RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
बिस्तर के दोनो कोनो पर दोनो भाई बहन अपनी अपनी आग को शांत करने का उपाय कर रहे थे थके बदन तो नींद तो आनी ही थी नींद मे सौरभ सरक कर उषा के बिल्कुल पास पहुच गया और उसने अपना एक पाँव उषा की टाँगो पर रख दिया नींद मे उसका लंड वैसे ही खड़ा था , अपनी गान्ड पर लंड को चुभने से उषा भी जाग गयी अब वो खेली खाई लड़की उसे पल भर मे ही पता चल गया कि सौरभ का लंड उसकी गान्ड पे कलाकारी कर रहा है
लंड का ख्याल आते ही उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो गयी अच्छा बुरा सब भूलने लगी वो वो सोचने लगी कि सौरभ जाग रहा है या नींद मे है कन्फर्म करने के लिए उसने धीरे से सौरभ के पैर को अपने उपर से हटाया सौरभ सीधा होकर सो गया उषा की चूत की गर्मी बहुत बढ़ गयी थी उसने सोचा नींद मे है इसको क्या पता चलेगा और पता चले तो चले , उसने छोटे भाई का हाथ धीरे से अपने चुचो पर रखा और दबाने लगी आहह उसके मूह से धीरे से आवाज़ निकली उषा एक हाथ से सौरभ से चुचे भींचवाने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चूत के दाने को सहलाने लगी
कामवासना मे अंधी उषा अपने एक भाई से तो चुद ही चुकी थी अब दूसरे से और ज़ोर आज़माइश करने लगी थी चूत मे उंगली करने से उसको जोश चढ़ रहा था जिस से सौरभ की नींद खुल गयी और उसको जल्दी ही माजरा समझ मे आ गया पर वो दीदी को शर्मिंदा नही करना चाहता था तो वैसे ही लेटा रहा पर वो अपने पे काबू नही रख पाया उसने भी जोश मे दीदी के बोबे को कस कर दबा दिया उषा को झटका सा लगा वो समझ गयी कि भाई जागा हुआ है वो तुरंत साइड मे हुई और सोने की आक्टिंग करने लगी
सुबह जल्दी ही उषा कॉलेज के लिए निकल गयी थी सौरभ भी मछलियो की देखभाल के लिए तालाब पर चला गया था विनीता का पति थोड़ी देर पहले ही नये काम के लिए निकला था विनीता अकेले घर बोर हो रही थी घर पर कोई भी नही था , सुधा और प्रेम तो मामा के चले गये थे, विनीता लकड़ी के सहारे नीचे आई तो उसे सौरभ का कमरा खुला दिखाई दिया तो वहाँ चली गयी
“ये लड़का भी ना, कितना बुरा हाल कर रखा है इसने कमरे का” विनीता ने कहा , और इधर उधर पड़ी चीज़ो को सही तरीके से रखने लगी, जब वो पलंग की चादर को सही कर रही थी तो उसको तकिये के नीचे से दो किताबे मिली जिन्हे देखते ही विनीता की आँखे अविष्वाश और कामुकता से चमकने लगी, सौरभ तकिये के नीचे जो किताबें रख कर भूल आया था उनमे से एक किताब अश्लील चित्रो वाली थी जिसमे औरते अलग अलग मुद्राव मे चुद रही थी लंड चूस रही थी चूत चटवा रही थी, उस किताब के चित्रो को देखते हुए विनीता की चूत मे बड़ी तेज खुजली होने लगी उसके होंठ सूखने लगे थे
फिर उसने दूसरी किताब को देखा और जैसे जैसे वो अपंनो को पलटने लगी उसकी चूत की चिकनाहट बढ़ने लगी थी, दरअसल वो पूरी किताब माँ बेटे की चुदाई की कहानियो से भरी पड़ी थी विनीता की साँसे माँ बेटे की चुदाई पढ़ते हुए भारी होने लगी , फिर वो वही पलंग पर बैठ गयी और सोचने लगी , “हो ना हो ये किताबें लाया तो सौरभ ही होगा ”
विनीता ने पिछले कुछ दिनो मे महसूस तो कर लिया था कि बेटा अब जवान हो रहा है और उसका हथियार भी ठीक है पर क्या वो भी ये कहानियाँ पढ़कर अपनी माँ को चोदना चाहता है, नही मेरा बेटा कभी मेरे बारे मे ऐसे नही सोचेगा विनीता सौरभ के बारे मे सोचते हुए अपनी चूत को सहला रही थी उसके मन मे अजीब अजीब से विचार आ रहे थे, वो बहुत गरम हो रही थी पर अभी कोई जुगाड़ नही था उसके पास वो करे तो क्या करे, विनीता उधर ही लेट गयी और उसकी आँख लग गयी
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