RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
इधर प्रेम के लंड को देख कर विनीता बहुत ही हैरान थी उसे जैसे विश्वाश ही नही हो रहा था कि किसी का लंड इतना लंबा भी हो सकता है, तभी उसने गोर किया कि उसकी जाँघो के बीच कुछ गीला-गीला सा लग रहा है उसकी चूत उस लंड को देख कर गीली हो गयी थी ना जाने क्यो विनीता के होटो पर एक मुस्कान सी आ गयी और ठीक उसी पल प्रेम ने अपना पानी गिरा दिया 8-10 गढ़े सफेद रस की धार निकल कर धरती पर गिर पड़ी
आज से पहले इतना पानी कभी नही गिराया था प्रेम ने क्या ये उसकी उषा के प्रति बदली सोच के असर से था , प्रेम ने अपनी पॅंट की ज़िप बंद ही की थी कि तभी दीवार की साइड से विनीता निकल आई उसे देख कर प्रेम सकपका सा गया और थूक गटाकते हुए बोला चाची आप कब आई तो विनीता मन ही मन हँसते हुए बोली अरे बेटा बस आई ही हूँ विनीता कुँए से पानी भरने लगी और प्रेम वहाँ से भाग लिया
रात का टाइम था विनीता अपने पति के साथ बिस्तर पर जिस्मो का खेल खेल रही थी उसकी मस्त आहों से कमरा गूँज रहा था और जैसे ही वो अपने सुख को पाई उसकी आँखे मस्ती से बंद हो गयी और उसके सामने प्रेम के लंड की तस्वीर आ गयी तो रस बहाती उसकी चूत से एक धार और बह निकली उसका पति भी अपना काम पूरा करके साइड मे लुढ़क गया था प्रेम के लंड को याद करके विनीता के चेहरे पर एक मंद मुस्कान आ गयी उसका हाथ अपने आप उसकी चूत पर चला गया
वो लगातार प्रेम के बारे मे सोचे जा रही थी तो उसकी चूत फिरसे गीली होने लगी थी अनायास ही वो अपने ख़यालो मे गुम अपनी चूत के दाने से छेड़खानी करने लगी थी तो उसके जिस्म के तार फिर से उस मीठी सी धुन पर झन झनाने लगे थे उसने अपनी आँखे बंद कर ली और सोचने लगी कि कोई खुशनसीब ही होगी जो उस मस्त लंबे लंड से चुदेगि एक पल के लिए विनीता शरमा गयी
उसने अपने बदन पर एक चादर सी लपेटी और बाथरूम मे घुस गयी चूत से रिस्ता पानी उसकी टाँगो तक आ रहा था वो खुद भी जानती थी कि आज से पहले इतनी जल्दी वो कभी भी दुबारा उत्तेजित नही हुई थी विनीता के ख़यालो मे बार बार प्रेम का वो मूसल जैसा लंड ही आ रहा था बाथरूम मे जाकर उसने अपनी चादर को साइड मे रखा और अपनी टाँगो को चौड़ा करते हुए खड़ी हो गयी
अब वो अपनी बीच वाली उंगली चूत की लंबी सी दरार पर रगड़ने लगी उसकी चूचियो के निप्पल्स अब डेढ़ इंच तक बाहर को निकल आए थे विनीता थी भी तो बहुत ही खूबसूरत मादकता से भरा हुआ प्याला धीरे धीरे वो अपनी उंगलिया चूत पर रगड़ने लगी तो उसके जिस्म मे वासना की चिंगारी शोलो मे बदलने लगी उसकी टाँगे काँपने लगी थी उसके मोटेमोटे चूतड़ बुरी तरह से हिल रहे थे
उसके होटो से हल्की हल्की सिसकिया सी फूटने लगी थी, करीब 8-10 मिनिट तक वो चूत मे उंगली करती रही वो जैसे पागल ही होगयि थी उत्तेजना से और फिर आख़िर चूत से पानी की धार निकल पड़ी और उसी वक़्त विनीता के मूह से निकल आया :प्रेम, बेटे चोद दे अपनी चाची की मार ले मेरी निगोडी चूत को ओह हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
विनीता आज बहुत ही बुरी तरह से झड़ी थी लगा जैसे उसकी टाँगो मे कोई जान ही ना बाकी रही हो कुछ देर बाद उसने अपने आप को संभाला शरीर को सॉफ किया और फिर आकर सो गयी, उधर, दूसरी तरफ प्रेम की आँखो मे भी नींद नही आ रही थी आज सुबह उसने अपनी दीदी उषा को सोच कर लंड हिलाया था तो उसे बहुत ही मज़ा आया था बिस्तर पर करवट बदलते हुए प्रेम सोच रहा था कि क्या उषा दीदी उस से चुदने को राज़ी हो जाएँगी
