non veg kahani एक नया संसार
11-24-2019, 01:15 PM,
RE: non veg kahani एक नया संसार
"तू इतनी गहरी बातें कर सकती है यकीन नहीं होता नील।" सोनम दीदी की आवाज़ भर्रा गई___"तेरा इतना बड़ा दिल होगा मैने सोचा भी नहीं था। अपनी दीदी के लिए इतना बड़ा त्याग करना कोई मामूली बात नहीं है। इसके पहले मैं तेरी बातों से सचमुच तुझे ग़लत समझ बैठी थी किन्तु आख़िर की तेरी इस बात ने मुझे ये एहसास करा दिया कि ये प्यार भले ही अपने भाई से हो गया हो मगर इसमें कोई गंदगी तथा कोई पाप नहीं है।"

अभी सोनम दीदी ने ये कहा ही था कि तभी कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई और फिर मैं आदित्य के साथ अंदर आ गया। आते ही मैने अपने अंदाज़ में सबसे पहले नीलम को छेंड़ा जिस पर वह बस मुस्कुरा कर रह गई। उसके बाद मैंने उसे कहा कि डाॅक्टर ने कहा है कि हम तुम्हें ले जा सकते हैं। अतः अब चलो यहाॅ से। ख़ैर थोड़ी ही देर में मैं नीलम को लिए हास्पिटल से बाहर आया और कार की पिछली सीट पर उसे वैसे ही लेकर बैठ गया जैसे आते समय लेकर बैठा था। सोनम दीदी भी मेरे दूसरी साइड बैठ गईं। आदित्य कार की ड्राइविंग सीट पर बैठा ही था कि रितू दीदी भी आ गईं। रितू दीदी के बैठते ही आदित्य ने कार को आगे बढ़ा दिया।

लगभग पंद्रह मिनट में ही हम रेवती में शेखर के घर के सामने पहुॅच गए। हम सब कार से बाहर आये। नीलम ने कहा कि वो अब ठीक है और खुद अपने पैरों पर चल सकती है। अतः मैने उसे सहारा देकर कार से बाहर ले आया। उसके बाद हम सब घर के अंदर आ गए। अंदर ड्राइंगरूम में नैना बुआ तथा बिंदिया काकी थी। नैना बुआ ने जैसे ही हम सबको देखा वो भाग कर आईं और नीलम को अपने गले से लगाया ही था कि नीलम के मुख से कराह निकल गई। दरअसल नैना बुआ ने नीलम की पीठ के उस हिस्से पर अपनी बाॅह का कसाव कर दिया था गलती से, जहाॅ पर उसे गोली लगी थी।

नीलम की कराह सुन कर नैना बुआ जल्दी से नीलम से अलग हुईं और फिर उससे माफ़ी माॅगने लगीं। उनकी ऑखों में ढेर सारे ऑसू थे। कदाचित केशव जी यहाॅ आए थे और उन्होंने बुआ को सब कुछ बता दिया था। यही वजह थी कि नैना बुआ नीलम को देख कर भागते हुए आईं थी। ख़ैर, उसके बाद मैं सोनम के साथ नीलम को सहारा देते हुए उसे उसके रूम में ले आया और बेड पर करवॅट के बल आहिस्ता से लेटा दिया। मेरे पीछे पीछे ही बाॅकी सब आ गए थे। बिंदिया काकी की भी ऑखों में ऑसू थे। रितू दीदी थोड़ी पीछे खड़ी हुई थीं, उनकी ऑखें हल्का सुर्ख नज़र आ रही थीं। ऐसा लगता था जैसे वो रोई हों। मैं उन्हें देख कर चौंका और ऑखों के इशारे से ही पूछा कि क्या हुआ आपको? जवाब में उन्होंने सिर हिला कर बताया कि कुछ नहीं बस ऐसे ही।

