RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
थोड़ी देर में माँ भी मेरे रूम में आ गई। मुझे लेटा देख उसने पूछा- “अरे विजय बेटा, आज खाना खाते ही लेट गये। क्या बात है, तबीयत तो ठीक है ना? कहीं उस ब्यूटी पार्लर वाली की याद तो नहीं आ रही?"
मैं- “नहीं माँ जब से तुम यहाँ आई हो मुझे और किसी की याद नहीं आती। मेरे लिए तो तुम ही सब कुछ हो..”
राधा- “तुम आजकल बातें बड़ी प्यारी-प्यारी करते हो। कहीं कोई लड़की तो नहीं पटाने लगे?”
विजय- "माँ तुम तो जानती हो की लड़की वड़की में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं..”
राधा- “लेकिन मेरा तो आजकल तुम बहुत ही ध्यान रख रहे हो...” यह कहकर माँ भी मेरे पास मेरे बेड पर बैठ गई और मैं भी बेड पर टाँगें पसारकर बैठ गया।
विजय- “पर माँ तुम कोई लड़की थोड़े ही हो..." ऐसा कहकर मैंने डबलबेड पर बैठी हुई माँ को अपने आगोश में भर लिया और कहा- “और अगर तुम लड़की होती तो जरूर पटाता और यदि नहीं पटती तो जबरदस्ती भगाकर ले जाता..."
माँ- “पर मैं तो कोई लड़की नहीं। मैं तो 46 साल की एक ढलती उमर की पूरी औरत हूँ। मुझे भगा के तू क्या करेगा?" माँ ने मेरी आगोश में ही मेरे सीने पर सिर टिकाते हुए कहा। माँ मेरी ओर देखकर हँस रही थी।
मैंने माँ को आगोश से मुक्त कर दिया और उसके घने बालों पर हाथ फेरने लगा- “माँ मुझे तो शुरू से ही तुम्हारे जैसी बड़ी उमर की औरतें ही अच्छी लगती हैं। स्टोर में एक से एक नौजवान लड़कियां मेरे पर मरती है, पर मैं उनकी तरफ देखता तक नहीं..”
राधा- “तो क्या मेरे जैसी किसी से शादी करेगा? मेरा इतना सजीला नौजवान बेटा है, ऐसे गठीले मर्द को तो एक से एक सुंदर और माडर्न लड़की मिल जाएगी। कहीं कोई चक्कर वाककर चल रहा है तो बता, उसे कल ही तेरी बहू बनाकर ले आती हूँ...”
विजय- “नहीं माँ, ऐसा सोचना भी मत। अभी तो तुम जैसी मन मिलने वाली माँ के रूप में मुझे दोस्त मिली है। अभी तो मेरा पूरा ध्यान इसी बात पर है की तुझे हर प्रकार का सुख दें, तेरी जी भर के सेवा करूँ। मुझे तेरे ही। साथ सिनेमा जाने में, होटेलों में खाने में, पार्को की सैर करने में मजा आता है। फिर अजय जैसा प्यारा भाई मिला है की अपने बड़े भैया की खुशी के लिए कुछ भी करने को हरदम तैयार रहता है। इतने दिन तो मैं शहर में अकेला था, अब इतनी प्यारी माँ और भाई का साथ मिला है तो तू कह रही है की कोई माडर्न लड़की को तेरी बहू बनाकर ले आऊँ। जानती हो ऐसी लड़की आते ही सबसे पहले तेरी और अजय की यहाँ से छुट्टी करेगी। जो घर प्यार का स्वर्ग बना हुआ है उसे नरक बना देगी। मुझे तो तेरे जैसी कोई चाहिए जिसने पति की सेवा में, घर को जोड़े रखने में अपने सारे सुख चैन छोड़ दिए..”
माँ- “तो क्या मिसेज कपूर चाहिए? उसकी तो बड़ी प्रशंसा कर रहे थे। लगता है उसके तो पूरे दीवाने हो। तेरे । जैसे गबरू गठीले जवान को पाकेर तो वो निहाल हो जाएगी। यदि उसे दुबारा शादी नहीं भी करनी है तो तेरे जैसे मस्त जवान की बात आते ही वो शादी के लिए मचल जाएगी। तू कहे तो बात चला के देखें?”
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