Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:38 PM,
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज का मन तो कर रहा था, कि वो अभी उसे घसीटते हुए अंदर ले जाए. पर जब प्यार से बात बन रही है, तो वो अपना मूड खराब नही करना चाहता था. इस लिए राज कार से नीचे उतरा, और उन दोनो आदमियों की तरफ गया. दोनो आदमी राज को देख कर भागते हुए उसके पास आए.

राज : सुनो तुम दोनो यहाँ से थोड़ी दूरी पर जाकर बैठो. और दूर से ही नज़र रखना.

आदमी: जी मालिक.

और दोनो आदमी वहाँ से चले गये. जब दोनो आदमी पूनम की नज़रों से ओझल हो गये, तो पूनम कार से नीचे उतरी. और राज के साथ हवेली के अंदर जाने लगी. दूसरी तरफ जैसे ही साहिल और सुमन हवेली के पास पहुँचे . तो उन्होने देखा कि, कि दो आदमी रास्ते पर ही बैठे हुए थे. दोनो झाड़ियों मे छुप गये.

सुमन: (तेज़ी से साँस लेते हुए) ये तो राज के आदमी है. और हवेली तक जाने का यही एक रास्ता है.

साहिल: अब क्या करें. ये तो बहुत बड़ी गड़बड़ हो गयी. वहाँ पर पूनम उस वहशी के साथ अकेली है. अब क्या किया जाए.

सुमन: तुम यहीं रूको. मैं इनका कुछ करती हूँ.

ये कह कर सुमन झाड़ियों से निकल कर बाहर आ गयी. और उसी तरफ जाने लगी. जिस तरफ से वो आई थी. सुमन के पैरों की पायल की आवाज़ सुन कर दोनो आदमी चोंक गये. उनमे से एक ने दूसरे से कहा.

आदमी: अर्रे रघु वो देख. इतनी रात मे कॉन औरत जा रही है.

रघु: अबे साले चुप चाप बैठा रह. बाबू जी ने हमे ध्यान रखने के लिए कहा था ना.

कल्लू: अबे बाबू जी तो लगता है अंदर अपनी रात रंगीन कर रहे हैं. वो अब सुबह से पहले बाहर नही आएँगे. चल हम भी चल कर अपनी रात रंगीन करते हैं.

रघु: चल देखे तो सही ये छमियां है कॉन. और इस समय यहाँ क्या कर रही है.

रघु और कल्लू दोनो सुमन के पीछे जाने लगे. जैसे ही सुमन को पता चला कि, दोनो उसके पीछे आ रहे हैं. तो उसने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. और एक खेत मे उतर गये. बाज़रे के खेत मे फसल काफ़ी उँची-2 हो चुकी थी. जैसे ही साहिल ने देखा कि, दोनो आदमी सुमन के पीछे चले गये हैं. वो जल्दी से झाड़ियों से बाहर आया, और हवेली की तरफ भागा. उधर सुमन उन दोनो को खेतो मे उलझाए हुए थी.

साहिल ने किसी तरहा हवेली की दीवार फांदी , और अंदर चला गया. जब सुबह साहिल हवेली मे आया था. तो उसने मुंशी से हवेली की सारी मालूमात कर ली थी. इसीलिए वो अच्छे से जानता था कि, राज और पूनम किस रूम मे होंगे. जैसे ही साहिल उस रूम के सामने पहुँचा , तो उसने वहाँ रूम के बाहर टेबल पर रखी हुई पिस्टल देखी. जो कि शायद राज की थी.

पूनम ने साहिल की हर मुश्किल का पूरी चालाकी से हल कर दिया था. साहिल ने पिस्टल उठाई, और उसे तैयार किया, और धीरे-2 रूम के डोर के पास गया. और अपना कान डोर पर लगा कर अंदर का जायज़ा लेने की कॉसिश करने लगा. दूसरी तरफ सुमन की पायल की आवाज़ का पीछा-2 करते-2 दोनो आदमी बहुत दूर आ चुके थे. पर दोनो मे से किसी को सुमन दिखाई नही दे रही थी.

उधर हवेली मे साहिल अपने कान को डोर पर लगाए, अंदर हो रही बात को सुनने की कॉसिश कर रहा था. उसे अंदर से पूनम की हल्की -2 करहाने की आवाज़ आ रही थी. साहिल का खून खोल उठा. उसने अपनी पूरी ताक़त के साथ दरवाजे को धकेला. डोर तो बंद ही नही था. डोर खुलते ही दीवार से जा टकराया. अंदर राज पूनम के ऊपेर सिर्फ़ अंडरवेर पहने लेटा हुआ था. साहिल को अपने सामने देख राज एक दम भौंचक्का रह गया.

