RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
फिर शिप्रा दीदी ने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया मैं वापस उसी जन्नत में पहुँच गया वो मेरे लंड को चूसने लगी मैं शिप्रा दीदी के बालों में अपना हाथ फेरने लगा फिर शिप्रा दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से अंदर बाहर करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर शिप्रा दीदी ने मेरी आँखों में देखा और मेरे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी फिर मेरी आँखों में देखते हुए ही उन्होंने वापस मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी मेरा एक हाथ शिप्रा दीदी के बोबे पे गया और मैं उनका बोबा दबाने लगा वो भी जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी मैंने दूसरा हाथ उनके सर पे लगाया और अपने लंड पे धक्का दिया वो और जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में निकल गया जिसे वो निगल गयी फिर वो खड़ी हुई हमने एक किस किया उन्होंने अपने कपडे सही किये मैंने अपना लोअर ऊपर किया और देखा तो चाय पूरी काली होके जल चुकी थी शिप्रा दीदी ने फटाफट वो पतीला धोया और नई चाय बनाने लगी तभी मम्मी के आने की आवाज आई मैं पानी पीने लग गया और शिप्रा दीदी चाय बनाने में मम्मी ने आके पुछा " क्या कर रही है शिप्रा क्या हुआ चाय का ये क्या नई चाय क्यों बना रही है क्या हुआ ".....
मम्मी ने शिप्रा दीदी से पूछा "अरे शिप्रा चाय तो मैं चड़ा के गयी थी तू नई क्यों बना रही है " शिप्रा दीदी ने जवाब दिया "अरे मौसी वो दूध फट गया था इसलिये नयी चाय बनाई " मम्मी ने कहा "ठीक है जल्दी से छान के लिया " और मम्मी किचन से बाहर चली गयी मम्मी के जाते ही मैंने शिप्रा दीदी को वापस पीछे से पकड लिया और पीछे से हाथ डालके उनके बोबे दबाने लगा और उनकी गर्दन पे किस करने लगा शिप्रा दीदी बोली "ओये अभी तो किया है इतना कुछ तेरा दिल नहीं भरा क्या " मैंने कहा " नहीं दीदी चलो वापस करते है ना आपका बदन तो बहुत प्यारा है " शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ झटकते हुए कहा " पागल है क्या छोड़ मुझे कोई आ जाएगा हट जाने दे मुझे " मैंने उन्हें छोड़ दिया और किचन से बाहर अपने रूम में जाके लेट गया और जो भी अभी किचन में हुआ उस के बारे में सोचने लगा शिप्रा दीदी में कुछ बात तो थी उन्हें हमेशा छूने की इच्छा होती थी मैं सोचने लगा की जब शिप्रा दीदी चली जाएंगी तब मैं क्या करूँगा तभी शिप्रा दीदी की आवाज आई "सोनू चाय पी ले " मैं उठ के ड्राइंग रूम में गया और बैठ के सब के साथ चाय पीने लगा इतने में प्रीती दीदी भी अपनी फ्रेंड के यहाँ से वापस आ गई उन्होंने ग्रे कलर का टॉप और ब्लैक कलर की केप्री पेहेन रखी थी बड़ी सेक्सी लग रही थी प्रीती दीदी उनके पतले टॉप में से उनके मोटे बोबे बाहर निकल रहे थे शिप्रा दीदी के चक्कर में मैं अपनी दीदी को तो भूल ही गया था लेकिन सेक्सी तो दोनों ही थी प्रीती दीदी को देखते ही मम्मी ने कहा "अरे प्रीती बेटा आ गई दे दी बुक " प्रीती दीदी ने कहा " हाँ मम्मा " तो मम्मी ने कहा " चल आजा चाय पी ले " प्रीती दीदी ने मुझे देख के बोला "और आलसी इन्सान आज जल्दी कैसे उठ गया " और मेरे सर पे अपना हाथ फेरते हुए शिप्रा दीदी और मेरे बीच बैठ गयी
उनके पास बैठते ही मुझे पता नहीं क्या होने लगा उनके बदन की खुशबु उनके कोमल बदन का हल्का सा स्पर्श बहुत ही कातिल था मैं छुप छुप के प्रीती दीदी के टॉप में से उनके बाहर निकले हुए बोबो को देख रहा था तभी मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू आज अपना मार्केट का काम करले आज लिया बुक्स वगेरह जो भी तुझे लाना है " शिप्रा दीदी ने कहा "हां मौसी प्रीती को भी ले जाती हु साथ में मुझे तो पता है नहीं रास्ते और दुकानों के बारे में " तभी प्रीती दीदी बोली " अरे शिप्रा दीदी आप पहले बताते ना मैंने तो आज मेरी फ्रेंड मिनी को बुला लिया घर पे वो आने वाली है 1 घंटे में