RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
अपने भानजे के मूह से अपने बारे मे ऐसी अश्लील बात सुनकर सरिता शरम से पानी
पानी हो गयी और प्रेम को अपने से दूर करने की कोशिश करने लगी पर प्रेम बेहद
ताकतवर हॅटा कटा लड़का था तो सरिता बस कसमसाने के सिवा कर भी क्या सकती थी
इसी कसमकस मे सरिता की साड़ी का पल्लू हट गया ब्रा उसने पहनी नही थी तो कमर
तक का पूरा हिस्सा नंगा हो गया मामी के जिस्म से आती मदमस्त खुश्बू से प्रेम
और गरम होने लगा
“ओह, मामी बस एक बार दे दे, सारी ज़िंदगी तेरी गुलामी करूँगा कितनी मस्त है तू बाथरूम मे उंगली कर रही थी मैं तुझे लंड दे रहा हूँ फिर क्यो नही मानती , एक बार मेरा लंड लेके तो देख ”
सरिता-”छोड़ दे कुत्ते मुझे, कम से कम तेरे मेरे रिश्ते की तो लिहाज़ कर ले माँ समान हूँ मैं तेरी ”
प्रेम- माँ होती तो भी चोद देता , मामी बस एक बार करने दो
प्रेम ने अपने हाथ से जल्दी से बाकी साड़ी को भी खोल दिया सरिता पूरी तरह से नंगी
अपने जवान भानजे की मजबूत बाहों मे किसी मछली की तरह मचल रही थी उसे अपनी
गान्ड पर प्रेम के लोड्े की मोजूदगी का पूरा अहसास हो रहा था आज उसकी इज़्ज़त की
धज्जिया उड़ जाने वाली थी ये सोचकर वो रोने लगी , वो बोली” मैं तेरे आगे हाथ जोड़ती
हूँ मुझे छोड़ दे मुझे खराब मत कर ”
प्रेम सरिता की चूचियो को मसल्ते हुए-“ मामी, तुम्हे भी तो लंड की ज़रूरत है वरना बाथरूम मे उंगली से काम नही चलाती, मैं तुम्हे लंड दे रहा हूँ तुम मुझे चूत दो ”
ऐसी अश्लील बाते सुनकर सरिता एक ऑर जहाँ शरम से मरी जा रही थी दूसरी ओर प्रेम
के कठोर हाथो द्वारा उसकी कोमल चूचियो के मर्दन से उसके बदन मे आग भी
लगनी शुरू हो गयी थी सरिता पर दोहरी मार पड़ रही थी , पर एक इज़्ज़त दार औरत
कैसे किसी दूसरे को अपनी चूत दे दे वो भी जब , जब उसके साथ ज़बरदस्ती हो रही हो
प्रेम ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मामी की गान्ड की दरार मे सरका दिया
गरम लोड्े को इस तरह महसूस करके सरिता की चूत उस से बग़ावत करने लगी वो फसि
मंझधार मे एक और वो लगातार विरोध कर रही थी दूसरी ऑर प्रेम का मोटा लंड उसकी
गान्ड मे घुसने को मचल रहा था करे तो क्या करे वो
सरिता की आँखो से आँसू गिर रहे थे और चूत मे भी गीला पन आने लगा था
प्रेम लगातार उसके बोबो को दबा रहा था मसल रहा था उसके 34” के बोबे पूरी
तरह से तन चुके थे पल पल सरिता के जिस्म मे गर्मी बढ़ती जा रही थी उसका
विरोध टूटने लगा था असमंजस मे फसि वो सोच रही थी क्या करे उधर मामी के
बदन मे आई शिथिलता देख कर प्रेम समझ गया कि मामी गरम हो रही है उसने
फुर्ती से सरिता को अपनी ओर घुमाया और उसके लाल लाल होंठो पर अपने होंठ रख दिए
और किस करने लगा साथ ही वो सरिता के दोनो चुतड़ों को मसल्ने लगा सरिता उस
से अपने होंठो को छुड़ाना चाहती थी पर वो ऐसा कर नही पाई
प्रेम ने अपनी प्यारी मामी के चुतड़ों को फैलाया और मज़े से उनको मसल्ने लगा उसका
बेकाबू लंड सरिता के पेट से रगड़ खा रहा था सरिता को उसके लंड की लंबाई-
मोटाई का अंदाज़ा हो चला था उसके मन मे आया कि आज तो उसकी शामत आई अगर ये
लंड उसकी चूत मे चला गया तो चूत तो गयी काम से पर प्रेम उसको चोदे बिना
कहाँ मान ने वाला था कई देर तक वो अपनी मामी के रसीले होटो का मज़ा लूट ता रहा
फिर किस करते करते ही उसने अपनी उंगली सरिता की चूत मे सरका दी , उसकी चूत बहुत
बुरी तरह से तप रही थी सरिता की आह प्रेम के मूह मे ही दम तोड़ गयी
और इसी के साथ एक औरत वासना और इज़्ज़त की जंग मे हार गयी उसकी टांगे अपने आप
खुलती चली गयी सरिता का भी दोष नही था वो बहुत दिनो से चुदि नही थी उसको लंड
की सख़्त ज़रूरत थी प्रेम मामी की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा मोका
देख कर उसने सरिता के हाथ मे अपना लंड दे दिया, सरिता की मुट्ठी लंड पर कस गयी
उसकी आँखे उन्माद मे वैसे ही मस्त थी वो प्रेम की मुट्ठी मारने लगी तो प्रेम को भी
मज़ा आने लगा प्रेम ने सरिता को बिस्तर पर पटक दिया और उसकी टाँगो को फैला दिया
और झट से अपने मूह को चूत पर रख दिया
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