एक पल के लिए उसका दिमाग़ सुन्न पड़ गया. पर जैसे ही राज ने साहिल के हाथ मे अपना लोडेड पिस्टल देखा, तो वो एक दम से घबरा गया. और बेड से उठ कर खड़ा हो गया, और साहिल की तरफ बढ़ने लगा.

साहिल: वही रुक जाओ. (अपने उंगली को ट्रिग्गर पर लगा दिया)

राज : वहीं रुक गया

राज : तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? (पर अगले ही पल राज के दिमाग़ मे बहुत सारे सवाल घूमने लगी, और उसके मुँह निकला) कॉन हो तुम ?

साहिल: क्या करोगे मेरे बारे मे जानकर. वैसे भी आज तुम मरने वाले हो.

राज : पर तुम मुझ क्यों मारना चाहते हो ?

साहिल: वो भी पता चल जाएगा.

राज : देखो बेबकूफी मत करो. तुम जानते नही हो. तुम किसेसे उलझ रहे हो ?

साहिल: मैं नही जानता. मैं तो तुम्हारी रग-2 से वाकिफ़ हूँ.

राज साहिल की बात को सुन कर सोच मे पड़ गया. आख़िर ये कॉन हो सकता है. जो मुझे मारना चाहता है. मैने तो इसे पहले कभी नही देखा.

राज : देखो तुम्हे जो चाहिए मैं वो तुम्हे दूँगा. पर ये पिस्टल मुझे पकड़ा दो.

ये कहते हुए राज साहिल की ओर बढ़ा. पर जैसे ही उसने पहला कदम उठाया. एक गोली, दाग दी गयी. जो सीधा राज के घुटने पे जा लगी. पिस्टल से चली गोली की आवाज़ हवेली की मजबूत दीवारों मे क़ैद से होकर रह गयी. जो उसके दूर जा चुके आदमी नही सुन पाए.

राज लड़खड़ा गया. अपने ऊपर हुए इस हमले से राज बौखला उठा, दहाड़ते हुए, साहिल की ओर झपटा. पर साहिल इसके लिए पहले से तैयार था. साहिल ने दूसरा फाइयर क्या, जो राज की दूसरी टाँग पर लगा. और इस बार राज फर्श पर जा गिरा. राज दर्द से कराह रहा था. पूनम अपनी आँखों मे आँसू लिए, कभी राज की तरफ देखती, तो कभी साहिल की तरफ.

साहिल ने पूनम को अपनी तरफ आने का इशारा किया, पूनम ने अपनी साड़ी ठीक की, और साहिल के पास आकर उसके गले से लग गयी.

राज : क्यों, आख़िर कौन हो तुम. मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है. (राज ज़मीन पर पड़ा, दर्द से तिलमिला रहा था)

साहिल: सोचो. आज तक तुमने किसका क्या-2 बिगाड़ा है. चलो तब तक मैं तुम्हे नही मारता.

राज एक बार तो सोच मे पड़ गया. पर उस टाइम सोचने की ताक़त भी कहाँ थी. राज दर्द से तड़प रहा था.

साहिल: क्यों कुछ याद आया.

राज ने ना में सर हिला दिया. अब उसे साँस लेने मे तकलीफ़ होने लगी थी.

पूनम: बाबू जी हमारे पास जयदा टाइम नही. ख़तम करो इस दरिंदे को.

साहिल: (राज की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए) चलो मैं ही बता देता हूँ मामा जी. कि आप ने मेरा क्या बिगाड़ा है ?

राज : (जैसे ही राज ने साहिल के मुँह से मामा जी का शब्द सुना, तो उसे अपने अतीत में जो करम किए थे. वो सब उसकी आँखों के सामने घूमने लगे) कौन मामा जी. कौन हो तुम ?

साहिल: क्यों अब अपने भानजे को भी नही पहचानते ?

राज : ( राज के ऊपेर तो जैसे आसमान ही गिर पड़ा हो) नही ये नही हो सकता. साहिल को तो मैने अपने हाथों से मारा था. और उसकी लाश को भी गढवा दिया था. तुम झूठ बोल रहे हो.

साहिल: एक बात समझ लो राज कि, मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है. तुम चाहे अपनी दौलत और रुतबे के कारण अंधे होकर अपने आप को भगवान समझते रहे होगे. पर असल भगवान के आगे किसी की नही चलती. शायद उसी ने मुझे अब तक बचा कर रखा था. कि मैं तुम जैसे दरिंदे का अंत कर सकूँ.

