RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
तनु का सर दीपू भैया ने ऊपर करके उसको चुम लिया। तनु के चेहरे पर एक सेक्सी मुस्कुराहट दिख रही थी।
दीपू - पता है यह लन्ड या लौड़ा करता क्या है?
तनु - जी.... इसी की मदद से बच्चा लड़की के पेट में जाता है।
दीपू - ठीक बात... पर बच्चा किसी लड़की के पेट में जाए इसके पहले लडकी को इसी की मदद से चोदा जाता है। "चुदाई" का मतलब समझ रही हो?
तनु - जी...
दीपू - क्या... बताओ?
तनु - नहीं बताऊँगी... यह गन्दी बात है। इस सब के बारे में बात नहीं करनी चाहिए।
दीपू - अरे यार... यह सब बात बच्ची को नहीं करना चाहिए। तुम अब बच्ची थोड़े ना हो, जवान लड़की हो तो तुम्हें यह सब बात करते रहना चाहिए हमेशा। बोलो ... खूल कर बोलो ना कि चुदाई का मतलब क्या होता है?
तनु - आपसे ऐसे बात करते हुए शर्म आती है मुझे, यह सब आप मत पूछिए।
दीपू - अरे मेरी जान, तुम्हारी इसी शर्म के चक्कर में मैं अभी तक रूका हुआ हूँ मेरी रानी। अब बोल भी दो....।
तनु - जी.... यह जो लड़की के अंग के भीतर घुसता है तब उसी को कहते हैं?
दीपू - क्या कहते है?
तनु - .... ..... ..... ... (बोलो) .... चुदाई
दीपू - अच्छा, गुड... और लड़की के जिस अंग में घुसता है उसको क्या कहते हैं?
तनु - योनि
दीपू - फ़िर किताबी शब्द.... जवानों वाली शब्द में बताओ ना, जब लौडा जानती हो तो वह भी पक्का पता है... मुझे मालूम है।
तनु - बूर (सर फ़िर से नीचे झुक गया, पर हाथ लन्ड को सहला रहा था)
दीपू - वाह मेरी जान.... और अब एक शब्द और बोल दो।
तनु - चूत...
दीपू - जीयो... मेरी रानी, और यह क्या है.... (जोर से तनु की छाती दबा दी)
तनु - आह्ह्ह्ह, दर्द होता है।
दीपू - बोलो... यह क्या है?
तनु - छाती है... और क्या?
दीपू - चुच्ची है यह तुम्हारी... चुच्ची..... गोल-गोल मुलायम सी। चलो अब दिखाओ कि तुम्हारी चुच्ची कैसी है?
और दीपू भैया ने उसकी नाईटी ऊपर करनी शुरु कर दी। स्क्रीन पर यह सब देखते हमारी साँस जैसे थम गयी थी। धीरे-धीरे उसके पैर नंगे होते जा रहे थे, फ़िर घुटना... जाँघ... पीली पैन्टी दिखी... पतली कमर... गोरा, सपाट पेट जिसके बीच में सुन्दर गोल सी नाभी... फ़िर पेट का ऊपरी हिस्सा जिसमें पसलियाँ दिखीं... इसके बाद ब्रा में छुपी हुई गुंदाज चुचियाँ... फ़िर गला और इस तरह उसकी नाईटी जमीन पर आ गिरी। नंगे खडे दीपू भैया के सामने मेरी छोटी बहन अब सिर्फ़ चटक पीले ब्रा-पैन्टी में खड़ी थी और अपने हाथों को कैंचीनुमा बना कर किसी तरह से अपनी छाती को ढक रही थी और साथ ही अपने जाँघों को भींचते हुए, शर्म से लाल चेहरा लिए चुपचाप खडी थी। कुछ पल तक दीपू भैया उसकी जवानी को घुरते रहे और फ़िर बोले।
दीपू - बहुत सुन्दर हो मेरी जान। एकदम मस्त हीरोईन... टौप क्लास।
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