RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
शादी के पहले हल्दी की रसम थी, घर मे तो जैसे होली का महॉल हो गया था, जो भी प्रेम चाचा को हल्दी लगाने जाता उसे हल्दिसे पीला कर्दिया जाता. मा और गाओं की कुछ औरते फूफा को हल्दी लगाने के लिए उनके पीछे भागी फूफा प्रेम चाचा के कमरे मे घुसे गये पर वहाँ भी बचने वाले नही थे क्यूँ कि वान्हा पहले से चाची और कुछ औरते हल्दी लिए खड़ी थी, सब ने मिल कर फूफा को जम कर हल्दी लगाई. जब मा और बाकी औरते कमरेसे से निकलने लगी फूफा ने थोड़ी हल्दी ली और चाची को पीछेसे पकड़ कर गाल और पीठ (बॅक) पर हल्दी लगाने लगे चाची जैसे ही पीछे घूमी फूफा ने कमर मे हाथ डाल कर पकड़ लिया और अपने गाल पर लगी हल्दी को उनके गालों पर मलने लगे इस दौरान चाची की चुचियाँ बुरी तरह से फूफा के शीने से दबी हुई थी, चाचीने जैसे तैसे अपने को उनसे अलग किया और एक कोने मे खड़ी होगयि "हाए राम...कोई इस तरह पकड़ता है, कोई देख लेता तो?"
क्रमशः.............
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