वो अपने लिए बिल की आस लगाए हुए था, अब जाकर मिला तो आराम करने की सोचेगा ही…
लेकिन सेठ नही चाहते थे कि ये साला बीच रास्ते में धोका दे जाए, और उनकी इज़्ज़त की धज्जियाँ उड़ जायें, अगर ऐसा हुआ तो वो रंगीली के सामने कभी नज़र नही मिला पाएँगे…!
आज वो उसके उद्घाटन समारोह में अच्छी ख़ासी धूम मचाना चाहते थे, जिसे रंगीली जीवन भर याद करे, और हमेशा उसके लंड का लोहा मानती रहे,
इसलिए उन्होने उसे बाहर खींच लिया…, रंगीली को तो अभी थोडा-थोड़ा मज़ा आना शुरू हुआ था, तो जैसे ही उन्होने अपने नाग को उसकी बांबी से बाहर निकाला, एक प्रश्नवाचक निगाहों से वो उन्हें देखने लगी…!
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