RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
अभी उसके मूह से इतना ही निकला था कि संजू ने दो इंच लंड और उसकी गान्ड में पेल दिया.., उसकी
गान्ड फिरसे चर-मरा उठी.., और वो बुरी तरह से चीखते हुए मुझसे मुखातिब होकर बोला…
प्लीज़ वकील साब मेरी गान्ड फाड़ रहा है कोई.., बचाओ मुझे.. इस मुसीबत से..!
मेने आगे बढ़कर राठी के बाल पकड़ कर उसे उस लड़की के उपर से अधर किया.., और फिर उस लड़की को अपने कपड़े पहन कर यहाँ से खिसकने के लिए कहा..!
लड़की अब भी असमंजस में फँसी मेरी तरफ देखने लगी.., मेने थोड़ा ठंडे स्वर में उससे कहा – सुना नही तुमने.., निकलो यहाँ से.., और खबरदार अगर बाहर जाकर किसी को कुच्छ भी कहा तो…!
वो लड़की अपने कपड़े उठाकर वहाँ से सरपट दौड़ ली…!
मेने संजू को लंड बाहर निकालने का इशारा किया.., जब उसने अपना लंड बाहर खींचना शुरू किया.., तो उसके साथ साथ राठी की गान्ड की अंदरूनी मांसपेशियाँ भी लगभग दो इंच बाहर तक खिचती चली गयी…!
उसकी गान्ड से खून बहने लगा.., जब पूरा मोटे गन्ने जैसा लंड उसकी गान्ड से बाहर आया.., तब मुझे पता लगा कि कम से कम एक फुट
तक लंड उसकी गान्ड के अंदर चला गया था…!
लंड के बाहर आते ही राठी ने राहत की साँस ली.., अब वो चीखना चिल्लाना बंद करके वहीं पलंग पर एकदम से मरे गधे जैसा पड़ा रह गया था…!
उसकी गान्ड का होल खून से लाल.. किसी गोलपोस्ट जैसा खुला हुआ लग रहा था…!
लेकिन मेने उसे राहत की साँस लेने नही दी, उसका गला पकड़कर उपर उठाया, फर्श पर खड़ा किया और सर्द लहजे में कहा – क्यों मिस्टर. विक्रम राठी.., नयी नयी कच्ची लड़कियों को चोदने का बहुत शौक है ना तुम्हें…,
अब खुद की गान्ड फटी तब पता चला ना कि दर्द होता क्या है…!
राठी मरे हुए स्वर में बोला – लेकिन मेरी गान्ड फाडी किसने..?
मे – कुदरत ने.., हां राठी.., देख कुदरत का इंसाफ़.., यहाँ मेरे अलावा और कोई दिखता है तुझे..? मे तेरे सामने था तो ज़रा सोच किसने फाडी तेरी गान्ड हरामजादे…!
दूसरों की बेहन बेटियों से खेलने का बड़ा शौक है ना तुम बाप बेटों को.., तो सुन.. जिसने तेरे बेटे को टोंटा बनाया है उसी ने आज तेरी गान्ड फाड़ दी…,
राठी चोन्कते हुए बोला – ये.. क.क..कैसे हो सकता है.., उस संजू को तो 3-3 गोलियाँ लगी थी.., खुद मेरी आँखों के सामने उसकी लाश को कूड़े में दबाया था हम लोगों ने…!
अपने पीछे मुड़कर देख मादरचोद…, वो ही संजू तुझे सज़ा देने वापस लौट आया है..,
क्याअ….कहते हुए जैसे ही राठी ने मुड़कर पीछे देखा.., मारे हैरत के उसकी आँखें फटी रह गयी.., सामने संजू अपने हाथ में एक सिमिरनॉफ्फ की काँच की बॉटल लिए खड़ा था…!
अपने सामने संजू को देखकर उसकी घिग्घी बँध गयी.., लाल लाल शोले बरसाती उसकी आँखों का वो एक पल भी सामना नही कर सका,
और डर के मारे उसने अपनी आँखों पर हाथ रख लिया…,
तभी संजू ने ढक्कन के साथ ही आधी से ज़्यादा बॉटल उसकी गान्ड में ठोक दी.., राठी के मूह से किसी हलाल होते बकरे जैसी चीख निकल पड़ी…,
संजू ने यहीं बस नही की.., उस बॉटल को उसकी गान्ड में बड़ी बेदर्दी से गोल गोल घुमाया और वाकी की बाहर निकली हुई 1/4 बॉटल को वही से तोड़ दिया…!
राठी जिब्बह होते बकरे की तरह बुरी तरह चीख रहा था.., रहम की भीख माँग रहा था अपने आप को माफ़ करने के भीख माँग रहा था लेकिन संजू के उपर उसके चीखने चिल्लाने का कोई असर नही था…,
उल्टा वो भभक्ते हुए चेहरे से मुझे देखते हुए बोला - इस हरामजादे को मार डालो वकील भैया…, ये भी हमारी बिटिया का उतना ही गुनेहगार
है जितना इसका वो हरामी बेटा.., ख़तम करदो इस गंदी नाली के कीड़े को…!
संजू के इस कृत्य को देख कर एक बार तो मुझे भी उसस्पर दया आई.., लेकिन फिर अपनी प्यारी गुड़िया पर हुए जुल्मों को याद करते ही मेने अपने दाँत कस लिए और बेल्ट में खोंसे हुए अपने शिकारी चाकू को निकाल लिया..,
एक हाथ से उसका गला दबाकर वो पूरा का पूरा चाकू मेने उसके पेट में भोंक दिया…!
राठी कुच्छ देर मेरी गिरफ़्त में किसी जल बिन मछली की तरह तडपा और फिर वहीं खड़े-खड़े मेरे हाथ की गिरफ़्त में ही शांत पड़ गया…!
मेने उसके निर्जीव शरीर को पीछे की तरफ एक धक्का दे दिया.., उसके उपर घृणा से थूक कर बिना एक पल गँवाए मे उस कमरे से बाहर निकल गया,
संजू ने एक बार राठी के निर्जीव शरीर को पैर पकड़ घुमाया और जिस तरह से धोबी कपड़े को पत्थर पर पच्छाड़ता है वैसे ही उसने उसे कमरे के फर्श पर दे मारा…,
उसके बाद उसका शरीर हवा में तैरता हुआ मेरे पीछे कमरे से बाहर आ गया……!!!
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