RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
लड़कियाँ: "अर्रे राज ऐसी कोई बात नही है....गाओं मे तेरी उमर के लड़के अंडरवेयीर नही पहाते इसलिए ये सब हंस रही हैं..मे इन्हे मना कर्दुन्गि ये अबसे नही हँसेगी, तुम आ जाओ”
फिर मे पानी मे उतरा, रेणु मुझे पकड़ कर थोड़े गहरे पानी मे ले गयी, मे उन्हे देख रहा था पानी मे उनके कमीज़ और पेटिकट उपर होगये थे और अंदर उनकी कसी हुई चुचियाँ और गोरे गोरे जाँघ (थाइस) और उनकी चूत के बाल (हेर) दिख रहे थे, रेणु ने कहा "राज हम तुम्हे पकड़ते है तुम अपने पैर उपर कर लो और तेज़ी पानी पर मारो" मे वैसे ही करने लगा उन्होने मेरे पेट और पेनिस पर अपना हाथ रखा हुआ थे, मे फिर पानी मे पैर मारने लगा ,मुझे ऐसा करते देख कर उन्होने मुझे छोड़ दिया मे डूबने लगा और हाथ पानी पर मारने लगा, मे डर गया था और रेणु को कस कर पकड़ लिया और रेणु से लिपट गया, रेणु ने पेटिकट पहना हुआ था और वो पेटिकट कमर के उपर आ चुका था और वो अंदर से पूरी तरह नगी थी मे उसके नंगे चूतर और कमर को कस के पकड़ा हुआ था. दूसरी लड़कियाँ पास मे खड़ी कुछ बोल रही थी और हंस रही थी मैने सुना वो कह रही थी "रेणु को तो देख बड़े मज़े से चिपकी हुई है राज से, लगता है लिए बिना छोड़ेगी नही उसे" दूसरी लड़की बोली "राज है भी तो इतना खूबसूरत कि कोई भी लड़की चिपक जाए".. "अर्रे शहरी लड़का है खूबसूरत हो होगा ही...और सहर मे खूबसूरत लड़कियों की क्या कमी है जो हम जैसो को देखेगा, इन गाओं के लड़को की तरह नही है कि लड़की देखी और डंडा खड़ा कर लिया" मैने तुरंत उसे छोड़ दिया और बाहर जाने लगा तब रेणु बोली "क्या हुआ राज तैरना नही सीखना" मे बोला "नही तुम सब मेरा मज़ाक कर रही हो" रेणु बोली "आरे इनकी बात का बुरा मत मान इनकी तो आदत है बकबक करने की तू आजा" मे वापस पानी मे उतरा और रेणु के पास गया, रेणु ने कहा "जब तुम पैर मारने लगॉगे तो मे तुम्हे छोड़ूँगी और तुम हाथ भी पानी मे मारना जिसे तुम पानी मे आगे की तरफ बढ़ने लगॉगे और इसी तरह करते रहना, तुम तैरना सीख जाओगे. मे उसी तरह करने लगा पर बार बार पानी मे डूब जाता और रेणु पानी से बाहर निकालती, एक बार तो मेरी अंडरवेर घुटनो की नीचे उतर गई और मुझे पता भी नही चला, मैने दोनो हाथो से रेणु की कमर को पकड़ा हुआ था और मेरा चेहरा उसकी चुचि पर और मेरा छोटा लंड रेणु चूत से चिपका हुआ था. रेणु भी उसे महसूस कर आयी थी पर शायद उसे भी मज़ा आ रहा था इसीलिए कुछ बोल भी नही रही थी, इस दरमियाँ मैने कई बार उसकी नगी चूत और चूतर को छुआ था और उसने कई बार मेरे छोटे से लंड को छुआ था. मे पहली बार किसी लड़की के जिस्म को महसूस कर रहा था और मेरे अंदर एक अजीबसी हुलचल हो रही थी, मुझे पानी के अंदर भी पसीना आ रहा था. कुछ देर बाद लड़कियाँ बाहर निकलने लगी मे भी बाहर आके बैठ गया, लड़कियाँ झाड़ियों के पीछे कपड़े बदलने लगी, पर मेरी नज़र तो रेणु पर ही थी, रेणु की उमर तकरीबन 17 या 18 साल होगी पूरी तरह से जवान और गदराई हुई थी, उसने मेरे सामने ही पेटिकट की डोरी खोल दी और पेटिकट नीचे गिर गयी, रेणु पूरी तरह से नंगी मेरे सामने खड़ी थी, गोरा बदन, घुंघराले बाल, कसी हुई चुचि और गोरी चूत पर थोड़े हल्के काले बाल ऐसा लग रहा था जैसे कोई जलपरी पानी से बाहर निकल आई हो. फिर वो अपने साथ लाए हुए कपड़े सलवार कमीज़ पहनने लगी, मे देखा उसने ब्रा और पॅंटी नही पहनी.
और फिर मेरे करीब आकर बोली "राज तुम हमारे साथ चलोगे या, इन लड़को के साथ आओगे" मे बोला "मे भी आप लोगो के साथ आता हूँ" मुझे पता नही मैने ऐसा क्यूँ बोला शायद मुझे रेणु का साथ अछा लग रहा था, मे उनके साथ चलने लगा.
क्रमशः.............
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