साहिल ने पिस्टल को उसके सर के ऊपेर लगा दिया. राज को मालूम था कि, अब उसका अंत आ चुका है. उसने अपनी आँखे बंद कर ली. और साहिल ने एक बार फिर से ट्रिग्गर दबा दिया. इस बार गोली राज के सर को फाड़ते हुए अंदर घुस गयी. राज वहीं उसी पल ज़मीन पर धराशाई हो गया. साहिल थोड़ा पीछे हटा, और वहीं ज़मीन पर बैठ कर ज़ोर-2 से रोने लगा.

पूनम: बाबू जी चलिए उठिए. अब हम यहाँ नही रुक सकते.

पर साहिल को जैसे पूनम की आवाज़ सुन ही नही रही थी. पर पूनम ने भी हार नही मानी. उसने अपनी पूरी ताक़त लगा कर साहिल को उठाया. और साहिल के गालों पे थपकी देने लगी. जैसे उसे होश मे लाने की कॉसिश कर रही हो.

पूनम: बाबू जी बाबू जी.

साहिल : (एक दम चोन्कते हुए) हाँ हाअ.

पूनम: बाबू जी अब निकलो यहाँ से.

और पूनम साहिल को लेकर हवेली के आँगन मे आई. और दीवार को फाँद कर दोनो बाहर आ गये. दूसरी तरफ राज के दोनो आदमी सुमन का पीछे करते-2 हार मान चुके थे. वो वापिस आकर वहीं बैठ गये. पर तब तक पूनम और साहिल दोनो उसी जगह पहुँच चुके थे. यहाँ साहिल पूनम को छोड़ कर गया था.

कुछ देर बाद सुमन भी छुपाते छुपाते वहाँ पहुँच गयी. और उसके बाद तीनो हवेली वापिस आ गये.


तीनो हवेली पहुँच गये. इस दौरान तीनो मे से किसी को भी किसी ने नही देखा. हवेली के बाहर खड़े पहरेदार इस बात के गवाह थे, कि तीनो मे से हवेली के बाहर कोई नही गया. अगले दिन सुबह जब राज खेतो मे बनी हवेली से बाहर नही आया तो, उसके आदमियों मे हड़बड़ी मच गयी. उनमे से किसी ने हवेली की दीवार को फाँद कर हवेली का गेट खोला. जब सब लोग हवेली के अंदर आ गये. तो सामने का नज़ारा देख सब लोगो के होश उड़ गये.

राज का शव खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ा था. राज के आदमियों मे भगदड़ मच गयी. और उन्हो ने इस बात की इत्तिला सुमन और राज के दोस्तो को की. जब सुमन और विशाल दोनो खेतों मे बनी हवेली मे पहुँचे , तो वहाँ पहले से पोलीस माजूद थी. इनस्पेक्टर वहाँ पर राज के आदमियों से पूछ ताछ कर रहा था. उसके बाद उसने सुमन से पूछ ताछ की और राज की डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए ले गये.

पूरे गाँव मे दहशत सा महॉल बन गया था. राज की मौत की बात जंगल की आग की तरहा पूरे इलाक़े मे फैल गयी. पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट से भी पोलीस वालो को कोई सुराग नही मिल पाया. और राज की डेड बॉडी सुमन को सोप दी गयी. दाह संस्कार के लिए.

दाह संस्कार मे राज के सभी रिश्तेदार शामिल थे. इस मर्डर केस की महीनो जाँच होती रही पर. कोई सबूत हाथ ना लगा. आख़िर कार पोलीस ने इस केस को बंद कर दिया. वैसे भी राज पोलीस वालो के लिए सर दर्द बना हुआ था. अपने काले धंधों को लेकर.

जिस दिन राज के केस की फाइल क्लोज़ हुई, उसी दिन सुमन साहिल को लेकर चंडीगढ़ उसके नाना नानी के घर लेकर आ गयी. उसके नाना नानी अब उम्र के आख़िरी पड़ाव पर थे. जब सुमन ने उनको साहिल के बारे मे बताया, तब वो दोनो बहुत खुश हो गये. आख़िर उन्हें भी अपने बुढ़ापे का सहारा जो मिल गया था.

सुमन: (साहिल से) साहिल अब मे वापिस जा रही हूँ. तुम्हे तुम्हारी नयी जिंदगी मे दुनियाँ की सारी खुशियाँ मिले.

साहिल : पर मम्मी ये खुशियाँ आप सब के बिना अधूरी है. और खास तोर पर पायल के बिना.

साहिल की बात सुनते ही, सुमन के होंठो पर मुस्कान आ गयी. और वो उसके गालों को थपथपाते हुए बोली, “ तुम्हे तुम्हारी हर खुशी मिलेगी” अभी तुम अपने फ्यूचर पर ध्यान दो.

दा एंड.
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