RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
1-लड़का: "अर्रे तुझे पता नही इन पागलो का बहुत लंबा होता है..और साले थकते भी नही...तुझे पता है वो अपना कुम्हार है ना.. जो मट्टी के बर्तन बनाता है उस की बीवी एक बार खेत मे टाय्लेट के लिए गयी तभी ये उस पर चढ़ गया और 1 घंटे. तक चोदता रहा, कुम्हार की बीवी उसे छोड़ने के लिए बोल रही थी पर वो सुन नही रहा था जब वो दर्द से चिल्लाने लगी और गाओं के लोग आवाज़ सुन वहाँ आने लगे तब वो वहाँ से भागा...और पता है आज भी कुम्हार की बीवी अपने पति के साथ टाय्लेट जाती है.....हा..हहा ...हा हा"
3-लड़का: "और वो मलिन, फूल वाले की बीवी, उसे तो इसने पेट से कर दिया था"
2-लड़का: "हाँ यार इस पगले का कोई भरोसा नही है..कब किस को पकड़ ले"
मैं तो उनकी बाते सुन वान्हा खड़ा ही रह गया, कुछ समझ मे नही आ रहा था..मूसल लंड, चोद दिया, पेट से कर दिया... मैं इन सब बातो को समझ नही पा रह था, ये वर्ड्स मैं पहली बार सुन रहा था, पर इतना ज़रूर समझ रह था कि ये भूरा औरतों के साथ कुछ ग़लत करता है इसीलिए ये लड़के भूरा के बारे मे बात कर रहे है. पता नही उस दिन से मुझे भूरा से डर लगने लगा मे उस के पास बहुत कम जाने लगा वो बुलाता, पर मे बहाने बना कर भाग जाता.
मैं दालान मे आ गया, मुझे देख कर वो लड़के चुप हो गये और बोले "राज कल नदी (रिवर) पर चलेगा..तुझे आम और जामुन खिलाएँगे" मैं बोला "हाँ..चलूँगा", वो लड़के मुझ से काफ़ी बड़े थे तकरीबन 16 या 17 साल के थे, पर मेरा बहुत ख़याल रखते थे क्यूँ की मैं उन्हे अक्सर डेरी मिल्क चॉक्लेट दिया करता था, वो चॉक्लेट वहाँ नही मिलते थे और कुछ पैसे भी कभी कभी खर्च कर देता था इस लालच से वो मेरा ख़याल रखते थे.
मुझे याद है वो एक बार मुझे नदी पर ले गये थे, नदी हमारे गाओं से 10मिनट. की दूरी पर थी, खेत और कच्चे रास्तों से होते हुए हम नदी तक पंहूचते थे. मे नदी के किनारे ही खेलता क्यूँ कि उसे वक़्त मुझे तैरना (स्विम्मिंग) नही आती थी. ये लड़के स्विम्मिंग कम करते थे और गाओं की लड़कियों को नहाते हुए ज़्यादा देखते थे, और वो लड़किया इनको गाली दे कर भगा देती पर मुझ कुछ नही कहती थी क्यूँ कि मे उनसे काफ़ी छोटा था और उनमे से कुछ लड़कियों को जानता भी था, जैसे रेणु, पायल, सीमा और इनको मे दीदी कह कर बुला ता था और वैसे भी इन सब लड़कियों का मेरे घर आना जाना लगा रहता था. उसे दिन ये लड़के नदी मे खेल रहे थे पर मे किनारे बैठा उन्हे देख रहा था, तभी मेरे पास से कुछ गाओं की लड़कियाँ गुज़री उनमे रेणु भी थी, उसने मुझसे पूछा "क्यूँ राज तुम नहा नही रहे हो..!" मे बोला "दीदी मुझे स्वीमिंग नही आती और पानी भी बहुत गहरा है" वो बोलने लगी तुम हुमरे साथ आ जाओ हम तुम्हे स्विम्मिंग सिखाते है. मे उनके साथ चला गया, वो कुछ दूरी पर नहाती थी जहाँ पर कोई आता जाता नही था. वो सब झाड़ियों (स्माल ट्रीस) के पीछे अपने कपड़े निकालने लगी, कुछ ने सारी पहनी थी और कुछ ने सलवार कमीज़. जिन लड़कियों ने सलवार कमीज़ पहना था उन्होने सलवार निकाली और जिन्होने सारी पहनी थी उन्होने सारी और ब्लाउस निकाल दिया और पेटिकट को चुचियों के उपर बाँध लिया, मे ये सब देख रहा था पर मुझे कुछ महसूस नही हो रहा था. फिर वो सब नदी मे उतरने लगी मुझे भी बुलाने लगी पर मैने भी अपनी टी-शर्ट निकाली पर जीन्स नही निकाला और पानी मे उतरने लगा वो बोलने लगी "अर्रे राज जीन्स तो निकाल दो"
मे: "दीदी मे अपनी हाफ पॅंट नही लाया हूँ.."
रेणु: "कोई बात नही राज..तुम अपनी जीन्स निकाल के आ जाओ"
मे: "नही मुझे शरम आती है"
रेणु: "अर्रे हमसे कैसी शरम, हम तो तेरी दीदी है" इतना बोलते ही एक लड़की ने मेरा जीन्स खोल दी, मे सिर्फ़ अंडरवेयीर पर था, ये देख कर लड़कियाँ हस्ने लगी.
मे: "तुम लोग क्यूँ हंस रही हो?..मुझे नही नहाना मे जा रहा हूँ"
रेणु: "अर्रे राज रुक जाओ..ये सब पागल तुझे अंडरवेयीर पहना देख कर हंस रही है"
मे: "क्यूँ..तुम सब नही पहनती?" वो फिर हस्ने लगी.
|