RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
कुछ देर बाद फूफा बोले “कोमल जी जर उपर जाँघ (थाइस) की तरफ भी तैल लगा दो” चाची एक दम सहम गयी, थाइस पर कैसे हाथ रखती उनका अंडरवेअर तो तना हुआ था पर चाची हिम्मत कर करके उनके थाइस पर मालिश करने लगी शायद चाची पहली बार की गैर मर्द के थाइस को छू रही, फूफा का लंड तो कपड़े फाड़ कर बाहर आने को तैयार था. थाइस पर मालिश करते समय चाची हाथ एक दो बार उनके अंडरवेर को छू गया था, जिससे फूफा और भी गरम हो गये थे. शायद चाची भी फूफा के पैर के घने बालो (हेर) का मज़ा ले रही थी, कुछ देर बाद फूफा ने चाची के थाइस पर हाथ रख कर कहा “कोमल जी ज़रा ज़ोर्से दबाइएना बड़ा अछा लग रहा है” चाची फूफा के हाथ को अपनी थाइस पर महसूस कर थी, चाची भी शायद कुछ हद तक गरम हो रही थी शायद शादी के दौरान उनका संभोग (सेक्स) चाचा से नही हुआ हो. फूफा फिर अपना हाथ उनके थाइस से हटा कर चाची की कमर पर प्यार से फिराने लगे, चाची बोली “गुदगुदी हो रही है”
फूफा: “आप तो अपने नाम से भी ज़्यादा कोमल है”
चाची: “कोमल तो हूँ, देखिए दोपहर मे जो आपने चींटी ली थी उसका निशान अभी भी है”
फूफा: “कहाँ..बताइए?”
चाची अपनी सारी को हटा कर कमर दिखाने लगी, फूफा को मौका ही चाहिए था, वो हाथ से उनकी कमर को सहलाने लगे और हाथ को थोडा पीछे करके सारी के अंदर हाथ डाल दिया, हाथ पूरी तरह अंदर नही गया था, पर वो चाची के चूतर को ज़रूर छू रहे थे.
क्रमशः.............
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