RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
raj2002 - मतलब मेरी जान तुम बहुत गरम हो गई थी है ना
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
raj2002 -फिर
priti214 - फिर उन्होंने अपने हाथ को मेरे कुर्ते के अंदर डाला और मेरी सलवार के नाड़े को ढूंढ़ने लगे
दीदी की ये chats पढके मेरा लंड बिलकुल टाइट और गरम हो गया था मैं सोच रहा था की मेरी दीदी के साथ इतना कुछ हो चूका है दिनेश अंकल को कितना मजा आया होगा जब उन्होंने दीदी के नरम और मोटे बोबो को छुहा होगा उनका तो लंड खड़ा हो गया होगा और उन्होंने तो दीदी की चूत पे भी हाथ फेर रखा है केसा फील हुआ होगा उन्हें मजा आगया होगा उन्हें तो क्या दीदी की चूत पे बाल होंगे या चिकनी होगी दीदी की चूत और मुझे आश्चर्य हुआ की जब अंकल दीदी की चूत पे हाथ फेर रहे थे तो दीदी को भी मजा आ रहा था ये दीदी ने खुद ने बोल था मुझे ये सब सोच सोच के पता नहीं क्या हो रहा था मैंने इतना ज्यादा excited आज तक फील नहीं किया था मैं लंड पे हाथ फेर रहा था तो मुझे कुछ गीला 2 सा महसूस हुआ शायद वो pre cum था ये सब chats पढके के और उस situtaion को इमेजिन कर कर के मेरे लंड मे पैन होने लग गया था मैंने सोचा अब जाकर मूट मारता हु नहीं तो मेरा लंड फट जाएगा और मै सोचने लगा की काश आज भी दीदी की ब्रा पेंटी मिल जाए बाथरूम मे तो मजा आ जाये
मैं ये सोच ही रहा था इतने मे मम्मी दीदी के रूम की तरफ आई "प्रीती ओ प्रीती कहा ह तू " मेरी फट गयी मैंने फटाफट लैपटॉप की स्क्रीन बंद की और लैपटॉप सहीत ही बेड के नीचे चुप गया मम्मी रूम में आके बोली "कहा गयी ये लड़की"
दीदी की आवाज आयी "हा मम्मी अभी आयी " दीदी रूम मे आयी
दीदी - "हा मम्मी बोलो "
मम्मी - "अरे कहा थी तू वो कल शादी म चलना है तो चल मार्किट हो आते है , तुझे कुछ चाहिए "
दीदी - "हाँ मम्मी हा मुझे नयी ब्रा पेंटी भी लेनी है 1 सेट की ब्रा तो बहुत ही लूस हो गयी है ना फिटिंग आती है ना शेप और 1 ब्रा में से निप्पल्स साफ़ दीखते है चाहे कुरता पहनो या टॉप तो आप इस बार मेरे लिए ब्रा ऐसी देखना जिसमे मेरे निप्पल्स न दिखे "
मेरी और हालत ख़राब हो रही थी बेड के नीचे से ये सब बातें सुन सुन के मैं सोच रहा था दीदी के निप्पल्स बड़े होंगे या छोटे और कौनसे कलर के होंगे इतने में दीदी ने अपना टॉप ऊपर किया और कहा
दीदी- "और ये वाली जो ब्रा है ये इतनी टाइट है की दम ही निकल जाता है मेरा तो "
मेरे वारे न्यारे होगए दीदी को सामने से ब्रा मे देख के दीदी के मोटे बोबे उनकी टाइट ब्रा में से आधे बहार निकल रहे थे 1 बार तो मेरी इच्छा हुई की अपना लंड निकाल के बेड के नीचे ही मूट मारलु फिर दीदी बोली दीदी - "और हा मम्मी सेल्समेन के सामने मुझसे साइज़ मत पूछना वो साइज़ सुन के घूरते रहते है ब्रैस्ट पे मेरा साइज़ 34 है आप इस साइज़ की ब्रा निकलवा देना और मैं ऊँगली से इशारा कर दूंगी की मुझे कौनसी पसंद आ रहे है मैं कुछ नही बोलूंगी "
मम्मी - "ठीक है तो तूने अभी जो ब्रा पेंटी पेहेन रखे वो उतार दे और जो तुझे comfortable लगते हो पेहेन ले ताकि जरुरत पड़ी तो try करके और compare करके भी देख लेना तू "
