RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
“रोशनी कहा है “
कालिया ने कहा और पुनम मुस्कुरा दी
“इतनी जल्दी क्या है अभी तो विक्रांत तुम्हारी बहन के साथ मस्त है अभी वो तुम्हारी बीवी को नही सताएगा,ऐसे भी रोशनी विक्रांत के लिए बल्कि प्राण ठाकुर के लिए लाई गई है,..”
पूनम ने कालिया को चिढ़ाया और कालिया ने गुस्से में पूनम का मुह दबा लिया
“वो मेरी है और मेरी ही रहेगी”
कालिया के आंखों में शोले दधक रहे थे,और पूरा शरीर ही गुस्से से जल रहा था,लेकिन पूनम उससे थोड़ी भी नही डरी ,बल्कि उसके आंखों में थोड़े आंसू जरूर आ गए
“बहुत प्यार करते हो तुम अपनी रोशनी से ...लेकिन कालिया तुम विक्रांत को नही जानते वो उसे बदल देगा,तुमने देखा की वो आज ही बहकने लगी थी ,कुछ दिनों में वो विक्रांत के रंग में रंग जाएगी फिर विक्रांत उसे प्राण के सुपुर्द कर देगा,शायद वो प्राण की दूसरी बीवी बना दी जाए…”
पूनम के आंखों में दर्द का आंसू था ,और कालिया के दिमाग में एक अजीब सी शांति,तूफान से पहले और बाद एक गहरी शांति छा जाती है वही शायद इस समय कालिया के दिमाग में था ,
“मुझे क्या करना चाहिए”
पूनम के चहरे में फिर से एक मुस्कान आई,
कालिया उससे पूछ रहा था की उसे क्या करना चाहिए इसका मतलब साफ था की कालिया पूनम पर भरोसा करने लगा था ,
“तुम मुझपर भरोसा कर पाओगे ??”
पूनम ने व्यंग्यात्मक रूप से कालिया से पूछा
“इसलिए पूछ रहा हु ,शायद इस समय मैं सिर्फ तुमपर ही भरोसा कर सकता हु”
कालिया की बात सुनकर पूनम थोड़ी आश्चर्य में पड़ गई ,शायद उसने सोचा ही नही था की कालिया भी इतना जहीन और समझदार होगा…
“ऐसा क्या है मुझपर जो तुम सिर्फ मुझपर भरोसा दिखाने की बात कर रहे हो..”
कालिया के होठो में हल्की सी मुस्कान आई
“तुम्हारे आंसू झूठे नही थे ,ना ही अभी है ...मैं ज्यादा पड़ा लिखा तो नही हु लेकिन इतनी तो समझ है मुझे “
कालिया की बात सुनकर पूनम भी मुस्कुरा उठी .
“अच्छा तो पहले ये करो की यंहा से जाओ ,लेकिन पहले अपनी प्यारी रोशनी से मिलना ना भूलना ,उससे मिलने का बंदोबस्त मैं कर दूंगी लेकिन सम्हाल कर यंहा तक तो शांति है लेकिन उन दोनो के पहरे में बहुत से लोग लगा रखे है ठाकुरों ने…”
रोशनी से मिलने का नाम सुनकर ही कालिया झूम उठा ..
“ज्यादा खुस होने की जरूरत नही है अभी तो तुम बस उसे देख पाओगे,वो वँहा अकेली नही होगी ना ही मुझे ही उसके पास जाने की इजाजत है तो बस देख पाओगे बस,बात करवाने का मैं बाद में इंतजाम करूंगी “
कालिया का चहरा फिर से मुरझा गया लेकिन फिर भी वो इतने में ही खुस था की उसे ये पता लग जाए की उसकी बहन और बीवी को आखिर किस कमरे में रखा गया है ,और कैसे रखा गया है,वो बाद में और आदमियों के साथ जाकर उन्हें वँहा से निकालने का प्रयास कर सकता था …
इधर
रोशनी के जाने से विक्रांत के चहरे में एक मुस्कान आ गई थी ,वो अपने खेल में सफल हो रहा था,वही कनक उसके सीने को जमकर चाट रही थी ,विक्रांत को तो अभी भी यकीन नही हो रहा था की कालिया की बहन इस किस्म की निकल जाएगी उसके लिए उसे कोई भी महेनत नही करनी पड़ी…
वो कनक के सर को पकड़ कर उसे नीचे ले जाने लगा,कनक विक्रांत के शरीर को चाट रही थी ,और विक्रांत एक एक कर अपने कपड़े खोल रहा था ,उसे कनक की जीभ से अपनी मसाज होने में बहुत ही मजा आ रहा था ,
कनक नीचे जाती गई और अपने हाथो से ही विक्रांत को नंगा करने लगी ,वो विक्रांत की कमर के पास थी ,पेंट खोलने के साथ ही साथ विक्रांत का मोटा ताजा जवान लिंग फुंकार मरता हुआ कनक के चहरे से टकराया,
विक्रांत की हँसी छूट गई वही कनक उसे एकटक देखती रही.
