Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 12:44 PM,
#21
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
तीनो चाइ पीने लगे और आपस मे बातें कर रहे थे

दादी: अर्रे ओ शांति

शांति: जी आई मा जी (शांति डाइनिंग टेबल के पास आकर दादी से पूछती है)

दादी: शांति ऐसे कर तू रात का खाना भी अभी बना दे और फिर घर चली जाना तू भी दो दिन से अपने घर नही गयी है
शांति: ठीक है माँ जी

और शांति किचन मे जाकर रात के खाने की तैयारी करने लगी चाइ पीकर गुरमीत और लकी अपने -2 रूम मे चले गये गरमी और सफ़र की थकान के कारण उनको काफ़ी थकावट हो गयी थी दोनो थोड़ी देर के लिए सो गये

रात के 9 बजे लकी की आँख खुली उसने घड़ी मे टाइम देखा और जल्दी से बेड से उतर कर नीचे हाल मे आ गया नीचे एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था लकी सीधा दादी के रूम मे गया दादी बेड पर लेटी हुई थी

दादी: (लकी को देखते हुए) उठ गया बेटा

लकी: जी दादी आप ने खाना खाया कि नही

दादी: मेने तो खा लिया तुझे तो पता है मुझसे सीडीया नही चढ़ि जाती इसीलिए मे तुम्हें उठाने नही आई मेने गेट लॉक कर दिया अब तू अपना और गुरमीत का खाना ऊपेर ही लेजा

लकी: और शांति कहाँ है

दादी: तेरे सामने तो ही कहा था वो अपने घर गयी हैं दो दिन से नही गयी थी

लकी: ठीक है दादी आप सो जाओ मे खाना खुद ही ले लेता हूँ

और लकी ने किचन मे जाकर अपने और गुरमीत के लिए खाना लिया और ऊपेर आ गया ऊपेर आकर उसने गुरमीत के रूम के डोर को नॉक किया पर कोई जवाब नही आया लकी ने डोर को धकेला तो डोर खुल गया लकी अंदर आ गया गुरमीत बेड पर लेटी हुई थी शायद अभी भी नही जागी थी गुरमीत ने ब्लू कलर की शॉर्ट नाइटी पहनी हुई थी जो उसकी जाँघो को भी छुपा नही पा रही थी लकी ने अंदर से डोर को लॉक किया और खाने की प्लेट को टेबल पर रख दिया और गुरमीत के पास बेड पर जाकर बैठ गया उसकी नज़र गुरमीत के हसीन चहरे से हट नही रही थी लकी गुरमीत के ऊपेर झुक गया और उसको बालों को उसके फेस पर से हटा कर अपने हाथ को गुरमीत के गाल पर रख दिया गुरमीत की नींद टूटी उसने अपनी आँखों को खोला और सामने लकी के चहरे को देख कर मुस्कुराने लगी गुरमीत ने बड़ी अदा से अंगड़ाई ली और लकी के गले मे बाहें डाल दी लकी ने झुक कर उसके होंटो को अपने होंटो मे ले लिया गुरमीत भी अपने होंटो को ढीला छोड़ कर लकी से अपने होंटो को चुसवाने लगी 2 मिनट किस करने के बाद लकी ने गुरमीत को उठा कर बैठा दिया और खाने की प्लेट को बेड पर ले आया गुरमीत लकी को देख कर मुस्कुराए जा रही थी

लकी: क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो

गुरमीत; लकी क्या तुम शादी के बाद भी मेरा ऐसे ही ख़याल रखोगे

लकी: हां क्यूँ नही बस तुम एक बार मेरी दुल्हन बन कर इस घर मे आ जाओ चलो अब खाना खा लो

गुरमीत: नही मुझ भूख नही है

लकी: भूख तो मुझे भी नही पर थोड़ा सा खा लो

दोनो खाने लगे खाने के बाद लकी झूठे बर्तनो को नीचे किचन मे रख कर वापिस आ गया गुरमीत रूम मे एक खिड़की के पास खड़ी हो कर बाहर देख रही थी लकी ने उसे पीछे से आकर बाहों मे भर लिया गुरमीत ने भी लकी के हाथों के ऊपेर अपने हाथ रख दिए

गुरमीत: लकी जब से तुम मेरी जिंदगी मे आए हो मेरी दुनिया रंगीन हो गयी है पहले तो मेरी जिंदगी बेजान सी थी

लकी: (लकी ने खिड़की को बंद किया और गुरमीत को अपनी बाहों मे उठा लिया ) तुम आगे देखते जाओ मैं तुम्हारी जिंदगी मे दुनिया के सारे रंग भर दूँगा (और लकी गुरमीत को अपने बाहों मे उठा कर बेड पर लेटा दिया)