प्यास के मारे उसका गला सुख रहा था तो वो पानी पीने के लिए रसोई की तरफ जाने लगा तो उसने देखा की आँगन का बल्ब जल रहा है उसने सोचा कि घरवाले बंद करना भूल गये होंगे तो वो उसको बंद करने के लिए जैसे ही आगे को चलता है तभी उसे उषा दिखती है पेशाब करते हुए उसका मूह दूसरी साइड मे था, और लाइट मे उसकी गान्ड की बस एक झलक ही काफ़ी थी प्रेम के लंड को खड़ा करने को
उषा की चूत से गिरते पेशाब की सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर उसरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ से प्रेम रोमांचित होने लगा था , उषा के गोल गोल चूतड़ प्रेम की नसों मे गर्मी भर रहे थे उसका दिल किया कि अभी दीदी को पटक कर चोद देता हूँ पर किसी तरह अपनी भावनाओ को काबू कर लिया उसने , फिर उषा खड़ी हुई और अपनी सलवार बाँधने लगी तो वो उधर से खिसक लिया
अगली सुबह सुधा को पता चला कि प्रेम अभी तक सोया हुआ है तो वो उसको जगाने के लिए उसके कमरे मे गयी, गहरी नींद मे सोया प्रेम बड़ा ही मासूम लग रहा था पर सुधा उसको झींझोड़ कर जगाने लगी तो प्रेम की चादर हट गयी प्रेम रात को बस कच्चा-बनियान मे ही सोता था तो जैसे ही सुधा की निगाह उसके कच्चे पर पड़ी उसने देखा कि प्रेम का लंड पूरी तरह से तना हुआ था
और आधा लंड को कच्छे से बाहर उपर की ओर को निकला हुआ था सुधा ये देख कर सन्न रह गयी बिल्कुल विनीता की तरह उसकी तो सांस ही गले मे अटक सी गयी थी अफ कितना बड़ा लंड था जैसे की किसी घोड़े या गधे का लंड हो सुधा जैसे जम ही हो गयी थी पर तभी उसने देखा कि प्रेम जाग रहा है तो वो फॉरन ही दरवाजे की तरफ हो ली और वहाँ से आवाज़ दी कि बेटा जल्दी उठ जा आज कई काम करने है
प्रेम ने उठकर फटाफट अपने कपड़े पहने और हाथ मूह धोने के लिए बाथरूम की तरफ चल दिया ,जबकि रसोई मे आकर चाइ बनाते हुवे सुधा एक सोच मे डूबी थी वो सोच रही थी कि उसके पति का लंड तो करीब आधा ही था उसके बेटे के से और वो ही उसे बुरी तरह से निचोड़ दिया करता था तो प्रेम जब किसी को चोदेगा तो वो तो मर ही जाएगी फिर सुधा ने अपने सर को झटका और खुद से कहने लगी कि वो भी क्या सोचने लगी अपने बेटे के बारे मे
प्रेम के बाथरूम के दरवाजे मे कुण्डी नही थी कई बार खाती को बोला था कि लगा दे पर वो आता ही नही था और यही एक बात आज उसके जीवन मे एक तूफान लाने वाली थी प्रेम ने जैसे ही दरवाजे को धकेला तो वो अंदर की ओर हो गया और फिर जो नज़ारा उसने देखा , अंदर उषा थी बिल्कुल नंगी पूरे बदन जैसे किसी ने फ़ुर्सत मे तराश दिया हो उसका , अचानक से वो भी चोंक गयी और कुछ रिएक्ट ही नही कर पाई जब तक वो कुछ समझती प्रेम ने उसकी छोटी सी चूत के दर्शन कर लिए थे
बेहद तंग सी चूत बस एक लाइन भर की उषा का वो छिपा अनमोल खजाना उसने कभी सोचा भी नही था कि उसका सगा भाई ही यू उसको देखेगा फिर प्रेम को कुछ होश आया तो वो वहाँ से मूड़ लिया माफी माँगते हुए पर उसकी बहन का वो हुश्न पानी को बूँदो मे भीगा हुआ उसके लिए और मुश्किले खड़ी करने वाला था
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