इधर नैना बुआ नीलम के पास ही बेड पर बैठ गईं थी और उससे थोड़ी बहुत बातें कर रही थी। साथ ही अपने भाई को बुरा भला भी कहे जा रही थी। मैं कुछ देर तक रूम में रहा और फिर आदित्य के साथ ही बाहर आ गया।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
उधर मंत्री दिवाकर चौधरी के आवास पर।
अजय सिंह इस वक्त उसके पास ही सामने वाले सोफे पर बैठा था। अभी कुछ ही देर पहले चौधरी उसे अपने सोर्स से तथा अपने वकील को लेकर ज़मानत पर छुड़ा कर लाया था। गुनगुन में नया नया आया एसीपी उसे काफी शख्त मिजाज़ लगा था। किन्तु चौधरी का तो ये इलाका ही था अतः वो खुद भी किसी से डरने वाला नहीं था। कहने का मतलब ये कि बड़ी आसानी से वो अजय सिंह को छुड़ा लाया था। इस वक्त अजय सिंह अपना मुह लटकाए बैठा हुआ था। ड्राइंग रूम में इस वक्त वो दोनो ही थे।

"इतनी शातिर दिमाग़ वाली बीवी के रहते हुए भी तुम इतनी बुरी तरह से मात खा गए ठाकुर।" सहसा चौधरी ने अजय सिंह की तरफ देखते हुए कहा___"हैरत की बात है। अच्छा होता कि तुम हमें इस मामले में पहले से बताए होते तो हम इसमें ज़रूर तुम्हारी मदद करते। हमारे दखल पर यहाॅ की पुलिस में इतनी हिम्मत ही नहीं होती कि वहाॅ जा कर तुम सबको गिरफ्तार कर लेती। हम बड़ी आसानी से तुम्हारे उस भतीजे को और तुम्हारी दोनो बेटियों को पकड़ लेते। उसके बाद तो उनका खेल खत्म ही हो जाना था।"

"डबल बैकअप का प्लान भी अपनी जगह कमज़ोर नहीं था चौधरी साहब।" अजय सिंह ने गंभीरता से कहा___"हमने उन सबको लगभग पकड़ ही लिया था। मगर हमारी उम्मीद से परे वहाॅ भारी संख्या में पुलिस फोर्स आ गई और सबकुछ हमारे हाथ से निकल गया।"

"इसमें यकीनन तुम्हारी ग़लती है ठाकुर।" चौधरी ने पुरज़ोर लहजे में कहा___"तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को इस बात पर भी ग़ौर करना चाहिए था कि तुम्हारी बेटी, तुम्हारी बेटी होने के साथ साथ एक पुलिस वाली भी है जो ऐसे हालात पर अपने डिपार्टमेंट से पुलिस फोर्स को भी बुलवा सकती है। उस सूरत में तुम्हें हमसे संपर्क करना चाहिए था। हम इस समस्या का तुरंत समाधान करते। हम मंत्रियों के पास ऐसे हालात में पुलिस फोर्स को मनचाही जगह पर ले जाने का बहुत आसान तरीका आता है। कहने का मतलब ये कि हम आनन फानन में किसी जगह का दौरा करते जहाॅ पर भारी मात्रा में हम पुलिस को अपने पास बुला लेते। पुलिस डिपार्टमेंट को इतना जल्दी इतनी पुलिस फोर्स वहाॅ पर भेजने के लिए सोचना पड़ जाता।"

"मैं मानता हूॅ चौधरी साहब।" अजय सिंह ने नज़रें चुराते हुए कहा___"कि मैने आपको इस बारे में न बता कर भारी ग़लती की है। वरना आज ऐसा नहीं होता। मगर इसमें भी मेरी आपके लिए एक पाक़ भावना ही थी। मैं चाहता था कि ये सब होने के बाद मैं आपके सामने आपके उन दुश्मनों को लाकर आपको सर्प्राइज दूॅगा और यही मेरी दोस्ती व वफ़ादारी का प्रमाण भी होता। मगर अफसोस ऐसा नहीं कर पाया मैं। इसके लिए आप मुझे माफ़ कर दीजिए मंत्री जी। आपने मुझे अपना समझ कर जेल से भी छुड़ा लिया। इसके लिए मैं जीवन भर आपका आभारी और ऋणी रहूॅगा।"

