bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
02-15-2020, 12:46 PM,
#20
RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
खैर शालिनी ने हल्का सा आंखें बंद कर रखीं थीं और वह इस तरफ देख भी नहीं रही थी, मगर अब मेरे लिए बहुत मुश्किल काम था अपने हाथों को उसकी चूचियां दबाने, सहलाने से रोकने के लिए,
पांच मिनट बाद शालिनी ने आंखें खोली और

शालिनी- भाई जी, पानी ठंडा हो गया है अब थोड़ा सा समीज हटा कर पेट पर बोतल रखिए,प्लीज़....

अधनंगी तो वो वैसे ही थी, एक पतली सी समीज उसके अंदर ब्रा भी नहीं,,,,

मैं- ठीक है बेटा, आराम तो मिल रहा है ना,,,, मैंने धीरे से उसकी समीज को उसकी चूचियों तक उठाया जिसमें उसने हल्के से उठकर मदद की, मेरी उंगलियों से उसकी चूची का निचला हिस्सा छू गया.... और मेरे लन्ड ने झटका खाया,पूरे शरीर के रोएं खड़े हो गए,,,
इन्ही चूचियों को मैं सहला भी चुका था मगर शालिनी के सोते हुए,, शालिनी ने आंखें फिर से बंद कर ली,, अब मैंने थोड़ा हिम्मत करके बोतल को बार बार उसकी चूचियों से लेकर नीचे उसकी निक्कर तक घुमाने लगा..... मैं बार बार हल्का सा दबाव बनाता जब मेरा हाथ उसकी चूचियों के नीचे जाता,,,, मैं अब खुल कर उसके नंगे, चिकने पेट को सहलाने लगा... मैं अब बिना डरे सिर्फ अपने हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा...

तभी शालिनी के मुंह से आह,,,, उंह,,,, सी,,,,सी,,,, जैसी अजीब सी आवाजें आने लगी... मैं अचानक रुक गया ।

मैं- क्या हुआ स्वीटी,,, दर्द और तेज हो गया है क्या ?

शालिनी ने हल्की सी आंख खोल कर मेरी ओर देखा और उसके चेहरे पर बहुत ही मासूमियत भरी हल्की सी मुस्कान थी ।

शालिनी- भाई जी, अब काफी आराम है, दर्द बिल्कुल कम हो रहा है, प्लीज़ थोड़ा सा और कर दीजिए ऐसे ही...

मैं- पानी तो बिल्कुल ठंडा हो गया है मैं हल्का गर्म करके लाता हूं।

किचन में पानी गर्म करते हुए मैंने अपने लौड़े को बरमूडे से बाहर निकाल लिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने के जैसे उसकी खाल को आगे पीछे करने लगा, मगर मेरा पानी जल्दी नहीं निकल रहा था तो मैं बोतल में पानी भर कर फिर से उसी तरह खड़े लन्ड के साथ फिर से शालिनी के खुले पेट की मालिश करने लगा ।

कुछ देर बाद शालिनी ने धीरे से कहा--- भाई थोड़ा सा और नीचे...

और मैं अब बोतल को उसकी निक्कर के उपर उसके पेट के नीचे तक घुमाने लगा । मैंने मौके का फायदा उठा कर अपना दूसरा हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा । मैं एक साइड से उसकी कमर को दबाकर दूसरे हाथ से बोतल घुमाता रहा,,,, बीच बीच में शालिनी हल्का हल्का ऊंह,,,, आह करती रही, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था... मैंने बोतल रख दी और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स से लेकर चूत के उपर जहां तक पैड था वहां तक सहलाने लगा..... शालिनी की आंखें वैसे ही बंद थी,,,,

मैंने सारी हिम्मत बटोर कर समीज के अंदर थोड़ा सा हाथ उपर करके उसकी चूचियों को सहला दिया,,,, उपर से नीचे तक सहलाते हुए मैंने कई बार उसकी चूचियों को सहलाया और धीरे-धीरे मैं उसके पूरे खुले पेट से लेकर चूंची तक सहलाता रहा,,,,, शालिनी के मुंह से हल्की सिसकियां जैसी निकल रही थीं और मैं भी सातवें आसमान पर पहुंच गया था.... लन्ड की नसें फूल कर फटने को हो रही थी कि

शालिनी ने आंखें बंद करके ही बोला-
भाई ईईई ... अब मैं ठीक हूं,आप भी अब आराम कर लो....

इस समय भी मेरा दाहिना हाथ शालिनी की बायीं चूंची पर था, समीज के अंदर ही... मैंने उसे हटाया नहीं और शालिनी से कहा- ठीक है, तुम सो जाओ मैं थोड़ा सा और सहला देता हूं ,,,

शालिनी- हूं.... और वो वैसे ही लेटी रही.....

मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था कि मैंने अपनी जवानी से भरपूर , हुस्न की मल्लिका, अपनी ही बहन शालिनी की चूचियों को छुआ है और सहलाया भी है और अब तो शालिनी की तरफ से कोई रोक टोक भी नहीं है,,,

मैं फिर से अपने काम में लग गया और इस बार मैं समीज को जितना उपर हो सकता था उतना उठा दिया, एक साइड की चूंची का निप्पल भी दिखने लगा । मैं अब धीरे से उठा और शालिनी के दुसरी तरफ जाकर बराबर में लेटकर उसके पेट को सहलाने लगा,बीच बीच में मैं उसकी चूचियों को हल्के हल्के दबाने भी लगा,, शालिनी शायद अब धीरे धीरे नींद के आगोश में समा रही थी,

वो कहते है ना कि जब जितना मज़ा मिल रहा हो तो भूख और बढ़ जाती है, अब मेरा मन कर रहा था कि मैं शालिनी की चूंची को मुंह में लेकर चूस डालूं, उसके भूरे रंग के निप्पल को चूसने के ख्याल से ही शरीर में चींटियां रेंग गई...

मैंने अपने लालची मन को समझाया कि परेशान ना हो वो दिन भी जल्दी आने वाला है जब इन गुदाज चुचियों को मैं अपने होंठों से चाटूंगा,प्यार करूंगा ।

अब मैं इससे आगे बढ़ कर अपना काम ख़राब नहीं करना चाहता था, सो मैं बिस्तर से उठ कर बाहर आ गया और तभी मेरी नज़र शालिनी की नई ब्रा पर पड़ी जो उसने सूखने के लिए बरामदे में डाली थी, मैं उसे उतार कर बाथरूम में लेकर घुस गया और अपने लौड़े पर उसे लपेट कर रगड़ रगड़ कर आंखें बंद करके शालिनी की मादक चूचियों को याद करते हुए उसकी ब्रा में झड़ गया । झड़ने के बाद भी मेरे लौड़े में गज़ब का तनाव बाकी था, ऐसा लग रहा कि अभी फिर से खड़ा हो जाएगा । मैंने उसकी ब्रा को फिर से वहीं पर डाल दिया और अंदर आकर शालिनी की अधनंगी चूचियों पर हाथ रख कर सोने लगा ।।


Messages In This Thread
RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा - by sexstories - 02-15-2020, 12:46 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,493,664 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,600 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,228,684 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 929,382 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,649,481 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,076,811 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,944,721 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,035,770 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,024,004 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,178 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)