RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
शालिनी मेरे सामने खड़ी हो कर अपने हाथ उपर करके बाल संवार रही थी जिससे उसकी चूचियां काफ़ी बड़ी लग रही थीं, मेरे लौड़े में फिर से तनाव आने लगा, फिर वो पानी की बोतल सर के पास रख कर मेरे बगल में लेट गई, हम टीवी देख रहे थे, तभी टीवी में मर्डर फिल्म का गाना आ गया... कभी मेरे साथ कोई रात गुजार...
गाना खत्म होते होते मेरा लन्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया जो शायद शालिनी भी देख रही थी, बट मैंने उसे छुपाने की कोशिश नहीं की... सोचो सामने स्क्रीन पर मल्लिका शेरावत और बगल में कुछ इंच की दूरी पर एक अधनंगी लड़की....
मैंने माहौल को थोड़ा हल्का करने की कोशिश की
सागर- शालिनी , अगले वीक से तुम्हारे क्लासेज़ शुरू हो जायेंगे, कल शाम को चलकर तुम्हारी बुक्स वगैरह ले लें और कुछ कपड़े भी...
शालिनी- जी भाई,
सागर- ओके, गुडनाईट, अब सोते हैं...
नींद तो मेरी आंखों से गायब थी, मुझे इंतज़ार शालिनी के सोने का था... करीब एक घंटे बाद मैंने अपना कल वाला कार्यक्रम फिर शुरू किया... शालिनी के बदन को सूंघने से ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया और मैंने धीरे से उसकी समीज उपर उठाई और हौले हौले से उसकी चूचियां सहलाने लगा मैंने चूचियों को दबाया नहीं क्योंकि अगर दबाव ज्यादा हुआ तो शालिनी कहीं जाग ना जाए ।
मैं उसके पेट पर हाथ रख कर उसकी नाभि में उंगली डाल कर धीरे धीरे सहलाता रहा मैंने थोड़ी हिम्मत करके आज उसकी निक्कर को आराम से थोड़ा नीचे सरका दिया.... ये सारा काम करते करते हुए घंटे भर हो चुका था।
मैंने जब देखा निक्कर और नीचे नहीं हो रही है तो मैने धीरे से अपना हाथ उसके अंदर कर दिया... उसने पैंटी नहीं पहनी थी, और क्या बताऊं वो एहसास..... ये मेरी लाइफ का पहला टाइम था किसी की चूत को छूने का... बिल्कुल चिकनी और मखमली... निक्कर में इलास्टिक बैंड होने से बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई हाथ को उसकी अनछुई बुर को सहलाने में... मैं शालिनी की बुर को देख नहीं पा रहा था मगर अंदर की गर्मी को पूरा महसूस कर रहा था,,, मैंने बहुत सावधानी से अपना दाहिना हाथ उसकी बुर के उपर रखा और बायें हाथ से अपने लौड़े को सहलाने लगा,, तभी शालिनी ने हल्की सी करवट बदलने की कोशिश की, मैंने झट से अपना हाथ बाहर निकाल लिया और कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने ज्यादा कोशिश नहीं की फिर से हाथ अंदर डालने की,,,,
