RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
विवेक सेर - "अरे जल्दी बोलो नहीं तो नंबर नहीं दूंगा "
दीदी - " सर वो 34 साइज़ "
विवेक सर - "और कैपरी के नीचे "
दीदी - " पेंटी "
विवेक सर - "अच्छा तुमने अभी किस कलर की ब्रा पेहेन रखी है "
दीदी - " सर वाइट कलर की "
विवेक सर - "और पेंटी ?"
दीदी - "जी वो ब्राउन कलर की है "
विवेक सर - "अच्छा तुम्हारे पीरियड्स होने लग गए क्या "
दीदी (नीचे देखते हुए )- "हा सर "
विवेक सर - "तुम पहली बार पीरियड्स में कब हुई थी "
दीदी - " 9th क्लास में "
विवेक सर - "तुम कौनसा पैड यूज़ करती हो पीरियड्स में "
दीदी - "जी व्हिस्पर चॉइस "
विवेक सर - "चलो अब मुझे तुम्हारी ब्रा दिखाओ "
दीदी - "क्या ?? नहीं नहीं सर "
विवेक सर - "अब तुमने सब कुछ तो बता दिया है तो दिखा भी दो ना "
ये सारी बातें सुन के मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था और ना चाहते हुए भी मैं देखना चाहता था की आगे क्या होता है और मैं चाहता था की आगे कुछ हो
विवेक सर दीदी के पास चले गए
दीदी - "नहीं सर प्लीज सर मुझे जाने दीजिये "
विवेक सर - "सोच लो अब जो बोलूँगा वो करोगी तो 5 नंबर दूंगा "
दीदी - "नहीं सर मुझे नंबर नहीं चाइए मुझे जाने दीजिये प्लीज "
विवेक सर - "अच्छा मुझसे जबान चलाती है अब रुक अभी तेरे 50 की जगह 20 नंबर करता हूँ और तुझे फेल करता हूँ और नोट लिख के भेजता हू तुम्हारे पापा को की आपकी बेटी बोर्ड्स नहीं दे पायेगी "
दीदी - "नहीं सर ऐसा मत कीजिये प्लीज सर मैं दिखाती हूँ सर "
दीदी ने अपनी शर्ट के बटन पे हाथ रखा फिर बोली "प्लीज सर मुझसे नहीं होगा सर "
विवेक सर दीदी के पास गए और उनकी स्कूल की शर्ट पे से उनके बोबे दबाने लगे , और बोले "अरे वाह मेरे रानी कितने नरम है तेरे बोबे तेरे निप्पल का क्या कलर है " दीदी बोली "सर ब्राउन " विवेक सर बोले "अरे वाह मेरी जान तू तो क़यामत है क्या बोबे है तेरे इतने मोटे मोटे नरम नरम इतनी सी उम्र में अभी तो तू कलि है जब फूल बनेगी तो पागल कर देगी सबको "
दीदी बोल रही थी की सर छोडिये मुझे लेकिन विवेक सर दीदी के बोबे अपने दोनों हाथों से दबा रहे थे तभी विवेक सर ने दीदी की शर्ट के ऊपर के 2 बटन खोले और अपना हाथ दीदी की शर्ट में डाल दिया और उनके बोबो पे अंदर से हाथ फेरने लगे और बोले "आज तक कितनो ने दबाये है तेरे बोबे जो इतने मोटे हो गए " फिर विवेक सर ने दीदी की शर्ट के 3 बटन खोल दिए और उनकी शर्ट थोड़ी सी पीछे कर दी अब दीदी अपनी ब्रा में विवेक सेर के सामने थी फिर विवेक सर ने 1 हाथ दीदी की ब्रा के कप में डाला और ब्रा के अंदर से उनके बोबे दबाने लगे दीदी के आँखें बंद थी सर ने कहा "साली तू भी तो गरम हो रही है तेरे निप्पल तो बिलकुल टाइट खड़े हुए है क्या माल है मेरी जान तू " ये सब मेरे सामने पहली बार हो रहा था मुझसे और रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड निकाला और मूट मारने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया तब जाके मैं होश में आया अब मैंने सोच की सबसे पहले मेरी दीदी के साथ सब कुछ मैं ही करूँगा इस कमीने के चुंगल से दीदी को केसे निकाला जाये
तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने पास में रखी स्कूल की बेल जोर जोर से बजा दीदी विवेक सर की हालत ख़राब हो गयी वो फटाफट दीदी से दूर हुए दीदी ने भी जल्दी जल्दी अपने कपडे ठीक किये और दोनों बाहर आ गये दीदी को दूर से देख कर मुझे तसल्ली हुई की बच गए आगे कुछ नहीं हुआ मैंने कॉरिडोर मैं दीदी को रोक और पूछा "क्या हुआ दीदी आप यहाँ केसे किस बात का नोट था " दीदी कुछ नहीं बोली हमारे स्कूल की छुट्टी हो गयी थी हम घर पहुंचे खाना खाया और सो गए उस दिन कुछ ख़ास नहीं हुआ दीदी बहुत परेशान थी शायद आज जो भी हुआ उस वजह से रात को खाने के बाद जब हम सोने के लिए गए तो मैंने दीदी से पूछा की "क्या हुआ दीदी आज आप इतने उदास क्यों हो " दीदी ने कहा की " कुछ नहीं " मैंने कहा की दीदी "आपको मेरी कसम है बताओ " दीदी ने मुझे देखा और कहा "सोनू मुझे विवेक सर बहुत परेशान करते है आज भी केबिन में उन्होंने मेरा हाथ पकड़ने को कोशिश की और बोला की अगर मैंने कुछ बोला तो वो मुझे फेल कर देंगे और मुझे एग्जाम नहीं देने देंगे मुझे बहुत डर लग रहा है " मैंने कहा " बस दीदी इतनी सी बात अब आप कल देखना की मैं क्या करता हूँ कल से ना तो विवेक आपको कभी परेशान करेगा और आपके मार्क्स भी अच्छे भेजेगा " ...
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