RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ गई। लण्ड से पिघला लावा बहने लगा। मैंने 4-5 कस के धक्के मारे और मैं शिथिल । पड़ता गया। फिर मैं मुन्ना पर से उतरकर बेड पर बैठ गया। लण्ड से कंडोम निकालकर साइड टेबल पर रख दी। मेरा लण्ड काफी मुरझा चुका था। मैं पास में ही घुटनों के बल बैठकर अजय की ओर देख रहा था। मेरे चेहरे पर पूर्ण तृप्ति के भाव थे। मैं कई बार मूठ मारता रहता हूँ पर जीवन में आज जैसा मजा मिला वैसा कभी भी नहीं मिला।
विजय- “क्यों मुन्ना खाली लोगों को ही मजा देते हो, या इसका भी मजा लेते हो?” मैंने अजय के लण्ड को पकड़ते हुए उससे पूछा। अजय का लण्ड बिल्कुल तना हुआ था और फूलकर एकदम खड़ा था।
अजय- “भैया मेरे से करने के बाद वे लोग मेरी मूठ मार देते थे...”
विजय- “अरे तुम तो अपनी गाण्ड ठुकवाते हो और खुद मूठ मरवा के राजी हो जाते हो। क्या कभी बदले में उन दोनों मादरचोदों की नहीं मारी जो गाँव में मेरे प्यारे मुन्ना की मारते थे। मूठ तो तुम खुद ही मार सकते हो...”
अजय- “नहीं भैया मुझे खुद मूढ़ी मार के मजा नहीं आता दूसरे लोग मेरी मूठ मारते हैं तब मजा आता है...”
मैं- “अरे आज तो तूने मेरी तबीयत खुश कर दी। चल आज मैं तुझे ऐसा मजा दूंगा की तू भी क्या याद रखेगा की भैया ने तेरी फोकट में नहीं मारी...” यह कहकर अजय को मैंने मेरे सामने बेड पर घुटनों के बल खड़ा कर लिया और प्यार से उसके लण्ड को पकड़कर हल्के-हल्के सहलाने लगा। लण्ड की चमड़ी ऊपर-नीचे कर रहा था
और गुलाबी फूले सुपाड़े पर अपनी अंगुली फेर रहा था। तभी मैं नीचे झुका और मुन्ना के मस्त सुपाड़ा पर । अपनी जीभ फिराने लगा। फिर मुँह गोल करके सुपाड़ा मुँह के बाहर-भीतर करने लगा। जब लण्ड मेरे थूक से ठीक तरह से गीला हो गया तब मैं उसके लण्ड को धीरे-धीरे मुँह में लेने लगा।
अजय- “भैया यह क्या कर रहे हैं? इसे अपने मुँह से निकाल दीजिए। मेरे इस गंदे को मुँह में मत लीजिए। मुझे बहुत शर्म आ रही है.."
विजय- “अरे मुन्ना जिससे प्यार होता है उसकी किसी चीज से घृणा नहीं हो सकती। मैं तेरे से बहुत प्यार करता हूँ, तुम्हारी किसी चीज से घृणा नहीं हो सकती। फिर यह तो तुम्हारा इतना प्यारा लण्ड है। जितना प्यार मुझे तुमसे है, तुम्हारी गाण्ड से है, उतना ही तुम्हारे लण्ड से है, तुम्हारे लण्ड के रस से है। उन दोनों चूतियों का । क्या, उन्हें तो अपनी मस्ती करनी थी, सो तुम्हारी मारी और अलग हो गये। मूठ तो तुम्हारी इसलिए मार देते थे की उन्हें आगे भी तेरी गाण्ड मारनी थी। उन्हें तुमसे प्यार थोड़े ही था। अब कुछ भी मत बोल और देख भैया तुझे कैसा मजा देते हैं...”
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