मेरे लौड़े में अब दर्द हो रहा था जो बिना मुठ मारे ठीक नहीं होने वाला था,, मैं धीरे से उठकर बाहर बरामदे में आ गया और वहां शालिनी ने नहाने के बाद अपनी ब्रा और पैंटी सूखने के लिए फैलाई थी, उसकी ब्रा को हाथ में लेकर उसे चूसने चाटने लगा और अपने लौड़े पर रगड़ रगड़ कर उसी में अपना वीर्य निकाल दिया और उसे फिर से सूखने के लिए टांग दिया।
मुठ मारने के बाद सारा जोश ठंडा हो जाता है और वही मेरे साथ भी हुआ,एक बार मैने सोचा कि ब्रा को धोकर डाल दूं, पर कुछ सोच कर मैंने उसे ऐसे ही रहने दिया और कमरे में लेटी हुई अप्सरा के साथ लेट गया, सोने से पहले उसके पेट पर आज हाथ रखकर, मैं सोने लगा, मैं अभी भी शालिनी के बदन से चिपका नहीं था, सिर्फ उसके खुले पेट पर हाथ रखकर सो गया।
मुझे इस सब में मजा तो आ रहा था मगर मैं चाहता था कि जो काम मैं चोरी से करता हूं, वो खुलकर कर सकूं.... जाने वो दिन कब आएगा जब शालिनी कहेगी.... लो भाई पी लो मेरे दूध जीभर कर.... चूस लो इनका सारा रस... इन्ही कल्पनाओं में मुझे नींद आ गई ।
अगले दिन सुबह मेरी नींद फिर शालिनी से पहले खुल गई पर मैंने फिर से अपना हाथ उसके गोरे पेट पर रख दिया और सोने की एक्टिंग करने लगा, मैं शालिनी का रियेक्सन देखना चाहता था,,,
मैं आंखें बंद करके लेटा रहा और काफी देर तक इंतजार करने के बाद शालिनी के बदन में हरकत हुई,वो थोड़ा सा ऊपर की ओर खिसकी लेटे ही लेटे... उसने अब तक मेरा हाथ नहीं हटाया था अपने पेट से.... करीब पांच मिनट ऐसे ही लेटे रहने के बाद शालिनी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और उसे हल्का सा सहलाते हुए धीरे से हटा दिया और वो बेड से उठ कर बाथरूम में चली गई ।
मैं वैसे ही लेटा रहा, शालिनी ने फ्रेश होकर चाय बनाई और मुझे जगाया...
शालिनी- उठो भाई, योर बेड टी इज रेडी ।
मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा और उसे गुड मॉर्निंग बोलकर चाय का कप हाथ में पकड़ा,,, मेरे बरमूडे में फिर से मार्निंग हार्डआन की वजह से तम्बू बना हुआ था, मगर अब मैंने उसे छुपाने की कोशिश नहीं की, शालिनी भी मेरे साथ बेड पर बैठ कर चाय पी रही थी और उसने समीज निकाल कर टीशर्ट पहन ली थी,।
और वो काफी खुश लग रही थी मतलब उसे मेरा उसके पेट पर हाथ रखकर सोना बुरा नहीं लगा था,,,
सुबह सुबह बिना ब्रा के शालिनी के उछलते हुए दूध देखकर अपने आप को रोक पाना बहुत मुश्किल काम था...
खैर, डेली रूटीन के काम करते हुए मैं नाश्ता करके अपने काम पर निकल लिया और शालिनी से शाम को शापिंग मॉल चलने को कहकर उसे रेडी रहने को बोल दिया!
