Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 01:10 PM,
#46
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
ट्रेन प्लॅटफॉर्म पे आके रुकी...अनाउन्स्मेंट सुनाई दे रही थी...ट्रेन खाली होने लगी और बौगी में कुली जैसे लूटेरो की तरह आ धम्के...सब को जल्दी जल्दी बॅक सामान लेके उतारने के लिए रिकवेस्ट करने लगे...इनमें आदम भी शामिल था...तभी दो हट्टे कट्टे कुली अंदर आए और उन्होने आदम का नाम पूछा...आदम कुछ समझ ना सका...उसने थोड़ा कड़क अंदाज़ में बोला

आदम : आप लोगो को मेरा नाम कैसे पता?

कुली : जी दरअसल हमे आपके दोस्त ने ही अंदर भेजा है आपका समान उठवाने हम आपको सभी बौगी में ही तलाश कर रहे थे वो तो साहेब ने फोटो दिखाई इसलिए आपको देखके पहचान गये

आदम : मेरी फोटो? मेरे दोस्त ने ? (आदम कुछ समझ ना सका खैर आदम ने माँ के लिए कुछ सामान खरीदा था जो एक बॅग में था और दूसरा बॅग उसके वापिस दिल्ली आने के सामान से लदा हुआ था)

आदम बाहर आया तो पाया उसे सामने से एक 25 साल का वेल-बिल्ट नौजवान अच्छा कीमती सूट कोट पहना उसे आवाज़ दे रहा था खड़ा होके..."हे आदम इधर?"......आदम उसे पहचान गया उसे देखके उसे बड़ी हैरानी हुई....ये समीर था उसने अपने चश्मे को हटाया और मुस्कुराते हुए आदम के पास आया

समीर : हे मॅन (समीर ने आदम को गले लगा लिया आदम ने भी उसे इतने सालो बाद मिलने की खुशी में गले लगा लिया दोनो प्लॅटफॉर्म पे ही खड़े कुछ देर वैसे गले से गले मिले रहे)

आदम : ओह माइ गॉड अबे साले तू इतना मस्त कब्से हो गया? क्या बात है क्या कीमती सूट कोट कहीं किसी ऑफीस का सीईओ तो नही बना दिया तुझे

समीर : हाहाहा भाई मैं किसी की गुलामी नही करता सिवाय अपनी सोफीया के ..खैर मैं एक फर्म चलाता हूँ और मेरे अंडर एंप्लायीस का इंचार्ज भी मैं खुद हूँ

आदम : ओह तेरी वाहह आंटी की तो किस्मत खुल गयी तू इतना ज़िम्मेदार हो गया है तेरे लिए हमेशा दिल से दुआ रही है खुदा से मेरी

समीर : हाहाहा थॅंक्स बट दुआ मेरी भी रही कि मुझे मेरे यार से वापिस मिलवा दे इसलिए देख अभी नया नया बिज़्नेस क्या जमाया दिल्ली में? तेरे घर का पता कर लिया

आदम : वोई मैं सोचु साले तू मेरे घर तक कैसे पहुचा? याद आया मैने तुझे अपने पुराने घर का एरिया बताया था ओह्ह बेटे तू तो पूरा जासूस बन गया

समीर : भाई मेरे अपनो पर मेरी नज़र बहुत पैनी रहती है....जासूस नही किसी शिकारी भेड़िया की तरह सूंघ के निकाल लेता हूँ कि मेरे अपने इस वक़्त कहाँ है?

आदम : अच्छा आंटी कैसी है? मुझे तो लगता है वो तो बहुत ऐश कर रही होंगी तू मज़े जो कराता है इतने

समीर : ह्म अबे धीरे बोल पीछे कुली भी चल रहे है मैं जानता था तू इसी प्लॅटफॉर्म पे उतरेगा....आंटी ने सबकुछ बता दिया

आदम मुस्कुराया सच में उसकी माँ अंजुम भी बड़ी तेज़ है...खैर उसे दिल्ली आके ये सर्प्राइज़ पसंद आया था...समीर ने कार की डिकी खुलवाई और उसमें कुली को अहेतियात से सामान रखने को कहा...आदम पे करना चाह रहा था पर समीर ने मना कर दिया...आदम सिर्फ़ मुस्कुराया

दोनो गाड़ी में सवार होके स्टेशन से घर की ओर निकल पड़े....समीर ने ए सी ऑन कर दिया जिसकी ठंडी हवा से दोनो ही बाहर की चिलचिलाती गर्मी से अब राहत महसूस कर रहे थे....

समीर : और बता? क्या पुआ पकाया गाओं में?

आदम : कुछ नही बस थोड़ा सा फन थोड़ा सा बिस्तर गरम किया (आदम समीर के सामने खुल चुका था)

आदम उसे अपने टाउन की सारी स्टोरी बताने लगा...समीर चाव से सुन भी रहा था...फिर रूपाली के साथ रिश्ता टूटने की पूरी कहानी और वापिस दिल्ली आने की पूरी ब्यानात को सुनके समीर आदम की तरफ गंभीरता से देखने लगा...."यार तू भी ना? क्या ज़रूरत थी? बेहेन्चोद भाभी को प्रेग्नेंट कर दिया तबस्सुम दीदी तक को..और यहाँ अपनी माँ को अकेला छोड़ा जिसके लिए अब जाके तेरे दिल में हसरत उमड़ी साले तुझे चंपा जैसी औरत ही मिली थी अपना कुँवारापन खोने के लिए"......समीर ने आदम को सुनाते हुए कहा

आदम : हाहाहा अर्रे यार क्यूँ नाराज़ होता है? अब हर माँ तेरी माँ की तरह तो नही हो सकती ना

समीर ने गाड़ी थोड़ी फास्ट कर दी शायद उसे थोड़ा गुस्सा आ गया था..."मेरी माँ मुझे कभी भी उन निगाहो से नही देखती थी...पर याद रख औरत को मर्द का प्यार सच्चा दिखना चाहिए तभी वो अपनी पूरी ज़िंदगी उसके साथ बिताने का इरादा रखती है और ये ट्रूथ है कि मैने सोफीया को छोड़के किसी और की तरफ नज़रें उठाके नही देखा कभी भी नही".........आदम चुपचाप मुस्कुरा रहा था उसने समीर के कंधे पे हाथ रखा

आदम : जानता हूँ यार तेरा यही जुनून और दीवानगी ही तो तुझे सबसे यूँ अलग कर देती है

समीर : ह्म खैर अभी दोपहर है मेरे साथ थोड़ा टाइम स्पेंड कर फिर शाम तक घर हो लेना

आदम : अर्रे नही यार माँ इन्तिजार करेगी

समीर : आए हाए माँ इन्तिजार करेगी साले 1 साल तक तो उसके इन्तिजार को तूने कोई अहमियत नही दी अपना पानी पराई औरतो की बच्चेदानी में छोड़ता आया और बात करता है माँ के अकेलेपन और इन्तिजार की....देख मैने तेरी माँ से वादा किया है कि तू अब वापिस नही जाएगा

आदम : हां हां उनकी सेवा करूँगा और उन्हें बिल्कुल अपनी बीवी जैसा रखूँगा जैसे समीर रखता है अगर वापिस होमटाउन की तरफ रुख़ किया तो मेरी गान्ड पहले मेरा दोस्त मारेगा फिर बाद मे मेरी माँ से मरवाएगा

समीर : हाहहा साले तू भी ना (समीर और आदम दोनो ठहाका लगाए एकदुसरे के कंधे पे थापि मारते हुए हँसने लगे)
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