अब मैंने सोचा जो मैंने माँगा था वो दीदी उतार रही है बाथरूम मे मेरी इच्छा पूरी हो गयी थी फिर दीदी मम्मी मार्किट चले गए मैंने गेट बंद किया और बाथरूम मे गया
दीदी के टॉवल के नीचे से पहले दीदी की ब्रा उठाई उसपे किस किया उनके कप्स पे किस किया उनके कप्स को सहलाया उनकी ब्रा के कप्स को दबाया और अपने पूरे फेस पे फेरा मैंने दीदी की ब्रा को फिर मैंने दीदी की पेंटी उठाई और उसे जेसे ही सुंघा आज उसमे कुछ ज्यादा ही अच्छी और कमसिन सी खुशबु आ रही थी , दीदी की पेंटी आज उस दिन से ज्यादा गीली थी मैंने दीदी के पेंटी मे देखा तो हैरान रह गया दीदी की पेंटी पे बहुत सारा वाइट गाड़ा पानी जेसा कुछ लगा हुआ था मैं समझ गया की ये दीदी की चूत का डिस्चार्ज है वो नीचे की साइड की पूरी पेंटी पे लगा हुआ था मैंने सोचा की आज दीदी का इतना सारा डिस्चार्ज केसे निकला फिर मुझे समझ मे आगया मैंने मेरे मन मे कहा की "दीदी गरम हो रही थी जब वो अपने bf को बता रही थी की दिनेश अंकल ने उनके बोबे दबाये और उनकी चूत पे अपना हाथ फेरा ये सब बताते 2 दीदी गरम हो गयी थी तभी उनकी चूत मे से इतना सारा डिस्चार्ज निकला " मैं अपनी दीदी की पेंटी मे लगे डिस्चार्ज को चाटने लगा और पूरा चाट के साफ़ कर दिया क्या मस्त taste था मेरी दीदी की चूत का फिर उनकी पेंटी को अपने लंड पे लपेटा और अपने लंड को हिलाने लगा और थोड़ी ही देर मे मैं झर गया आज जेसा अनुभव मुझे कभी नहीं मिला था मैंने वापस दीदी की ब्रा पेंटी रखी और बाहर आया और लैपटॉप ओन किया और दीदी की आगे की chats पड़ने लगा
priti214 - फिर उन्होंने अपने हाथ को मेरे कुर्ते के अंदर डाला और मेरी सलवार के नाड़े को ढूंढ़ने लगे मेरी दिल की धड़कने इतनी तेज चल रही थी की मैं बता नहीं सकती मेरे पापा की उम्र का आदमी मेरी सलवार और पेंटी पे से मेरी वेजिना पे हाथ फेर रहा था वो भी मेरे पापा मम्मी के उसी गाडी में होते हुए भी।।
raj2002 - आगे क्या हुआ जान
priti214 - मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या करू ये आदमी मुझे नंगी करने की सोच रहा था इस गाडी मैं जिसमे मैं मेरी पूरी फॅमिली बेठी है फिर भी मै इसे रोक क्यों नहीं रही हू मेरा दिल बोल रहा था की मैं उसे रोकू और दिमाग कह रहा था की जो चल रहा ह उसे चलने दू नंगी हो जाऊ इस गाडी में और अंकल को अपनी नंगी वेजिना पे हाथ फेरने दू तभी अंकल को मेरी सलवार का नाडा मिल गया और वो उसे खींचने ही वाले थे की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया जेसे ही मेरी आँखें खुली मुझे समझ आगया की मुझे क्या करना है मैंने अंकल की तरफ घूर के देखा उनके हाथ को झटका और पीछे मुडी उनके के चेहरे पे हवाइया उड़ रही थी क्योंकि उनकी भी दोनों जवान बेटियां उस गाडी मैं थी मैंने जोर से चिल्लाके कहा " मम्मी बहुत हो गया अब मुझसे नहीं झेला जाता आगे और मैं आपको कुछ बताना चाहती हु " अंकल की हालत देखने लायक थी उन्होंने मेरी तरफ देख के धीरे से कहा प्लीज बेटी किसी को कुछ मत कहने मैं आगे से ऐसा कुछ नहीं करूँगा सॉरी प्लीज सॉरी , मम्मी ने मुझसे पुछा "क्या हुआ प्रीती क्या नहीं झेला जाता मैंने मम्मी को धीरे से कहा मम्मी गाडी रुकवाओ न किसी रेस्टोरेंट पे मुझे भूख भी लगी है और टॉयलेट भी जाना है " मेरी बात सुनके अंकल के चेहरे पर सुकून आया