दिन में मैंने कई बार उसको वीडियो काल करी, मैं जल्दी घर आना चाहिए रहा था ।
मैं शाम को वापस आया और आज मैं ये सोच कर शापिंग मॉल जाने के लिए निकला था कि शालिनी के साथ बातचीत में और फ्री होने की कोशिश करूंगा।
मैं और शालिनी शाम पांच बजे शॉपिंग के लिए अपनी बाईक से निकल आये । मैंने नोटिस किया कि शालिनी ने घर से निकलते समय बाईक पर मुझसे दूरी बनाई थी और थोड़ी दूर निकल कर वो बात करने के बहाने मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गई । इस दोहरे चरित्र को देख मुझे बहुत अच्छा लगा, ऐसा लगा जैसे शालिनी को घर पे मुझे अपना बदन दिखाने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती है या शायद उसे मुझे अपना बदन दिखाना अच्छा लगने लगा है। वहीँ घर से निकलते समय बाहर वो एक साधारण सीधी लड़की की तरह सादगी से रहती है।
हम लोग पहले एक बुकस्टोर पर गए और शालिनी की कुछ बुक्स लेकर आगे की शापिंग के लिए निकले ।
शालिनी बाईक की सीट पे बैठे हुए ही मैंने अपनी बाईक एक मॉल के तरफ मोड़ लिया। मैं गाडी पार्किंग में लगा के शालिनी को आगे आगे चलने को बोल कर फॉलो करने लगा। शालिनी ने अपने बदन को जींस और टी-शर्ट में ढक तो लिया था लेकिन वो अपने सेक्सी फिगर को नहीं छुपा पा रही थी और जींस में उसके बड़े- बड़े हिप्स किस्सी को भी पागल बना सकते थे।
मॉल में हर उम्र के काफी लोग एक बार मुड़ के मेरी बहन की मटकती गांड को जरूर देखते।
सबसे पहले शालिनी ने एक शाप में ब्रा और पैंटी लेने पहुचे। मेरी चारो तरफ लेडीज के अंडरर्गारमेंट लटके थे मेरे अलावा वहां सभी लड़कियां शॉपिंग कर रही थी।
शालिनी का कांफिडेंस इस बार देखने वाला था वो टहल टहल कर कलरफुल ब्रा और पेंटी सर्च करने लगी मैंने भी हेल्प करना चाहा तो शालिनी ने मुझे ३४ साइज ढूंढने के लिए बोला। मैं २-३ ब्रा उठा कर शालिनी की तरफ बढ़ाया।
शालिनी - ओह ... वाव.. ये ब्रा तो अच्छी लग रही हैं लेकिन ये ३४बी है ।
मै - ३४बी, बट तुमने ३४ ही तो बोला था।
शालिनी - हाँ लेकिन मुझे कप साइज डी चहिये।
मैं - तो क्या ३४बी छोटा साइज है ?
शालिनी - (अपने हाथो को अपने बूब्स के तरफ दिखाते हुए।) साइज सेम है लेकिन ३४डी का कप बड़ा होता है ।
मै - (शालिनी के बूब्स को घूरते हुये) ओके मैं और देखता हूं ।
मैंने एक लाल रंग का सेट पसंद किया जो पोल्का डाट्स वाला था, एक और पर्पल कलर का, दो शालिनी ने पसंद किया उनमें से एक पैड वाली ब्रा स्किन कलर की भी थी। चार सेट ब्रा पैंटी लेने के बाद मैंने और शालिनी ने जींस टी-शर्ट हम दोनों के खरीदे दो दो सेट।
शालिनी की आज की शापिंग को देखकर कोई यह नहीं कह सकता था कि हम दोनों बॉय फ्रेंड और गर्लफ्रेंड नहीं हैं ।
मेरे लाख कहने पर भी उसने किसी भी कपड़े का ट्रायल नहीं किया । हम दोनों को आज की शॉपिंग में बहुत मजा आया था पिछली बार की शॉपिंग में शालिनी शर्मा रही थी इस बार सबसे पहले अपने लिए ब्रा और पैंटी खरीदी वो भी मुझे दिखा दिखाकर अलग अलग डिजाइन डिफरेंट फैब्रिक की ।
शालिनी ने अपने लिए कुछ स्टॉल और टी शर्ट के ऊपर पहनने वाले फुल लेंथ अपरन जैसी हल्की टी-शर्ट ली, ।
शालिनी- भाई जी आपके लिए तो अंडर गारमेंट लिए ही नहीं मैंने कहा था कि अब से जो भी शापिंग होगी दोनों की होगी।
मैं- अरे रहने को मेरे पास वैसे भी बहुत है।
शालिनी- हां हां, आपको कोई जरूरत ही नहीं, आप तो वैसे भी बिना अंडरगार्मेंट ज्यादा अच्छा फील करते हैं... और वो हल्के से मुस्कुराई...
मैं - हां वो तो है क्या तुम्हें अच्छा फील नहीं होता बिना ब्रा पैंटी के ।
शालिनी- कभी-कभी ।
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