RE: Incest Kahani बाप के रंग में रंग गई बेटी
मनिका!'
'जी पापा..?' मनिका उनके संबोधन से उचक गई थी और उसने सहमी सी आवाज़ में पूछा.
'तुम जरा टी.वी ऑफ करके बेड में बैठो. मैं टॉयलेट जा कर आता हूँ.' जयसिंह ने कहा.
'जी...' मनिका ने छोटा सा जवाब दिया.
बाथरूम में जयसिंह का दीमाग तेजी से दौड़ रहा था, 'आखिर क्यूँ मनिका ने ऐसे कपड़े पहन लिए थे?' उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था पर उनका एक काम बन गया था, 'थैंक गॉड मैंने मनिका को देख चेहरे पर कोई भाव नहीं आने दिए वरना खेल शुरू होने से पहले ही बिगड़ जाता.' उन्होंने अपने फड़फड़ाते लंड को मसल कर शांत करते हुए सोचा. जयसिंह जानते थे कि लड़की उसे देखने वाले की नज़र से ही उसकी नीयत भांपने में माहिर होती है और उन्होंने बड़ी ही चालाकी से मनिका को यह एहसास नहीं होने दिया था. जयसिंह ने जाने-अनजाने में ही बेहद दिमागी चाल चल डाली थी, उन्होंने मनिका को एक पल देखने के बाद ही ऐसा व्यक्त किया था जैसे सब नार्मल हो, अगर उन्होंने अपने चेहरे पर अपनी असली फीलिंग्स जाहिर कर दी होती तो मनिका जो अभी सिर्फ उनके सामने असहज थी, उनसे सतर्क हो जाती.
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