RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
उसने अब मुझे उकसाया, "अच्छा यार, तेरे लिए यह मुश्किल है पर मेरे लिए तो नहीं.... अब मैं तो तनु के लिए ही आज मूठ निकालूँगा, तुझे अगर पिटना है तो पीट ले पर मैं तो यार तुमसे यह कह भी रहा हूँ, देख अगर यही मैं अगर बिना तुम्हें बताए निकाल दूँ तब? तुझे पता भी है कि कब-कौन-कहाँ तेरी बहन को याद करके मूठ मार रहा है? सोच कर देख यार, हम अबतक जिन लडकियों के लिए मूठ मारते रहे हैं, क्या उन सब के भाई को पता भी है यह बात?" बब्लू बात तो सही कह रहा था, हमदोनों ने साथ मिलकर न जाने कितनी लड़कियों के बारे में गन्दा बोलते हुए साथ में मूठ मारी थी, सो मैं अब बब्लू की बात सुनकर चुप रह गया और तब बब्लू फ़िर बोला, "अच्छा यार.... अब बस प्लीज गुस्सा छोड़ और बस इतना बता दे कि तनु की काँख में बाल है या वो साफ़ करके रखती है अपने काँख। बस इसी से थोड़ा अंदाजा लगा कर अपने दिमाग में उसकी बूर के बारे में सोचते हुए मूठ मार कर अपनी गर्मी शान्त कर लूँगा दोस्त"। असल में हमदोनों को लड़की की झाँट का जबर्दस्त पैशन था।
ब्लू-फ़िल्मों में हमने जिस भी लड़की को देखा, सब की झाँट साफ़ ही थी। एक बार बड़ा हिम्मत जुटा कर एक कोठे पर भी हम हो आए थे, पर वहाँ साली रंडी जो मिली उसकी भी झाँट सफ़ाचट थी। हम अक्सर बात करते थे कि झाँटों भरी बूर कैसी दिखेगी असल में। मैं बब्लू की बात सुन कर धीमे से कहा, "बाल है उसके काँख में तीन दिन पहले ही देखा था जब वो छोटे बाँह का कुर्ता पहनी थी"। बब्लू की आँख चमक उठी, "अच्छा... क्या वो बाल छोटे-छोटे थे, जैसे दाढ़ी बनाने के बाद उग जाते हैं या पूरा ही थे?" मैं भी अब थोड़ा खुलते हुए कहा, "नहीं-नहीं, बडे थे... एक इंच से ज्यादा ही थे, काले-गुच्छे में।" बब्लू अब चहका, "वाह.... मतलब कि तनु अपना बाल छिलती नहीं है। मतलब उसके बूर पर भी झाँट होगा एक-एक इंच का.... काला-काला और घुँघराला भी। वाह दोस्त.... जबरद्स्त बहिन है तुम्हारी तो", कहते हुए उसने अपना जींस का बटन खोलकर लंड बाहर निकाला और मैं चट से दौड़ कर कमरे का दरवाजा बन्द कर दिया।
लौट कर देखा कि बब्लू का लंड आधा ठनक गया है और उसका सुपाडा अब अपने खोल से बाहर निकल कर चमकने लगा है। वो अब अपनी ऊँगली से थूक निकाल कर अपने सुपाड़े पर चुपड़ रहा था। मुझे लौटता देख बोला, "आजा यार तू भी, दोनों साथ में तनु के बारे में बात करते हुए मूठ मारते हैं। तू साथ में तनु के बारे में बताना, बदलें में मैं कल अकेले तेरा पेमेंट करके तुझे कोठे पर एक घन्टे के लिए भेज दूँगा जिसके साथ भी तू जाना चाहे"। यह एक बडा औफ़र था मेरे लिए, इसके पहले दो बार हम दोनों ने एक साथ रंडी बूक की थी एक घन्टे के लिए और मैं हमेशा ही उसकी छाया में ही रह गया था, वो साला ज्यादा खुल कर मजे लेता था। मैंने भी अपना पैन्ट उतारते हुए कहा, "ठीक है साले, पर कल मुकर मत जाना मादरचोद"। वो मुस्कुराया और हम दोनों ने अपने हथेलियों से हाई-फ़ाईव किया। उस दिन पहली बार मेरी बहन तनु के बारे में गन्दी-गन्दी बाते करते हुए हम दोनों ने मूठ मारी। इसके बाद तो जब हम खुले तो फ़िर अक्सर ही हम तनु के बारे में बातें करते हुए अपना लंड झाडने लगे। मेरी तनु धीरे-धीरे पूरी तरह से जवान हो गयी और मेरी कमीनापंती भी बढती गयी। मैंने तनु की नंगी तस्वीरें भी खींची जब वो बाथरूम में नहा रही थी, हालाँकि बारहवीं के बाद मैं और बब्लू बाहर चले गये ग्रैजुएशन के लिए और धीरे-धीरे तनु के बदन की याद भी हमारे दिमाग से निकल गयी और हम अब बड़े शहर की नयी-नयी छोरियों के चक्कर में पड़ गये। हम अब कौलेज में नयी आजादी के साथ नयी लडकियों को चोदने लगे थे और तनु हमारे दिमाग से अब गायब हो चली थी।
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