“कभी देखा नही है क्या “
“देखा है लेकिन पहली बार इतने पास से देख रही हू…”
विक्रांत की भौ चढ़ गई
“किसका देख ली तू रांड”
कनक शर्मा गई और थोड़ी घबरा भी गई उसे लगा की जोश में गलत बात मुह से निकल गई
“अरे बोल ना अब भी शर्मा रही है “
“वो वो भइया का जब वो भाभी के साथ …”
कनक का चहरा पूरी तरह से लाल हो गया था शायद उस दिन की बातो को सोचकर ,वही विक्रांत के दिमाग में एक चित्र घुमा ,गोरी चिट्टी रोशनी के ऊपर काला कलूटा कालिया ,और नाजुक सी रोशनी के ऊपर कालिया का विशाल और मजबूत शरीर ...एक सिहरन सी उसके शरीर में दौड़ गई ,मानो वो घबरा गया हो
“कैसा है तेरे भइया का ..”वो रूखे हुए स्वर में बोला ,लेकिन कनक जैसे सपने में खो गई थी ,वो जागी ..
“बहुत बड़ा, काला और बिल्कुल लोहे जैसा दिखता है ..”कनक का मुह खुल गया था जिसे देखकर विक्रांत को ना जाने क्यो लेकिन बहुत ही जलन हुई ,वो कनक का सर पकड़ कर उसके खुले हुए मुह में अपने अकड़े हुए लिंग को भर दिया ,
“मादरचोद इससे भी बड़ा है क्या …”
कनक गु गु कर रही थी ,विक्रांत ने पहली बार इस तरह के कनक पर जोर जबरदस्ती की थी ,थोड़ी ही देर में उसे जैसे होशं आया की वो क्या कर रहा है ,वो कनक के सर को छोड़ा वो खुद के व्यवहार से ही आश्चर्य में था लेकिन ये तो वो भी समझ रहा था की एक बेहद ही जलन भरा अहसास उसे हुआ था जो शायद उसे जीवन में पहली बार हुआ था ,उसने हमेशा ही अपने को हर चीज में आगे पाया था,यंहा तक की प्राण से भी आगे वो खुद को मानता था और जंहा बात सेक्स की हो उसे आजतक यही लगता था की उसका औजार ही सबसे मजबूत और बड़ा और वो किसी भी लड़की को अपने जाल में फंसा सकता है...लेकिन
लेकिन पहले रोशनी ने उसका ये भरम तोड़ दिया ,उसे कुछ खास दुख नही हुआ क्योकि वो जानता था की वो रोशनी को कभी भी पा सकता है लेकिन अब कनक की बात ने उसे सच में जला दिया था उसे लगा की शायद इसी लिए रोशनी उसके पास नही आयी क्योकि उसका पति उससे ज्यादा मजबूत है …
कनक भी आश्चर्य से उसे देख रही थी जो की बहुत ही तेजी से हांफ रहा था ..
“हा दूर से तो ऐसा ही लगता था की भइया का वो तुमसे बहुत बड़ा है ,भाभी तो उसे दो हाथो में भी नही समा पाती थी ,”कनक के चहरे में उसे जलाने वाली मुस्कान आयी ,विक्रांत को लगा जैसे किसी ने बिजली का झटका दे दिया हो,वो एक घुमा कर चाटा कनक के गालो में लगा दिया,उसका उठा हुआ लिंग ना जाने कैसे मुरझा गया था वो लाल हो चुका था और अपने अंदर उठ रहे शैलाब से बुरी तरह से परेशान भी..
उसे खुद का व्यवहार ही समझ नही आ रहा था और इसलिए वो और भी बौखला गया था ,वो तुरंत ही उठकर तेजी से कमरे के बाहर निकल गया,
कनक के होठो में उसकी स्थिति को देखकर एक बड़ी ही रहस्यमय मुस्कान आ गई ,जैसे उसे विक्रांत की कमजोरी का पता चल गया हो………..
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