"कोई बात नहीं ठाकुर।" चौधरी ने कहा___"जीवन में हार जीत का खेल तो चलता ही रहता है। इस लिए इसमें ज्यादा चिंता करने की कोई बात नहीं है। इस सबके बाद भी हम उन लोगों को बहुत जल्द पकड़ लेंगे। क्योंकि हमने इस सबके लिए एक जासूस को लगाया हुआ है। आज उसी ने बताया था कि माधोपुर में क्या हो रहा था? उस समय के हालात के अनुसार हमें लगा कि तुम यकीनन उनको पकड़ लोगे और फिर उन्हें हमारे सामने ले आओगे। इसी लिए हमने भी कोई ऐक्शन नहीं लिया। बाद में उस जासूस ने बताया कि वहाॅ पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स आई और तुम सबको पकड़ कर ले भी गई तो हमने सोचा चलो कोई बात नहीं तुम्हें तो हम जेल से छुड़ा ही लेंगे। किन्तु हमने जासूस को ये भी कहा कि ठाकुर की बेटी को गोली लगी है तो वो लोग उसका इलाज कराने हास्पिटल ज़रूर जाएॅगे। उसके बाद वो उस जगह जाएॅगे जहाॅ पर उन लोगों ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। बस उसके ठिकाने का पता चलते ही हम उसे उसके ही ठिकाने पर घेर लेंगे। हम चाहते तो उन लोगों को हास्पिटल में भी घेर सकते थे किन्तु हमने ऐसा नहीं किया। क्योंकि हमें सबसे पहले अपने बच्चों को तलाशना था और ये तभी हो सकता था जब वो लोग हास्पिटल के बाद अपने ठिकाने पर जाते। हमने उस जासूस को इसी का पता लगाने के लिए लगा रखा है। वो हमें बहुत जल्द सूचित करेगा कि उन लोगों का ठिकाना कहाॅ है। उसके बाद हम अपने आदमी लेकर जाएॅगे और उसके ठिकाने पर धावा बोल देंगे।"

"ये तो बहुत ही अच्छा किया है आपने।" अजय सिंह के चेहरे पर एकाएक ही रौनक आ गई___"इसका मतलब ये हुआ कि हम पूरी तरह से हारे नहीं हैं। बल्कि बाज़ी अभी भी हमारे हाॅथ में हैं।"

"बिलकुल।" चौधरी ने मुस्कुरा कर कहा___"बस जासूस के फोन आने की देर है। जैसे ही उसका फोन आया और उसने हमें बताया वैसे ही हम यहाॅ से चल पड़ेंगे।"
"वाह चौधरी साहब।" अजय सिंह के चेहरे पर खुशी की चमक आ गई___"मानना पड़ेगा आपको। आपने भी ऐसा कारनामा कर रखा है जिसके बारे में वो लोग सोच भी नहीं सकते हैं।"

अजय सिंह की बात पर चौधरी बस मुस्कुरा कर रह गया। कुछ देर उन दोनो के बीच और भी कुछ बातें हुईं उसके बाद अजय सिंह चौधरी से इजाज़त लेकर उसके आवास से अपने गाॅव हल्दीपुर के लिए निकल लिया। चौधरी ने उसे जाने के लिए अपनी एक जीप दे दी थी।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani एक नया संसार - by sexstories - 11-24-2019, 01:15 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,561,083 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 551,215 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,258,565 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 951,616 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,688,258 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,110,118 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,001,181 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,223,657 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,092,431 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,761 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)