raj2002 - तो जान तुम बता देती ना उस कमीने की करतूत क्यों नहीं बताया
priti214 - यार मैंने सोचा छोड़ो अभी इसकी अच्छी खासी फॅमिली बिगड़ जाएगी और इसने सॉरी भी बोल दिया था इसलिए
raj2002 - फिर वो अंकल क्या अभी भी घर पे आते है क्या अभी भी तुम्हारी ब्रा के स्ट्रैप्स को फील करते है क्या
priti214 - नहीं फिर मैंने मम्मी को बोल दिया था की दिनेश अंकल गालो पे टच करते है तो मुझे अच्छा नहीं लगता कोई बच्ची थोड़ी ना हूँ तो मम्मी ने बोल दिया की तू पैर मत छुहा कर दूर से नमस्ते कर लिया कर
raj2002 - लेकिन जान तुम्हे मजा आया था ना जब अंकल तुम्हारे बूब्स और वेजिना पे अपना हाथ फेर रहे थे
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
raj2002 - तुम्हारी वेजिना मे से डिस्चार्ज भी निकला होगा ना
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
raj2002 - कितना निकला था
priti214 - इतना तो निकला था की मुझे मेरी पेंटी गीली गीली लगने लग गयी थी
raj2002 - जान 1 बात बोलू
priti214 - हा जी बोलो
raj2002 - तुम्हारी ये सारी बातें सुन के मेरा खड़ा हो गया
priti214 - हे भगवान् ! तुम्हारा तो हमेशा ही खड़ा हो जाता है सुला दो उसे बहुत बिगड़ गया है
raj2002 - केसे जान तुम सुलाओ ना इसे
priti214 - मैं वहां आगई ना तो मरोड़ दूंगी उसे हा हा हा हा हा हा
raj2002 - तो जान फिर कभी हुआ क्या एसा कुछ तुम्हारे साथ उन अंकल के अलावा किसी और ने हाथ लगाया क्या तुम्हे कभी यहाँ वहां
priti214 - नहीं और किसी ने तो नहीं लगाया
priti214 - हाँ याद आया 1 बार और हुआ था एसा
raj2002 - कब कहाँ पूरी बात बताओ ना
priti214 - अभी 6 महीने पहले की ही बात है मेरा 1 एग्जाम था जिसका सेण्टर दूसरे सिटी मे आया था तो मम्मी की बेहेन यानी मेरी मौसी की लड़की भी उसी सिटी में रहती है वो मैरिड है तो मम्मी ने कहा की तू वहीँ रुक जाना मैंने कहा ठीक है मै एग्जाम के 2 दिन पहले वहां पहुंची जीजू स्टेशन पे लेने आ गए थे दीदी जीजू की शादी को अभी 4 साल ही हुए थे और उनकी 1 बेटी भी थी श्रेया 1 साल की जीजू ने हाय हेलो किया और मुझे घर ले गए उनका घर ज्यादा बड़ा नहीं था 2 रूम किचन फ्लैट था मेरा सामान 2ण्ड रूम मे रखवा दिया था मैंने अपने कपडे चेंज किये और गर्मियों के दिन थे इसलिए 1 पतली सी कैपरी और पतला सा टॉप पेहेन लिया फिर दीदी से थोड़ी बातें की फिर थोड़ी देर सो गयी
raj2002 - फिर
priti214 - शाम को उठी तो दीदी खाना बना रही थी मैंने सोचा उनकी हेल्प कर दू थोड़ी तो किचन मे उनके पास जाके खड़ी हो गयी और उनकी हेल्प करने लगी इतने मैं जीजू भी आ गये और बातें करने लगे 1 दम से लाइट चली गयी और मुझे अपने हिप्स पर 1 हाथ महसूस हुआ वो हाथ मेरे पूरे हिप्स पर घूम रहा था सारी उंगलिया मेरे हिप्स को सहला रही थी वो हाथ मेरे हिप्स पर घूमते हुए मेरे हिप्स को सहला रहा था और जोर 2 से दबा रहा था
