RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
मैंने सब बात शुरुआत से उसको बताई और वो मेरी बात सुनते हुए अपने लन्ड से खेलता रहा। मैंने उसको सब बातों को पूरे विस्तार से बताया, यह भी कि मेरी बहन की गाँड़ भी लन्ड खा चुकी है। गाँड़ की बात सुन कर बब्लू बोल।
बब्लू: चल, तू भी मेरी बहन की गाँड़ मार लेना। बूर न सही गाँड़ ही सही, बब्ली की गाँड को तो अभी तक मैंने छूआ भी नही है।
मैं: ठीक है... अब देखना है वो अपना गाँड़ मेरे से फ़डवाना चाहेगी या नहीं।
बब्लू: बेटा... कोई लड़की ऐसे खुशी से अपना गाँड नहीं मराती, खास कर जब वो कमउम्र कमसीन हो बब्ली जैसी।
ऐसी लड़कियों को तो पटक कर उनकी गाँड को फ़ाडना पड़ता है।
मैं: पर मेरी बहन तो... अपनी मर्जी से अपना गाँड मरवाई थी, मैंने देखा था उसको।
बब्लू: वो बीवी थी यार.... उसको पता था कि उसका पति उसकी गाँड मारेगा ही... पक्का, वो हाँ बोले या ना। पर बब्ली अभी १६
की है और कमसीन भी। उसको पता है कि उसकी बूर की कीमत अभी भी बहुत ज्यादा है। ऐसे भी शादी के बाद लडकी के बूर
की कीमत अचानक कम हो जाती है तो वो अपना गाँड मरवा कर पति को रिझाती है, पर बब्ली की बूर ही अभी दो-तीन साल
तक लड़कों को अपना गुलाम बना कर रखने के लायक है।
मैं: सही बात कह रहे हो यार.... वैसे यार तुम भी उसको बोलना ना मेरे को अपना गाँड देने की।
बब्लू: पक्का....
और तभी नीचे से बब्ली हमें पुकारी, "आ जाओ... खाना निकल गया है", हम अब नीचे चल दिए।
नीचे आने के बाद मैं अब बब्ली को घूरने लगा था, मेरे पास अब उसके लिए एक नया नजरिया था तो दूसरी तरफ़ बब्लू भी मेरी बहन तनु को घूर रहा था.... पर वो तो उसकी भाभी थी रिश्ते में। आप ऐसे समझें कि हम दोनों बहनचोद अब एक दूसरे की बहन पर नजर गराए हुए थे। सब का खाना परोसा गया और हम सब खा रहे थे जब दीपू भैया ने ऐलान किया।
दीपू: परसों तनु को लेकर एक सप्ताह के लिए घूमने जा रहे हैं।
और तब बब्ली जो सच में आज कुछ ज्यादा ही चहक रही थी तुरन्त बोली।
बब्ली: ओ...हो, हनीमून.... बढिया है। कहाँ जा रहे हैं, साउथ या नैनीताल?
दीपू: यूरोप... सब बुकिंग वगैरह हो गया है। कल दिल्ली निकलना है ट्रेन से और परसों शाम की फ़्लाईट है।
यह सुनकर सब अब मेरी बहन को बधाई देने लगे और उसकी सास ने भी साफ़ कह दिया।
तनु की सास: वाह... अब वहाँ से आना तो पेट में मेरा पोता ले कर आना।
बब्लू: क्या मम्मी, इत्ती दूर सिर्फ़ पोता लाने जाएगी भाभी, पोता तो यही उसको एक सप्ताह बन्द कर दो कमरे में तो मिल
जाएगा तुम्हें।
हम सब ठहाका लगा कर हँस पडे इस बात पर और तब उसके ससुर बोले।
तनु के ससुर: अरे तनु बेटा को घूमने भी दो भाई, अभी-अभी शादी हुई है... बच्ची है बेचारी, जरा कुछ समय तो दो। ये पोता-पोती
सब देगी हमें, पर जरा हमारे घर में सेट तो हो जाए।
बब्लू: भैया के नीचे सेट तो हो गई, अब क्या पापाजी अपने नीचे भी सेट करने की बात कह रहे हैं क्या?
(वह मेरी कान में फ़ुसफ़ुसाया था और मैंने उसे झिडका - चुप कर, बेवकूफ़)
बब्ली: क्या खुसुर-पुसुर हो रहा है दोनों दोस्तों में?
बब्लू: तुझे क्यों बताएँ हम...? चुप-चप से खाना खा और फ़ूट ले।
इसके बाद सब साथ बैठ कर टीवी देखते हुए गप्प करने लगे और दीपू भैया अब सब को अपने यूरोप प्लान के बारे में सबको बता रहे थे, पर यह नहीं बताया कि उन्होने एक न्यूडिस्ट कैंप में भी बुकिंग करवाई है (यह मैं पहले से जानता था)। सब खूब चाव से सुन रहे थे। करीब दस बजे तक रसोई घर समेट कर बब्ली और तनु भी आ गई तो तनु की सास ही बोली कि जाओ अब सब सो जाओ। कल तुमलोग को निकलना भी है। वैसे भी उसके घर पर दस बजते-बजते सो जाने की परम्परा थी। उसके सास-ससुर अब अपने कमरे की तरफ़ बढ गए और तनु भी सीढी की तरफ़ चली गई और उसके पीछे-पीछे दीपू भैया। मैं भी सीढ़ी की तरफ़ बढा और तब मेरे कानों में आवाज आई।
बब्लू: बब्ली... पाँच मिनट में आ जाना मेरे रूम में ऊपर। भैया-भाभी का लाईव टेलीकास्ट देखने।
बब्ली: अरे कैसे... आज तो राज भैया भी यहीं तुम्हारे साथ ही सोएँगे न?
बब्लू: अरे उसकी फ़िक्र छोड... अपनी चिन्ता कर। उसको भी देखना है, वो सब जानता है। अगर तुझे भी देखना है तो आ जाना
कपडे बदल कर मेरे कमरे में।
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