Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
10-16-2019, 01:50 PM,
#54
RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
अपने बेटे की उत्तेजना पूर्ण आहें सुनकर रंगीली की चूत बिना कुछ किए ही टपकने लगी…

एक बार उसने अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाया और उससे टपकते हुए शहद को अपनी उंगलियों पर लेकर अपने बेटे के लंड के सुपाडे पर चुपड दिया,

और फिर शंकर की आँखों में देखते हुए उसके गरम सोते जैसे कड़क लंड को अपने होंठों में क़ैद कर लिया…!

आअहह…मानो जलते तबे पर किसी ने पानी डाल दिया हो, शंकर का लंड अपनी माँ के मुँह में जाते ही गद-गद हो उठा..,

अंदर वो अपनी जीभ को उसके दहक्ते सुपाडे पर गोल-गोल घुमा रही थी जिससे उसके लंड में ठंड पड़ गयी…, स्वतः ही उसका हाथ अपनी माँ के सिर पर चला गया...,

वो अभी तक उसके गरम सुपाडे को ही ठंडा कर रही थी, लेकिन शंकर के हाथ के दबाब से उसने उसके लंड को अपने गले तक निगल लिया…!

उसके टट्टों को एक हाथ से सहलाते हुए वो उसे चूसे जा रही थी, शंकर का बदन किसी पत्थर की प्रतिमा की तरह कठोर होकर अकड़ने लगा,

आनंद की पराकाष्ठा में वो अपने पंजों पर खड़ा होकर अपनी कमर को आगे पीछे करके अपनी माँ के मुँह को चोदने लगा…!

रंगीली, आज उसे वो सारे मज़े से अवगत करना चाहती थी, जो उसे उसके आने वाले जीवन में मिलने वाले थे,

साथ ही साथ वो उसकी सहनशक्ति को भी परखना चाहती थी, जिससे वो जिसे चाहे अपने लंड की ताक़त से अपने वश में कर सके..,

शंकर का कामोत्तेजना से बुरा हाल हो रहा था, उसे लगा मानो उसके अंदर का लावा अब फूटने ही वाला है…

अपने हाथ का दबाब उसने अपनी माँ के सिर पर बढ़ा दिया,

रंगीली को जैसे ही ये महसूस हुआ कि उसके बेटे की चरम सीमा समाप्त होने वाली है, उसने झट से उसके लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल लिया………!

शंकर इस झटके से आश्चर्य चकित होकर अपनी माँ की तरफ देखने लगा…!

वो उसे ही निहारे जा रही थी, आँखों में अपार वासना का समंदर लिए वो कामुक नज़रों से उसे देखते हुए बोली – आज तुझे और भी बहुत कुछ करना है मेरे शेर.., चल आजा मेरा राजा बेटा…

ये कहते ही वो उसका हाथ पकड़ कर बिस्तर पर आ गई, उसके होंठों को चूम कर बोली – अब तू अपनी माँ को भी ऐसा ही मज़ा दे जैसा अभी मेने तुझे दिया है,

ये कहकर उसने उसके हाथों को अपनी चुचियों पर टिका कर उसके होंठों को फिर से चूसने लगी…

स्वतः ही शंकर के हाथ उसके वक्षों पर कस गये, जिन्हें वो कभी मुँह से चुस्कर दूध पीता था, आज हाथों से मसल-मसल कर उनका रस निचोड़ने में लगा था…!

चुचियों की मींजन से उसकी चूत में इतनी ज़ोर्से खुजली हुई कि उसने अपनी दोनों मांसल जांघों को एक के उपर दूसरी चढ़ाकर अपनी चूत को जांघों से ही मसल्ने लगी…

धीरे-धीरे रंगीली उस बिस्तर पर लेट गयी, और उसे अपने उपर लेकर अपने बदन को चूमने चाटने का इशारा किया…!

अब वो भी अपनी मा के इशारों को समझने लगा था, सो अब उसके उपर च्चटे हुए पहले उसने अपनी मा के दोनो गालों को बारी-बारी से चूमा, उसके बाद वो उसके होंठों को चूमने लगा…

रंगीली ने उसे अपनी बाहों में कस लिया, उसके कड़क निपल अपने बेटे की पत्थर जैसी कठोर छाती से पिस्ने लगे…

चूमते हुए वो अपनी माँ के गले से होते हुए उसके उरोजो पर उसने जैसे ही अपने तपते होंठ रखे, रंगीली की सिसकी निकल गयी, वो कामुकता से भरी आहह.. भरते हुए बोली….



आआहह…मेरे राजा बेटा, चूस ले इन्हें फिर से…. मसल मेरे लाल, कम्बख़्त बहुत मचलते हैं तेरे हाथों के लिए…!

वो उसकी एक चुचि को पूरे मुँह में भरके चूसने लगा, दूसरे को अपने हाथ में लेकर मसल डाला, कुछ देर बाद उसने अदला बदली कर ली,

नीचे रंगीली ने उसके लंड को अपनी मुट्ठी में कस लिया था…

इस समय उसकी चूत बुरी तरह बहे जा रही थी, उसकी फांकों के बीच से लगातार कामरस की बूँदें बिस्तेर पर टपक रही थी…!
रंगीली को अब अपने उपर कंट्रोल करना मुश्किल होता जा रहा था, उसकी चूत में मानो ज्वालामुखी भड़कने लगा था, सो उसने शंकर के सिर को नीचे की तरफ दबाया…!

इशारा पाकर वो उसकी चुचियों को छोड़कर उसके पेट को चूमते हुए जब उसे उसकी नाभि का छेद दिखाई दिया, तो शंकर ने उसमें अपनी जीभ की नोक डाल कर जैसे ही घुमाई,

रंगीली का पेट थर-थर काँपने लगा…, वो अपनी कमर को इधर से उधर हिलाने लगी…, उसको इतनी गुदगुदी हुई कि ज़बरदस्ती उसके सिर को धकेलने लगी…

शंकर ने जब उसकी तरफ मुँह उठाकर देखा, तो रंगीली ने अपने खुश्क होंठों पर जीभ फिराते हुए उसे और नीचे की तरफ जाने का इशारा किया……!

इशारा पाकर वो जैसे ही नीचे बढ़ा, अपने उदगम स्थान को देख कर वो उसमें खो सा गया, एकटक अपनी माँ की बंद जांघों के बीच स्थित अपने जन्म स्थल को वो निहारने लगा…!

उसने कभी ख्वाब में भी नही सोचा होगा, कि जिस रास्ते से वो इस दुनिया में आया था, आज उसी पर दौड़ने का उसे शौभाग्य प्राप्त हो रहा है…!

शंकर आकर अपनी माँ के पैरों में बैठ गया, और दोनो पैरों को एक साथ अपने हाथों में लेकर उसने अपने घुटनो पर उसके पैरों की एडियाँ टिकाई,

और उसके पैरों के दोनो अंगूठों को एक साथ अपने मुँह में भरकर चूसने लगा…!
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