RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
शाम हो चुका था कोई 6 बज रहे थे ,मैं खुस था और अपने जेब में 30 हजार को भरे हुए मैं ,अपने चाल से थोड़ी दूर में चाय पी रहा था,तभी बनवारी आ गया ...बनवारी वही शख्स था जिसने मुझे यंहा लाया था ..
“क्या इंजीनियर साहब कैसे हो भई …”
मैंने उसे देखा यही वो शख्स था जिसके कारण मैं आज यंहा था ,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ,जैसे मैं उसे धन्यवाद दे रहा था
“अच्छा हु अंकल “
वो खिलखिलाया ..
“अबे अब तो अंकल मत बोल,मेरा नाम है बनवारी ,तू बनवारी काका बोल सकता है ,सारा शहर जानता है की बनवारी एक रंडियों का दलाल है बस,”
“अच्छा ठीक काका ,..”मैं मुस्कराया
“ऐसे दुनिया क्या कहती है वो छोड़ दो लेकिन मेरे लिए तो आप देवता की तरह ही आये थे “
वो मुस्कुराया
“मैं देवता की तरह ही आता हु ,आज ही देख ले ,वो तू जिसके साथ रहता है ना काजल ,कितने दिनों के बाद धंधे में उतरी कोई ग्राहक नही मिल रहा था मैंने ले जाकर दिया है “
“क्या …??”
मेरे आंखों के सामने कुछ पलो के लिए तो अंधेरा ही छा गया,मैं जिसके लिए के सारे प्रपंच कर रहा था वो फिर से ..
“लेकिन उसका तो तबियत खराब है ..”
“अबे ये रंडिया है ,कैसे भी हो लोगो को अपने ऊपर कुदवा ही लेती है ,आज 3-4 ग्राहक आ जाए तो उसका भी 3-4 सौ बन जाएगा ..”
3-4 सौ बस मेरे दिमाग में बात किसी वज्रपात की तरह कौंध गई, …उसके लिए वो इस कंडीसन में 3-4 लोगो के साथ
“क्या हुआ ..”
मैं उसे अजीब से निगाह से देखने लगा ,
“वो कितना लेती है एक बार का “
वो जोरो से हंसा ..
“तुझे कितना बताया था उसने ...अबे ये सब सस्ती रंडिया है यंहा आने वाले 50-100 रुपये भी दे दे तो बहुत है ,अब वो लड़कियों के ऊपर है की वो कितना वसूल ले ,हा उसमे से आधा दलाल का जैसे अभी 1 ग्राहक मैंने भेजा है 100 देगा तो 50 उसके 50 मेरे …”
मैं चाय वही पटक कर जाने लगा ..
“अबे कहा जा रहा है छोरे अभी तो ग्राहक उसके साथ होगा ,सुन ...अबे सुन “
वो मेरे पीछे भागा ..
“अबे क्या कर रहा है क्या हुआ बोल तो सही …”मेरा चहरा लाल था,पता नही मेरे दिमाग में क्या क्या चल रहा था,मैं गुस्से से भरे हुआ था साथ ही दुख भी तेज थी ,मैं नही चाहता था की काजल अभी किसी के साथ भी इस हालत में कुछ करे ,,उसने ऐसे भी 1 महीने का रेस्ट लेने की बात कही थी और अभी मुश्किल से 6-7 दिन ही हुए थे …
“अबे क्या हुआ तुझे कोई तमाशा मत खड़ा कर देना भाई .मेरी जान में बन जाएगी “
मैंने बनवारी को देखा
“उसकी तबियत खराब है अभी ,और कोई ग्राहक लाने की कोई जरूरत नही है ,एक महीने वो कोई धंधा नही करेगी “
“तुझे बहुत फिक्र हो रही है लड़के उसकी “
मैं लाल आंखों से उसे घूर रहा था
“हा हो रही है ,अब और कोई ग्राहक नही समझे “
मैंने कड़े शब्द में उसे कहा ..
वो भी डर कर सर हिलाने लगा..
“लेकिन अभी जो चला गया है उसे तो वापस आने दे ..”मैं चाल के दरवाजे में खड़ा था ,मेरे सामने ही दूसरे माले में वो कमरा था जंहा मैं और काजल रहते थे,मैंने एक बार उसे देखा अभी वो बंद था..
मेरा गुस्सा थोड़ा कम हो गया था ..
“ह्म्म्म ठीक है ..”मैंने सर हिलाया और दरवाजे के बाहर खड़ा बने एक पान ठेले में खड़ा हो गया...
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