RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
दीपू - क्या यार तुम भी.... ऐसा लग रहा है जैसे कोई टीचर किसी बच्चे को चुम रही है। जवान लडकी का चुम्मा तो ऐसा होना चहिए कि मर्द के बदन में गर्मी ला दे। चलो एक बार फ़िर से ट्राई करो।
तनु ने फ़िर से चुमा लिया, इसबार थोदा बेहतर था पर दीपू भैया ने उसको कस कर दबोच लिया और फ़िर एक जोरदार चुम्मी उसके होठों पर ली और फ़िर उसके बाद जो उनका होठ तनु के होठ से चिपका तो जैसे वो तनु की साँस ही खींचने लगे थे। तनु की साँस तेज हो चली थी, पर उन्होंने अपना होठ उसके होठ से नहीं हटाया था। लगातार वो अपने होठ उसके होठों पर रगडते हुए उस चुसते-चाटते हुए चुम्मा लिये जा रहे थे। तनु अब उनकी गिरफ़्त से छूटना चाह रही थी पर वो उसको पूरी तरह से दबोच कर पकड़े हुए थे। जब उन्होंने अपना चेहरा तनु के ऊपर से हटाया तब तनु की साँस उखडी हुई थी और चेहरा लाल भभूका था।
दीपू - अब पता चला, सेक्सी वाला चुम्मा कैसे लिया जाता है। बदन में गर्मी आई कि नहीं?
उन्होंने मेरी बहन का चेहरा अपने हथेलियों से घेरते हुए कहा, "अब प्यार वाली चुम्मी देखो", कहते हुए वो अब हल्के से उसके दाहिने कान के नीचले हिस्से को चुम लिये। तनु ने अपने दाहिने कंधे उचकाए और जब दुबारा ऐसा ही किया तो वो बोली, "छोड़िए न, गुद्गुदी होती है"।
दीपू - मेरी जान... यही गुदगुदी तो तुम्हारे पूरे बदन में लगाने है मुझे। उसके बाद ही तो तुम मुझे इनाम दोगी ना।
तनु - (अब थोड़ा रिलैक्स लगी) अब मैं क्या इनाम दूँगी भला आपको?
दीपू - तुम्हारी जवानी... मेरी जान....। अभी तुम इस बदन की जवानी का रस मुझे चुसवाओगी ना।
उन्होंने मेरी बहन का चेहरा अपने हथेलियों से घेरते हुए कहा, "अब प्यार वाली चुम्मी देखो", कहते हुए वो अब हल्के से उसके दाहिने कान के नीचले हिस्से को चुम लिये। तनु ने अपने दाहिने कंधे उचकाए और जब दुबारा ऐसा ही किया तो वो बोली, "छोड़िए न, गुद्गुदी होती है"।
दीपू - मेरी जान... यही गुदगुदी तो तुम्हारे पूरे बदन में लगाने है मुझे। उसके बाद ही तो तुम मुझे इनाम दोगी ना।
तनु - (अब थोड़ा रिलैक्स लगी) अब मैं क्या इनाम दूँगी भला आपको?
दीपू - तुम्हारी जवानी... मेरी जान....। अभी तुम इस बदन की जवानी का रस मुझे चुसवाओगी ना।
तनु के चेहरे पर फ़िर असमंजस का भाव आया पर अब वो थोड़ा शान्त थी और दीपू भैया ने उसको अपने बायीं जाँघ पर बिठा लिया और फ़िर तनु के चेहरे को अपनी तरफ़ मोड़ कर चुमने लगे। तनु भी अब उनका साथ दे रही थी। जल्द ही उनका हाथ तनु की चुचियों से खेलने लगा पर तनु अभी तक शान्त थी और अपनी चुचियों से उनको खेलने दे रही थी। ऐसा तो उसने पिछली रात भी उनको करने दिया था। तनु अब थोड़ा बेहतर तरीके से बैठ गयी थी और सहारे के लिए उसने दीपू भैया के गले में अपनी बाँह डाल दी थी। मुझे अब जब उसने खुद ही अपनी बाँह अपने पति दीपू भैया के गले में डाल दी तो मैं समझ गया कि अब आज वो चुदवा लेगी। उसके ऐसा करते ही मेरे मुँह से निकला, "अब आज तनु अपना सुहागरात मना लेगी पक्का"। मेरी बात सुनकर बब्लू भी बोला, "अगर राजी-खुशी नहीं चुदवाई तो आज मेरी भाई पटक कर चोदेगा तुम्हारी बहन की बूर को, देख लेना"। मैंने अब हँसते हुए बोला, "यार शुभ-शुभ बोलो.... मेरी छोटी बहन है, एक छोटी बहन तुम्हारे घर में भी है। उसके साथ जोर-जबर्दस्ती तुम्हें अच्छा लगेगा क्या?" मैंने जान-बूझ कर बब्ली का जिक्र छेडा था। पर बब्लू तो वो बन्दा था जिसने मुझे मेरी ही बहन में माल दिखला दिया था और मुझे अपनी बहन के लिए मूठ मारने के लिए मजबूर कर दिया था, अपनी बहन की बात कहते हुए वो क्या शर्माता... वो बोला, "उसको तो राज यार अब तू जल्दी से निपटा ले, नहीं तो जैसे मस्त होकर उँगली से खेलने लगी है... पहले ही मौके में किसी लड़के के नीचे बिछ जाएगी टाँग खोल कर"। मेरे मुँह से निकला, "शादी के पहले ही..."। बब्लू अब बोला, "क्यों बे साले... चुदाई के लिए शादी की क्या जरूरत है बे? एक तेरी बहन हैं घोंचू की शादी करके भी आज-नहीं-कल कर रही है और एक मेरा भाई है जो सिर्फ़ पढा ही है आज तक। बब्ली पर जैसी गरमी चढ गयी है, अगर दो महिने में तू नहीं शान्त करेगा तो मैं कर दूँगा उसकी गर्मी शान्त, समझ ले तू। मेरा यार है तो पहला मौका तुझे दे रहा हूँ"। मैं अब भौंचक सा हो कर उसका मुँह निहार रहा था कि वो बोला, "अबे साले देख जल्दी स्क्रीन पर तेरी बहन की बूर को सहला रहा है मेरा भाई"। मैंने चट से सर घुमाया। दीपू भैया का दाहिना हाथ अब तनु की नाईटी के भीतर घुसा हुआ था और नाईटी भी उसके घुटनों के ऊपर उठ गयी थी। दोनों के होठ मिले हुए थे और दोनों चुम्मा लेने में मग्न थे।
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