RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
बब्लू ने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चुचियों को पकड़ कर उसका चूची-मर्दन शुरु कर दिया। वो मस्ती से कराह रही थी और मैं आराम से चोद रहा था। बब्लू अब झुका और बब्ली को चूम लिया। फ़िर हल्के से उसके निप्पल को चुटकी में पकड़ कर हल्के-हल्के रगड़ने लगा। वो मस्त हो करे पहली बार चीखी। अगर बगल के कमरे में तनु और दीपू भैया चुदाई का खेल नहीं खेल रहे होते तो पक्का वो समझ जाते की बबली बगल के कमरे में चुद रही है। पर वो दोनों तो अपने में मस्त थे। बब्लू भी अब ऐसे चीख के बाद खतरा समझ कर हल्के से सहलाने लगा। मैं अब छूटने की हद तक आ गया था। मैंने बब्लू को इशारे से यह बताया तो उसने सर हिला कर मुझे उसके भीतर ही छूतने के लिए बोल दिया। मैं अब मस्त हो कर बब्ली की पतली नाजुक कमर को अपने मजबूत हथेलियों की जकड़ में लेकर तेज धक्के लगाने लगा। बब्ली अब दूसरी बार झड रही थी, जब मैं अपना पानी भी उसकी बूर में निकलना शुरु कर दिया। वो मेरे लन्ड के झतके अपनी बूर के भीतर महसूस करके घबडाते हुए उठना चाही। पर मैंने और उसके भाई बब्लऊ ने उसको दबोच कर बिस्तर पर स्थिर कर दिया और मैंने अपना पूरा पानी पाँच छोटे-बड़े झटके के साथ पूरा उसकी बूर के भीतर जड में छोड़ दिया, फ़िर उसके ऊपर औंधे मुँह पसर गया। हमारी नजरें अब फ़िर से टीवी पर गई, जहाँ मेरी बहन तनु की गाँड पर थुक लगाया जा रहा था दीपू भैया द्वारा। मतलब, आज फ़िर से वो अपना गाँड़ मरवाने वाली थी। मैं यह देख कर चट से बब्ली के ऊपर से हटा और बोला।
मैं: वाओ.... मतलब आज फ़िर से तनु गाँड मरवाने के लिए राजी हो गई।
मेरी बात सुनकर बब्ली को भी होश आया और वो भी उठ कर बैठते हुए बोली।
बब्ली: राज भैया... आप मेरे भीतर क्यों यह निकाल दिए? कुछ ऊँच-नीचो गया तब क्या होगा?
बब्लू: यह नया टाईप का अनुभव मिला ना तुम्हें। कुछ नहीं होगा, बेफ़िक्र रहो। मेरे पास है दो टैब्लेट अनवान्टेड-७२, एक तुम अभी
खा लेना सोने से पहले। अगर इसके बाद भी कुछ हो गया तो राज से तुम्हारी शादी करवा दूँगा।
यह सुनकर वो आश्वस्त हो गई और फ़िर झुक कर अपने बूर से बाहर बह रहे मेरे वीर्य को देखते हुए बोली।
बब्ली: कितना गन्दा लग रहा है इस तरह से जब मेरे भीतर से बह रहा है... छीः
मैं: मुझे तो बहुत मजा आया। पहली बार किसी लड़की की बूर के भीतर अपने लन्ड को झटका खिलाया है। थैंक्यू बब्ली।
बब्ली मेरी तरफ़ प्यार देखते हुए मेरे से चिपकी और फ़िर मुझे चूम ली, मुझे भी जवाब में उसको चूमना ही था। हम तीनों की नजर अब टीवी पर टिक गयी थी जहाँ तनु अब चौपाया बन कर झुकी हुई थी, और दीपू भैया पीछे खड़े होकर अपने लन्ड पर वह जेली लगा रहे थे। तनु अपनी दो ऊँगलियों को अपने गाँड में घुसा कर आराम से तैयार थी। मैंने बब्ली के बाँहों को सहलाते हुए पूछा।
मैं: तनु कभी अपना गाँड मरवाई हो?
बब्ली: ना.... अभी दो दिन पहले तो भैया के साथ पहली बार किया था, रात मे दो बार और सुबह एक बार। इसके बाद आज ही
आपके साथ सेक्स की हूँ।
मैं: ये साला बब्लू है ही ऐसा...। मुझे बोला कि वो तुम्हारी सील मेरे से खुलवाएगा और फ़िर खुद पेल दिया तुमको मेरे से पहले।
बब्लू: अरे तो बब्ली को गाँड़ है ना अभी कोरी। तू ही मार लेना इसकी गाँड पहली बार।
बब्ली: ना ना..... मैं गाँड नहीं मराऊँगी। यह बूर तो चुदाने के लिए बना हुआ है, तब तो इतना दर्द हुआ था जब पहली बार घुसवाई
थी भैया से। गाँड तो इस काम के लिए बनी भी नहीं है और कित्ती छोटी से छेद है... मैं तो मर ही जाऊँगी।
मैं: अरे तो देखो ना, तनु भी तो तुम्हारी तरह ही घरेलू लडकी थी शादी से पहले तक और शादी होते हीं कैसी रंडी टाईप बन गयी
है। देख लो, कैसे गाँड मरवाने के लिए बेचैन हो कर इंतजार कर रही है। पहली बार वो मेरे घर पर ही अपना गाँड मरवाई थी।
बब्ली: आपको कैसे पता कि वो पहली बार कब अपना गाँड़ मराई?
बब्लू: अरे ये मादरचोद खुद देखा था तनु की पहली गाँड़ मराई। इसने उसकी गाँड के घाव ठीक करने के लिए बोरोलिन भी दिया था
बब्ली: ओह... मतलब आप अपने घर पर भी कैमरा लगाए हुए हैं।
मैं: नहीं, कैमरा तो तुम्हारे घर में ही है। असल में ये दोनों मेरे कमरे में थे और मैं बगल के कमरे में। बीच में प्लाईवुड का
पार्टीशन था जिसमें जोड के पास हल्का सा दरार था तो सब दिख जाता था और पतले प्लाईवुड के पार बात भी साफ़ सुनाई
पड़ता रहता था। उस बार भी आराम से मरवा ली थी, आज तो और बेहतर मरवाएगी।
मेरा लन्ड दो बार झडने के बाद अब थोड़ा ढ़ीला हो गया था, जबकि बब्लू का अभी खडा था। वो अब बब्ली को बोला।
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