RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
दो दिन तक संजू ने कोई खास उथल पुथल नही की.., सिवाय गंभीर हालत में विकी के शारीर में आकर वहीदा के सामने आने के अलावा.., नतीजा ये हुआ की वो भी दूसरे ही दिन अल्लाह मियाँ को प्यारी हो गयी…!
तीसरे दिन मुंबई अंडरवर्ल्ड से कुच्छ लोग आने वाले थे.., ड्रग्स और हथियारों की कोई बहुत बड़ी डील होनी थी नक्सल इल्लाके के लिए…!
दिन ढलते ही वो लोग अड्डे पर आ पहुँचे.., अभी बॉस का आना वाकी था.., मेने उनकी अगुवाई के सारे इन्तेजाम अच्छे से करवा दिए थे.., किसी को कुच्छ भी कहने का मौका फिलहाल नही देना चाहता था…!
ये 10-12 लोग अंडरवर्ल्ड के छन्टे हुए बदमाश थे.., चाइ नाश्ता ख़तम चल ही रहा था कि ऑफीस के विशेष कक्ष के दरवाजे पर लगा लाल रंग का बल्ब पिक-पिक करने लगा…!
ये संकेत था कि बॉस अड्डे में आ चुका है.., देश के इतने बड़े ऑर्गनाइज़ेशन का बॉस जिससे मे आज पहली बार रूबरू होने जा रहा था..,
अंदर एक अजीब सा डर भी था..,
ये डर स्वाभाविक भी था.., क्योंकि मेरे मन में इसे लेकर कहीं ना कहीं चोर तो था ही.., कहीं उसकी पारखी नज़रों ने मुझे पहचान लिया तो…??
खैर मे अपने मानो भावों पर काबू रखने के कोशिश करता हुआ शेर सिंग और रेशमा के साथ उसके स्वागत के लिए उस कक्ष की तरफ बढ़ गया…!
ऑटोमॅटिक दरवाजा हमारे रेंज में पहुँचते ही खुल गया.., ये कमरा तभी खुलता था जब बॉस उसमें अंदर मौजूद हो…!
ये एक बहुत ही बड़ा और भव्य कमरा था.., आधुनिकता और विलासिता की सारी सुविधाओं से सुसज्जित…!
सामने एक काँच की दीवार थी जिसके इस पार तो देखा जा सकता था लेकिन उस पार का कुच्छ भी नही.., बस एक परच्छाई सी ज़रूर देख सकते थे वो भी अगर उधर उजाला हो तब..!
बॉस उस काँच की दीवार के उस पार अपनी चेयर पर बैठा था जो किसी परछाई के रूप में हमें दिखाई दे रहा था.., ये कहने की ज़रूरत नही की वो काँच की दीवार बुलेट प्रूफ ही होगी…!
आओ दोस्तो.., अपनी अपनी जगह पर बैठो.., अचानक उस कमरे में एक रौबिली आवाज़ गूँज उठी..,
ताज़ा हालात क्या हैं..? हमारे मेहमान तो आ ही चुके होंगे.., उन्हें किसी चीज़ की कमी नही होनी चाहिए.., ये डील हमारे लिए बहुत मायने रखती है…!
रेशमा – जी बॉस सब कुच्छ सही से ही हुआ है.., मिस्टर. राजवंशी ने बड़े अच्छे से सब कुच्छ किया है..,
बॉस – वेरी गुड…! सिंग साब.., आप ज़रा देखो तो अगर मेहमानो का चाइ पानी हो गया हो तो उन्हें वो सारे हथियार और एक्सप्लोषन दिखा दो.., कोई चीज़ कम नही पड़नी चाहिए…!
शेर सिंग ने आश्चर्य से मेरी तरफ देखा.., मानो कहना चाहता हो कि जो काम मुझे करना चाहिए.., बॉस उसे करने के लिए कह रहा है…!
मे उसका मंतव्या समझ कर अपनी जगह से उठते हुए बोला – आप कहें तो ये काम मे कर देता हूँ बॉस…!
बॉस थोड़ी भारी आवाज़ में बोला – जिसको जो बोला जाए वो उसी को करना है.., मिस्टर. सिंग.., प्लीज़ गो देयर…!
झक मारकर शेर सिंग को उठना ही पड़ा.., उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि ये बात उसे नागवार गुज़री है…!
उसके बाहर जाते ही वहाँ एक पल के लिए खामोशी छा गयी.., तभी संजू ने मेरे कानों में सरगोशी सी की.., इस बॉस के पीछे पड़ना है आपको भैया..,
याद रहे बचके निकलने ना पाए.., मे प्रिया और जितनी लड़कियाँ जाना चाहती हैं उन्हें निकालने की कोशिश करता हूँ.., उसके बाद…
अभी संजू अपनी बात पूरी भी नही कर पाया था कि बॉस की आवाज़ सुनाई दी…
लेकिन मिस्टर. राजवंशी हम अभी तक ये नही समझ पा रहे हैं कि अचानक से इतनी सारी घटनायें हमारे यहाँ क्यों हुई..?
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