गुरमीत के दिल की धड़कन बढ़ने लगी लकी बेड के पास खड़ा था उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने चालू कर दिए गुरमीत लकी को देख कर शरमा रही थी लकी ने एक बाद एक सारे कपड़े उतार दिए अब वो सिर्फ़ अंडरवेर मे था जो आगे से उभरा हुआ था जैसे ही गुरमीत के नज़र लकी के उभरे अंडरवेर पर गई उसके बदन मे सरसराहट होने लगी लकी ने अपना अंडरवेर भी उतार दिया गुरमीत की आँखें लकी के फन्फनाते लंड पर ठहर गयी एक पल देखने के बाद गुरमीत ने शरमा कर अपनी आँखें बंद कर ली लकी बेड पर चढ़ कर गुरमीत की तरफ करवट के बल लेट गया और गुरमीत को अपनी तरफ खींच कर उसे अपने से चिपका लिया और गुरमीत के होंठो पर अपने होंठो को रख दिया गुरमीत मस्त होने लगी लकी ने गुरमीत को अपने ऊपेर खींच लिया अब लकी गुरमीत के नीचे लेटा हुआ था गुरमीत की टाँगें लकी की जाँघो के दोनो तरफ थी लकी ने गुरमीत के होंठो को चूस्ते हुए उसकी शॉर्ट नाइटी को उसकी कमर तक चढ़ा दिया और उसकी पैंटी मे हाथ डाल कर उसके चुतड़ों को पकड़ कर सहलाने लगा गुरमीत के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी उसका पूरा बदन काँपने लगा चूत के फाँकें और छेद फुदकने लगा गुरमीत लकी के छाती से एक दम चिपक गयी लकी ने गुरमीत के दोनो चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया

गुरमीत: (अपने होंठो को लकी के होंठो से अलग करती हुई) ओह लकी क्या कर रहे हो मुझे यूँ शर्मिंदा तो ना करो

लकी ने अपने एक हाथ के उंगली को गुरमीत की गान्ड के छेद पर लगा दिया और रगड़ने लगा जैसे -2 लकी की उंगली गुरमीत की गान्ड के छेड़ पर रगड़ खाती गुरमीत के कमर उसी तरह झटके खाने लगती

गुरमीत: अहह ओह लकी नही आ अहह अहह ओह नहियीई

लकी ने अपने दोनो हाथों को गुरमीत की पैंटी से निकाला और गुरमीत की नाइटी को पकड़ कर ऊपेर करने लगा गुरमीत इस कदर चुदास से भर गयी थी उसने अपनी नाइटी को निकाल कर फर्श पर फेंक दिया

गुरमीत: ओह लकी अब बर्दास्त नही होता (और गुरमीत ने अपने ब्रा के हुक्स को खोल कर ब्रा उतार दी गुरमीत की 38 साइज़ की गोरे रंग की चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी लकी ने उसे अपने ऊपेर खींचा और उसे अपने ऊपेर लिए हुए करवट बदल कर खुद गुरमीत के ऊपेर आ गया )

लकी: बर्दास्त तो मुझसे भी नही हो रहा जान

और लकी गुरमीत को चुचि को मुँह मे ले लिया गुरमीत के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी उसकी चुचियों के निपल एक दम तन चुके थे लकी पूरे ज़ोर से गुरमीत की चुचियों को चूस रहा था गुरमीत की चूत से पानी आने लगा लकी का तना हुआ लंड पैंटी के ऊपेर से गुरमीत की चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था गुरमीत ने लकी को अपनी बाहों मे कसा हुआ था

गुरमीत: लकी ओह्ह्ह्ह हन्ंनणणन् मेरे निपल्स को ऐसे ही चूस्ते रहो ओह बड़ा मज़ा आ रहा है ओह लकी और ज़ोर से चूसो अहह ये सब तुम्हारा ही है लकी अहह

गुरमीत अपने दोनो हाथों को नीचे ले जाकर अपनी पैंटी को उतारने लगी पर वो पैंटी को सिर्फ़ अपने जाँघो तक ही सरका पे क्यों कि लकी उसके ऊपेर लेटा हुआ था लकी ने गुरमीत की चुचि को मुँह से निकाल कर दूसरी चुचि को मुँह मे ले लिया और चूसने लगा गुरमीत ने अपने एक हाथ से लकी लंड को पकड़ और अपनी चूत पर रगड़ने लगी

गुरमीत: अहह ओह लकी जल्दी घुसा ना ओह मुझ रहा नही जा रहा जल्दी घुसाओ अपना लौडा मेरी फुद्दि मे अहह

लकी सीधा ने सीधा होकर जाँघो मे अटकी पैंटी को निकाल दिया और अपने फन्फनाते लंड के सुपाडे को गुरमीत की चूत के छेद पर टिका दिया

लकी: घुसाऊं

गुरमीत ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपनी होंठो को अपने दाँतों से काटते हुए हां मे सर हिला दिया लकी गुरमीत की जाँघो को पकड़ कर एक ज़ोर दार झटका मारा लंड गुरमीत के नाज़ुक छूट के दीवारों को फैलता हुआ अंदर घुस्स गया गुरमीत के मुँह से घुटि हुई चीख निकल गयी गुरमीत ने गहरी साँसें लेते हुए अपनी आँखों को खोला और लकी की तरफ देखा

गुरमीत: तुम्हें मुझ पर ज़रा भी तरस नही आता

लकी: इसमे मेरा क्या कसूर है तुम्हारी चूत को देख मेरा लौडा बेकाबू हो जाता है

और लकी गुरमीत के ऊपेर झुक गया और होंठो को चूसने लगा गुरमीत ने अपने बाहों को लकी के गले मे डाल लिया वो लकी के बालों और पीठ को सहला रही थी लकी नीचे धीरे-2 अपनी कमर हिलाने लगा लंड चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होने लगा गुरमीत अपने होंठो को फैला कर लकी से चुस्वा रही थी लकी बारी -2 गुरमीत के दोनो होंठो को अपने होंठो मन लेकर चूस रहा था गुरमीत अब एक दम गरम हो चुकी थी और उसने अपनी टाँगों को फैला कर ऊपेर उठा कर लकी की कमर पर रख लिया लंड जड तक अंदर जाने लगा और गुरमीत की बच्चेदानी पर चूत करने लगा
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