RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
हवेली का वो कमरा पता जो की बेहद ही बड़ा था ,बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया था ,कमरे के बीचों बीच एक गोलाकार बिस्तर था जिसपर मेरी दुल्हन सजी हुई और शरमाये हुए बैठी थी ,उसके पास ही कुछ लडकिया भी बैठी थी जिनमे एक भावना थी बाकी सब उसकी सहेलियां …
जाते ही वो मेरा टांग खिंचने लगी और मेरा पर्स खाली करवाकर ही दम लिया ,वो लोग हसंते हुए बाहर भाग गई …
चम्पा के साथ कई महीनों से मेरा जिस्मानी रिश्ता रहा था,हम साथ ही रहा करते थे लेकिन पता नही आज फिर भी मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था,मैं उसके पास ही बैठा हुआ था वो घूंघट में थी ,जब मैंने वो घूंघट उठाया तो मैंने उसकी आंखों में आंसू देखे …
“तुम रो रही हो ..”
उसने नजरे उठाई ,उसकी बड़ी बड़ी आंखे काजल के कारण और भी बड़ी लग रही थी,आंखों में अब भी पानी भरा हुआ था जो उसके साफ आंखों को और भी उजला बना रहा था,
“आज मुझे वो मिल गया जिसका मैंने इतने दिनों से सपना देखा था ,ये खुसी के आँसू है दुख के नही “
वो हल्के से मुस्कुराते हुए बोली और उसके इस भोलेपन में मैं अपना दिल हार बैठा,मेरे होठ उसके होठो के पास जाने लगे थे ,उसकी आंखे बंद हो चुकी थी जब हमारे होठ एक दूसरे से मिले..
और कुछ ही देर में ही कमरे में बस चूड़ियों और सिसकियों की आवाजे ही फैल रही थी …………..
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एक महीना बीत चुका था मेरे ट्रांसफर का आदेश आ चुका था और मेरे दिमाग से ठाकुर मोंगरा और बलवीर की बकरचोदी भी अब निकल गई थी ,
तिवारी जी ने भी अपना रिटायर ले लिया था,और भी अब नए जगह जाने से पहले कुछ दिन के लिए कही घुमकर आने की फिराक में था ,तो मैंने भी छुट्टी का आवेदन डाल दिया जो की सक्सेस भी हो गया …….
मैंने चम्पा को बता दिया था की मैं एक महीने की छुट्टी ले रहा हु ,जब मैं घर आया तो माहौल ही अलग था ,मेरे आते ही चम्पा मुझसे लिपट गई …..
“अरे क्या हुआ “
“जीजू आप लोगो की लाटरी लगी है “भावना खुसी से झूम रही थी
“क्या ???”
मैं चौका
“हा आपको याद है हमने कुछ दिन पहले ही एक ट्रेवल एजेंसी की लाटरी ली थी माल से “
चम्पा ने मुझे याद दिलाया ,एक शाम हम माल घूमने गए थे और वंहा एक काउंटर में नए खुले एक ट्रेवल एजेंसी वाले लॉटरी बेच रहे थे,लक्की विनर को कनाडा का ट्रिप फ्री था ..
“हा याद आया तुमने वो खरीदी थी राइट,क्या नाम था एजेंसी का ??”
मैं याद करने की कोशिस करने लगा
“मिस एंड मिस्टर भल्ला ट्रेवल एजेंसी ..हम वो जीत गए “
चम्पा के चहरे में आपर खुशी थी साथ ही मैं भी खुश हो गया
“वाओ क्या बात है आज ही मेरी छुट्टी भी मंजुर हो गई ऐसे कब निकलना है ..और कितने दिन का ट्रिप है “
“वही 10 दिन 10 रात का ,और हमे आज ही रात को निकलना होगा “
अब ये प्रॉब्लम आ गई
“लेकिन वीसा वगेरह “
मैंने अपनी दुविधा बताई
“ओहो जीजू डोंट वारी पासपोर्ट रेडी था तो वीसा का जुगाड़ डैडी ने कर दिया है ,आज रात मुम्बई के लिए निकलो वंहा से कल सुबह की फ्लाइट है “भावना की बात से मैं ताज्जुब में पड़ गया लेकिन फिर मुझे याद आया की ठाकुर विक्रांत के भी बहुत कनेक्शन्स है …
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जब हम वंहा पहुचे तो एक बड़ी सी गाड़ी हमारे स्वागत के लिए लग गई थी ,वंहा से हमे एक होटल ले जाया गया ,जंहा हमे बताया गया की ट्रेवल कंपनी के मालिक मिस्टर और मिसेज भल्ला पर्सनली हमसे मिलने आने वाले है ,
मुझे ये सब थोड़ा अजीब जरूर लग रहा था लेकिन मैंने सोचा की हो सकता है की क्लाइंट रिलेशन शिप मेंटेन करने के लिए ये सब किया जा रहा होगा…
हम सफर से बहुत ही थक चुके थे तो हमने भी आराम करने की सोची ..
शाम होने पर हम होटल के एक हिस्से में गए जंहा हमसे मिसेज और मिस्टर भल्ला मिलने वाले थे,मैं नार्मल टीशर्ट जीन्स में था वही चम्पा ने फूलों वाली एक स्कर्ट डाल रखी थी ,हमारे टेबल से नजारा बेहद ही शानदार दिख रहा था ,सामने समुंदर था और ठंडी हवाओ का सुकून भी …
मैं चम्पा का हाथ पकड़े हुए कुछ बैठा हुआ समुंदर को ही देख रहा था ,
“यार ये लोग कितने समय आएंगे ,मैं वाशरूम से आती हु “
चम्पा मुस्कुराते हुए वंहा से चली गई..
मैं अब भी समुद्र को देख रहा था,साथ ही मैंने दो विस्की के ऑर्डर भी दे दिए ,ऐसे सुनहरे मौसम में और सुकून भरे जगह में बैठकर विस्की पीने का आनंद ही कुछ और था ..
मैं आराम से चुस्कियां ले रहा था ,5 मिनट ही हुए थे की चम्पा वापस आकर मेरे पास बैठ गई …
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