RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
दीपू: हाँ, ठीक कह रहो हो, आ जाओ तुम लोग भी। अय्र तनु की फ़िक्र मत करो, उसको तो वैसे भी वहाँ न्यूडिस्ट कैंप में बेशर्मी
की पुतली ही बन कर जाना होगाम नहीं तो सब उसको बहन-जी टाईप बोल देंगे।
मैं: थैंक्यू भैया, थैंक्स तनु..... औल द बेस्ट फ़ौर योर गाँड़ मराई...;-)
मैं अब चट से वापस कमरे में आया और यह खुशखबरी बब्ली और बब्ली को दिया। दोनों खुशी से चहक गये और फ़िर हम साथ ही वापस दीपू भैया के कमरे में आए। दीपू भैया मुस्कुराते हुए बब्ली के नये जवान बदन को घूरे और फ़िर तनु को लेकर बिस्तर पर चल दिए। हम तीनों अब उस बिस्तर को घेर के खडे हो गये जहाँ मेरी बहन तनु की गाँड दीपू भैया मारने वाले थे। तनु आराम से फ़िर अपने गाँड को अपने दोनों हाथों से फ़ैला कर झुकी हुई थी। उसका सर दो तकियों पर टिका हुआ था और दीपू भैया ने अपने लन्ड पर एक बार फ़िर अपना थूक लपेसा और फ़िर उसकी गाड में पेलने लगे। धीरे-धीरे उनका सुपाड़ा पुरा भीतर चला गया तब तनु अपना मुँह खोली पर कोई आवाज नहीं निकाली, सिर्फ़ लम्बी-लम्बी साँसें लेने लगी। दीपू भैया ने अब उसकी कमर को पकडा और फ़िर अपना लंड भीतर ठेलना शुरू किया। एक कराह निकली जरूर पर वह चीख नहीं थी। दीपू भैया ने अब जोर से दम लगा कर फ़िर से लंड तनु की गाँड़ में पेला और उनका लंड करीब करीब पूरा ही भीतर घुस गया। सिर्फ़ लगभग १ इंच बाहर रह गया। तनु ने अब इशारे से कहा कि वो अब तैयार है, और तब दीपू भैया उसकी गाँड मराई शुरू कर दिए। उनका लंड अब मेरी बहन की गाँड़ में अंदर-बाहर होकर उसकी गाँड़ मार रहा था। बब्लू तो ठनके हुए लंड के साथ खडा था तो उसने बब्ली को इशारा किया कि वो अब तो चुदा ले। बब्ली भी इस तरह से अपने भैया और भाभी को गाँड मराई का खेल खेलते देख खुद भी उसी बिस्तर पर लेट गई। दीपू भैया और तनु ने जरा सा साईड हो कर तनु के लिए बिस्तर कर जगह बना दिया। तनु भी आराम से बिस्तर पर सीधा लेट कर अपना जाँघ खोल दी और बब्लू अब उसके खुले जाँघ पर अपने हाथों को टिका कर अपना लंड अपनी छोटी बहन की बूर में पेल दिया। वैसे भी उसकी बूर मेरे पानी से पूरी तरह पनिया गयी थी। जब पूरा लन्ड बब्लू की चूत के भीतर घुस गया तब बब्लू उसके ऊपर झूक कर अब जोर जोर से चोदने लगा। कमरे में अब तनु और बब्ली दोनों की आह्ह्ह ओह्ह्ह इइस्स्स्स से भर गया। दीपू भैया अब झड गये और फ़िर दीपू भैया और तनु भी आराम से पास में बैठ कर बब्ली की चुदाई देखने लगे। बब्लू अब अपनी बहन को खूब दबोच कर जोर-जोर से चोदने लगा था और बब्ली भी अब बेचैण हो कर छटपटा रही थी, कराह रही थी... पर मस्त लग रही थी। दो-तीन मिनट और.... बब्लू भी बबली को दबोच कर उसके भीतर ही झड़ गया। वो अब बब्ली के ऊपर गिर कर पड़ा हुआ था और दोनों लम्बी-लम्बी साँसें ले रही थी। जब साँसें थोड़ा ठीक हुई तो बब्लू उस्कए ऊपर से हटा और बबली की चूत से य्सका पानी बाहर बह निकला। दीपू भैया ने उसको हिदायत दिया कि ऐसे वो बब्ली के भीतर नहीं निकाले और कल उसको दवा जरूर ला दे, फ़िर जब उनको हमने बताया कि बब्ली को हम अभी पाँच मिनट में दवा खिला देंगे तो वो आश्वस्त हो गये। फ़िर हम दीपू भैया और तनु को गुड नाईट बोल कर बाहर आ गए। बब्ली को लेकर बब्लू अपने कमरे में आया। उसको दबा खिलाने के बाद हमने उसको जाकर अब सोने के लिए कह दिया। वो बेशर्म, ऐसे ही नंगी अपनी चूत से बब्लू का पानी अपने जाँघ पर बहाते हुए नीएचे अपने कमरे एमं चली गई। उसको अब इसका दर भी नहीं था कि नीचे उसके मम्मी-पापा में से कोई शायद अपने कमरे से बाहर किसी काम के लिए आया हो।
खैर..... वह रात सच में एक गुड-नाईट था।
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