RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
अजय- “भैया, आपकी बातें आज कुछ अटपटी सी लग रही हैं। पहले तो आपने कभी भी मेरे से इस तरह की बातें नहीं की। आज आपको क्या हो गया है?”
विजय- “अरे आज तक तो मैं तुझे ऐसा प्यारा सा छोटा मुन्ना ही समझता आ रहा था, जिसे अपनी गोद में बिठाकर प्यार किया जाय। पर अब तो तू खुद ही कह रहा है की तू इतना छोटा भी नहीं रहा की मैं तुझे अपनी गोद में बैठा लूं, तो चलो तुझे बराबर का दोस्त समझ लेता हूँ। अब इस रात में अकेले में दो दोस्त खुलकर मस्ती भरी बातें नहीं करेंगे तो तू ही बता और क्या करें? अब तो तूने भी वहाँ गाँव में लड़कियों की लाइन मारनी शुरू कर दी होगी। कोई पटाखा लड़की देखकर खड़ा हो जाता होगा और उसे चोदने का दिल करता होगा...” अब मैं अपने प्यारे से मुन्ना से अश्लील बातें करने लगा और वो कैसे रिएक्ट करता है यह जानने पर उतर आया।
अजय- “भैया आप अपने छोटे भाई से इस तरह की गंदी बातें कैसे कर सकते हैं? आपको शर्म आनी चाहिए..." अजय ने यह बात कुछ तेज आवाज में ऐसे कही जैसे उसे मेरे मुँह से एकाएक ऐसी बात सुनकर विश्वास ना हो रहा हो।
विजय- “यार मैं तो तुझे बराबर का दोस्त समझकर ऐसी बात कर रहा हूँ। इसमें मैंने गलत क्या कहा? कोई पटाखा माल देखकर भाई मेरा तो नीचे टनटानाने लग जाता है। देख भैया से पूरा खुलेगा तभी तुझे भी पूरा मजा आएगा। मुझे पता है की तू पूरा जवान हो गया है और मस्ती करने और देने लायक हो गया है। अच्छा मुन्ना ईमानदारी से बताओ तुम्हारा खड़ा होता है या नहीं?” मैंने यह बात अजय की आँखों में आँखें डालकर कही।
मेरी बात सुनते ही उसका चेहरा कनपटी तक लाल हो गया और वो एकटक मेरी आँखों में देखने लगा। अजय इस समय उसी प्रकार रिएक्ट कर रहा था जैसे की एक छोटा भाई जिंदगी में पहली बार अपने बड़े भैया से इस प्रकार की अन्नेचुरल बात सुनकर करता है। मैं मन ही मन फूला नहीं समा रहा था। अब तो मैं इसके अल्हड़पन, झिझक और शर्म का खुलकर धीरे-धीरे पूरा मजा लूंगा। अभी मैं अजय पर यह बात बिल्कुल प्रगट नहीं करूंगा की मुझे उसकी रात वाली हरकत का पूरा पता है। तभी उसके नेचुरल रिएक्सन और झिझक का पूरा आनंद आएगा।
अजय- “भैया आप कैसी बात पूछ रहे हैं? आपके मुँह से यह सुनकर मुझे आपसे शर्म आने लग गई है, पर आप मेरे बड़े भाई होकर भी आपको मेरे से ऐसा पूछने में कोई शर्म नहीं आ रही है...” मुन्ना ने नीचे गर्दन किए हुए धीरे से कहा।
विजय- “मुझे पता है तू पूरा बड़ा और जवान हो गया है पर अपने ही भैया से शर्माता है। देखो मैं तुमसे कितना खुला हुआ हूँ जो बिल्कुल नार्मल तरीके से यह एक नेचुरल सी बात पूछ रहा हूँ। अब तू भी पूरा जवान हो गया है और मैं भी पूरा जवान हूँ और मैं जवानी का मजा लेना चाहता हूँ और फिर तेरे जैसे मस्त भाई का साथ है।
तो मुझे तो यही सूझा की आज अपने मुन्ना से बिल्कुल खुलकर मन की बातें करें। यह जवानी की उमर ही ऐसी है। जब खड़ा होता है तो बिल हूँढ़ता है, फिर चाहे आगे का हो या पीछे का। अब यार तुम तो ऐसे चिढ़ गये जैसे खड़ा होना तेरे लिए कोई नई बात हो। तो क्या तेरा खड़ा भी होता है या नहीं? यदि होता है तो कम से कम यह तो बता दो की कब से खड़ा हो रहा है? अब यह तो समझ रहा है ना की मैं किसके खड़े होने की बात कर रहा हूँ...” मैं मुन्ना को धीरे-धीरे अपने से खोल रहा था और साथ ही उसके अल्हड़पन और झेप का भी भरपूर मजा ले रहा था। मैंने पीछे के बिल की बात करके अपने इरादे का संकेत दे दिया था। मैं ऐसे मस्ताने छोटे भाई को धीरेधीरे पटाकर जिंदगी में पहली बार उसकी गाण्ड मारने का भरपूर मजा लेना चाहता था।
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