RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
उसकी बात सुनकर मेरा चहरा उतर गया ,मैंने अपना सर झुका लिया था जब मैंने चहरा उठाकर फिर से उस नर्स को देखा तो मैं चौका क्योकि उसके होठो में एक शरारती मुस्कान थी ,मैं उसे प्रश्न भरे नजरो से देखने लगी और वो खिलखिला उठी ..
“तरुणा ने मुझे बताया था की इसका मजनू आने वाला है उसकी लेना,मैंने तो ले ली ,जाओ जाओ तुम्ही लैला अंदर तुमसे मिलने की बेचैनी में मरी जा रही है “
वाह ,यार क्या बताऊँ कैसा लगा ,लगा जैसे उस नर्स को पकड़ कर अभी जोर की झप्पी दे दु लेकिन मैं भगा और तुरंत ही अंदर घुस गया,
मेरी नजर उस चहरे पर थी जिसे देखने को मैं इतने दिनों से बेताब था जिसे मैं बस अपने सपने में ही देख रहा था,काजल ने मुझे देखा और उसके चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई,वो अभी बिस्तर में लेटी हुई थी ,हॉस्पिटल में मिलने वाला मरीज वाला गाउन पहने हुए थी ,उसके चहरे को देखकर मेरा दिल ही डूब गया,वो बेहद ही कमजोर दिख रही थी ,आंखों में काले घेरे आ चुके थे,चहरे की रंगत उतर सी गई थी,उसकी मुस्कान से ही उसकी कमजोरी का आभास हो रहा था…
मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसके हाथो को अपने हाथो में ले लिया…..
“क्या हो गया तुझे इतनी कमजोर लग रही है तू”
उसने अपने हाथ मेरे गालों में फिराये
“तू नही था ना मेरा ख्याल रखने के लिए “
उसके आंखों में आंसू आ गए थे,साथ ही मेरे भी
“किसने कहा था मुझे खुद से दूर करने के लिए,तुझे छोड़कर उस उस साले शकील के साथ रहना पड़ रहा है मुझे ..”
काजल मुस्कुराई
“बहुत बड़ा हो गया है ना तू मेरे लिए शकील से पंगा ले लिया,मुझे उठवा लिया,और अब...इतने बड़े हॉस्पिटल में मेरा इलाज करवा रहा है पैसे कहा से आये रे तेरे पास “
“अरे तू अपनी चिंता कर वो मैं देख लूंगा “
“कैसे उतारूंगी तेरा इतना कर्ज “
उसकी बात सुनकर मेरे होठो में एक शरारती सी मुस्कान खिल गई पता नही क्यो लेकिन शायद उसने भी कुछ समझा जो मैंने नही कहा था,उसने मेरे गालों में हल्की सी चपत मारी…
“चूतिया “
और मैं खुद को नही रोक पाया रोता हुआ उससे लिपट गया..
“ये सुनने के लिए तरस गया था मैं “
वो मेरे बालो को सहला रही थी …….
“पूरा बच्चा है तू,मेरा बच्चा..”
उसने बड़े मुश्किल से उठकर मेरे बालो को चूमा और फिर से लेट गई
कुछ पल होते है ना वो जिसमे आप अपना सब कुछ भूल जाते हो ,मेरे लिए वो वही पल था,शकील की सारी टेंशन,काजल के पास्ट की सारी टेंशन सब कुछ उसके इस एक प्यार भरे किस ने ही भुला दिया था,मैं उसकी आंखों में देख रहा था कोई बात हमारे बीच नही हो रही थी ना जाने कितना समय ऐसे ही निकल गया जब मुझे कुछ याद आया …
“मैंने तरुणा को कुछ पूछने को कहा था ,की तुम कहा की रहने वाली हो “
मेरे सवाल से काजल का खिला चहरा कुछ उतर सा गया
“क्या करोगे जानकर.जो बीत गया वो वापस नही आता “उसकी आवाज बेहद ही कमजोर थी
“मुझे जानना है की शकील तुमसे इतनी नफरत क्यो करता है “
काजल ने कुछ देर मुझे यू ही देखा फिर जोरो से हँस पड़ी
“मुझे तो ये समझ नही आता की शकील तुमसे इतनी मोहोब्बत कैसे करने लगा है,साला तू जो भी बोलता है मान ही लेटा है “
काजल बातों ही बातों में बातों को घुमा रही थी बड़ी ही खूबसूरती से मुझे उसका इंटेंसन तो समझ आ गया लेकिन मैं चुप ही रहा …
मैंने भी बात कोई घुमाया
“अविनाश सर से मिली “
मैं देखना चाहता था की अविनाश का नाम सुनकर उसके चहरे में क्या कोई परिवर्तन आता है और वो आया
“वो तो रंडियों को देखना भी पसंद नही करते ना,खैर उनको मेरा धन्यवाद कहना की उन्होंने एक रंडी की इतनी मदद की “
काजल के चहरे में एक अजीब सा दुख था जिसे मैं पढ़ ही नही पा रहा था और मेरे इस सवाल से और उसके इस जवाब से माहौल कुछ गमगीन सा हो रहा था,मैं काजल के बड़े दिन पर उसे दुखी नही करना चाहता था...मैंने बात वही छोड़ दी
“तरुणा मेडम कैसी है तुम्हारा ध्यान तो रखती है ना “
काजल के होठो में फिर से मुस्कान आ गई
“वो तो बिल्कुल मेरे बहन के जैसी है,राहुल मुझे आज भी यकीन नही होता की मैं यंहा हु,उस रंडीखाने के बाहर जिंदगी जी रही हु,सिर्फ तुम्हारे कारण “
काजल की आंखों में असीमित प्यार देखकर एक बार मैं उनमे डूब ही गया,इतना स्नेह इतना प्यार था उन आंखों में और थोडा सा पानी भी ……
“तेरी याद आती है रे “
मेरा गाला कुछ भर सा गया था,उसने बस मुस्कुराते हुए मेरे बालो में अपनी उंगलियां फंसा ली ,वो बस मेरे आंखों में देख रही थी,वो अजीब पल होते है जब होठो में मुस्कुराहट होती है और आंखों में प्यार से भरा हुआ पानी …
वो कुछ बोल नही रही थी बस मेरे बालो को सहला रही थी ,मुझे निहार रही थी ,मैं उसकी छतियो में सर रखकर सो गया,ये मेरे लिए जन्नत थी इतना सकून दुनिया में कही नही होता जीतना अपने से प्यार करने वाले के सीने में सर रखने का होता है ,
ना जाने कितनी देर ,कोई शब्द कही से नही आ रहे थे ,ना किसी को अपना प्यार जताने की कोई होड़ थी ,ना कुछ समझने समझाने की कोई चिंता,बस मैं था वो थी और अहसास था,शायद ये कहना गलत होगा……
क्योकी कोई दूसरा तो था ही नही बस हम थे जो एक थे और था अहसास वो भी एक ही था……..
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