raj2002 - फिर
priti214 - मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू क्या नहीं करू ये किसका हाथ है मेरे पास दो ही तो लोग थे जीजू और दीदी मैं ये सब सोच रही थी तभी 1 ऊँगली मेरे दोनों हिप्स के बीचे की दरार में घुस गयी और अंदर घुमने लगी मेरे अंदर 1 अजीब सी फीलिंग आ रही थी मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मेरी आँखें बंद हो चुकी थी और मैंने नोटिस किया की मेरी पेंटी भी गीली हो गई थो थोड़ी सी इतने मे लाइट आ गयी और वो हाथ गायब हो गया लाइट आयी तो मैंने देखा मेरे पास दीदी खड़ी थी और उनके पास जीजू मैंने सोचा ये सब किसने किया होगा मैंने अंदाजा लगाया की शायद अँधेरे मे जीजू को पता नहीं होगा की वो किस के हिप्स पे हाथ फेर रहे है तो गलती से हो गया होगा
raj2002 - आगे क्या हुआ जान
priti214 - फिर हम खाना खा रहे थे दीदी और मैं साथ बैठे थे और जीजू सामने बैठे थे डाइनिंग टेबल पे , खाना खाते 2 अचानक जीजू ने अपना पैर मेरे पैर रख दिया और अपने पैर को मेरे पैर पे फेरने लगे फिर उनका पैर धीरे 2 ऊपर आने लगा और मेरी कैपरी पे से मेरी thigs पर जीजू अपना पैर फेरने लगे मैं चुप चाप जल्दी 2 खाना खा रही तभी जीजू ने अपने पैर को मेरी दोनों thigs के बीच में डाल दिया और मेरी thigs के अंदर की तरफ अपने पैरो की उंगलियों को फेरने लगे फिर उन्होंने अपने पैर के अंघूटे से मेरी वेजिना के होल पे फेरने लगे उसपे धक्का देने लगे मेरी हालत तो ख़राब हो चुकी थी बुरी तरह मेरी धड़कने बहुत तेज चल रही थी क्योंकि मेरी कैपरी बहुत पतली थी मुझे जीजू के पैर का अंघूठा अपनी वेजिना के होल पे बहुत अच्छी तरह से फील हो रहा था वो अपने पैर के अंघूटे से मेरी वेजिना के होल पर ऊपर नीचे फेर रहे थे उस पे धक्का दे रहे थे मेरी कैपरी काफी पतली थी और मुझे बहुत मजा आरहा था मेरा बहुत सारा डिस्चार्ज निकल गया था और मेरी पूरी पेंटी गीली हो गयी थी शायद उन्हें भी मेरी वेजिना के गीलेपन का एहसास हो चूका था वो जोर 2 से मेरे वेजिना के होल पे धक्का देने लगे और मुझे इतना अच्छा महसूस हो रहा था मुझे इतना मजा आ रहा था तभी दीदी ने जीजू से कहा की क्या कर रहे हो जीजू ने जल्दी से अपना पैर नीचे करके पुछा क्या हुआ दीदी ने कहा खाना तो ढंग से खाओ खाली सब्जी क्यों खा रहे हो और इतने में मैंने अपनी प्लेट उठाई और किचन में चली गयी फिर बाथरूम में जाके देखा तो सामने से मेरी कैपरी गीली हो गयी थी फिर मैंने अपनी पेंटी में देखा तो वो भी पूरी गीली हो गयी थी और उसमे मेरी वेजिना का बहुत सारा डिस्चार्ज था मैंने कैपरी और पेंटी चेंज की और श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मैं देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए ..
मैंने सोचा की दीदी के कितने लोगो ने मजे ले रखे हैं बस मैं ही पीछे हु इतने में मम्मी और दीदी मार्किट से आ गए मैंने लैपटॉप बंद कर दिया और सोचने लगा की मैं दीदी के मजे केसे लू
|