RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
चाची: "आप सब जानते है पर मेरे मूह से ही सुनना चाहते"
फूफा: "सच मे मुझे कुछ याद नही..तुम ही बताओ ना?
चाची: "उस दिन आपने....नही मुझे शरम आ रही है"
फूफा: "तो मैं कैसे मान लू कि मैने कुछ किया था"
चाची: "आप उस दिन मेरे पीछे चिपक के क्यूँ खड़े थे?
फूफा: "एक तो हमने आपकी मदद की और आप है की मुझे बदनाम किए जा रही हैं"
चाची: "वो तो ठीक है पर मदद करने के बहाने आप कुछ और ही कर रहे थे"
फूफा: "फिर वही बात..तुम कुछ बताओगि नही तो मुझे कैसे पता चलेगा की मैने क्या किया था"
चाची: "उस दिन आप ने मेरी कमर क्यूँ पकड़ी थी"
फूफा: "अर्रे तुमने ही तो कहा था कि तुम ठीक से खड़ी नही हो पा रही हो, इसीलये मैने तुम्हारी कमर पकड़ी थी"
चाची: "लेकिन आप पीछे से मुझे...."
फूफा: "क्या पीछे से?"
चाची: "ठीक आपको तो शरम नही..मुझे ही बेशरम बनना पड़ेगा...अप उस दिन पीछे से मुझे अपने उस से रगड़ रहे थे"
फूफा: "किस से?"
चाची: "अपने लंड से और किस से"
फूफा: "इतनी सी बात बोलने के लिए इतना वक़्त लगाया"
चाची: "आपके लिए इतनी सी बात होगी...पता है मे कितना डर गयी थी, अगर उस दिन कोई देख लेता तो?
फूफा: "अर्रे उस भीड़ मे कॉन देखता"
चाची: "फिर भी..पता है राज वही खड़ा था"
फूफा: "अच्छा एक बात बताओ क्या तुम्हे वो सब ज़रा भी अच्छा नही लगा?"
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