हमें सिलेबस कम्पलीट करना है " तो शिप्रा दीदी कहा "तो फिर , चल तू रहने दे मैं अकेले ही मैनेज कर लुंगी " तभी प्रीती दीदी ने मेरे कंधे पे जोर से हाथ मारते हुए बोला "अरे ये है ना हमारे घर का सबसे बड़ा फालतू इन्सान इसे ले जाओ इसे कोई काम नहीं है " मैं मन ही मन खुश हुआ मैंने सोचा वाओ !!! दिन भर शिप्रा दीदी के साथ मस्ती करने का मौका इतने में मम्मी ने कहा "हाँ शिप्रा तू सोनू को लेजा साथ में , और सोनू तू चल जा तैयार हो जा शिप्रा तू भी तैयार हो जा जल्दी ही निकल जाओ फिर गर्मी ज्यादा हो जाएगी " मैंने कहा " ठीक है मम्मी " और उठ के तैयार होने चला गया मैं तैयार होके शिप्रा दीदी का वेट करने लगा थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी रूम से बाहर आई
आज तो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी क़यामत ढा रही थी मैं तो थोड़ी देर तक उन्हें देखता ही रहा इतनी सेक्सी लग रही थी की जो देखे उसका खड़ा हो जाये उन्होंने बिलकुल डार्क ग्रीन कलर का सूट पेहेन रखा था खुल्ले काले लहराते चमकते हुए बाल जिनके के ऊपर गोगल लगा हुआ आँखों में काजल कान में बड़े बड़े इअर रिंग्स होंठो पे चमकता हुआ लिप ग्लॉस एक हाथ में घडी एक हाथ में ब्रेसलेट गोर चिकने हाथ गले में एक पतली सी चेन उनके गुलाबी कोमल बदन की खुशबू मैं तो उन्हें देखता ही रह गया उनके मोटे बोबे उनके चिपके हुए सूट के कुर्ते में से बाहर आ रहे जिन्हें उन्होंने अपनी चुन्नी से ढक रखा था उन्होंने आज अपने सूट की चुन्नी अपने सामने की तरफ डाल रखी थी मुझे इस तरह से उन्हें देखते हुए उन्होंने मुझसे कहा "ओये क्या हो गया " मैंने कहा " शिप्रा दीदी कितनी सेक्सी लग रही हो यार " फिर मैं उनके पास गया और जल्दी से उनका हाथ पकड़ के अपनी जींस पे से अपने लंड पे लगा दिया और कहा "देखो न आपको देखते ही पागल हो गया है " शिप्रा दीदी ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ छुडाते हुए कहा "चुप कर बेशर्म इंसान चल अब "
शिप्रा दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की चश्मा लगाया और मैं उनके पीछे बैठ गया मैंने कहा " चलो दीदी " शिप्रा दीदी स्कूटी चलाने लगी और मैं अपने दोनों हाथ उनके कंधे पे रख के बैठ गया थोड़ी देर बाद मैं अपने दोनों हाथों से शिप्रा दीदी के कंधे सहलाने लगा फिर मैं अपने दोनों हाथ नीचे उनकी पीठ पे लेके गया और अपने दोनों हाथ उनकी पूरी पीठ पे फेरने लगा मैं शिप्रा दीदी की ब्रा स्ट्रेप पे अपना हाथ घुमाने लगा फिर मैं अपने हाथ से उनकी ब्रा स्ट्रेप को फील करते हुए उनके गले पे किस किया शिप्रा दीदी स्कूटी चलाते हुए बोली "हाँ हाँ उठा जितना हो सके फायदा ले खूब मजे ले मुझे तो पहले ही पता की तू पीछे क्यों बैठ रहा है " मैंने उनके कान में कहा की " दीदी आप हो ही इतनी सेक्सी की आपके नाजुक बदन को छुहे बिना रहा ही नहीं जाता " तो शिप्रा दीदी बोली "ठीक है लेकिन जो भी करे ध्यान से करना रस्ते में किसी की नजर ना पड़े " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैं वापस उनकी पीठ पे हाथ फेरने लगा
फिर मैंने देखा की रोड थोडा खाली था आगे से कोई गाडी नहीं आ रही थी तो मैंने फटाफट शिप्रा दीदी के पीछे से अपने दोनों हाथ उनके सामने की तरफ उनके बोबो पे रख दिए और उनके ग्रीन कुर्ते पे से चुन्नी के ऊपर से उनके दोनों बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी स्कूटी चला रही थी और मैं उनके बोबे दबा रहा था फिर मैंने अपने दोनों हाथ उनकी चुन्नी के नीचे डाल दिए अब मेरे हाथ उनके कुर्ते के ऊपर से उनके बोबे पे थे और उनके बोबे दबाते हुए मैंने उनके कान में बोला "शिप्रा दीदी आपके बोबे बहुत नरम नरम है " तभी शिप्रा दीदी ने कहा "सोनू जल्दी से हाथ हटा सामने दूर से एक बस आ रही है " मैंने जल्दी से अपने दोनों हाथ हटा लिए थोड़ी देर बाद बस निकल गयी मैंने देखा की आगे फिर कोई गाडी नहीं थी मैं वापस शिप्रा दीदी के पीछे से हाथ डाल के उनके बोबे दबाने लगा और पीछे से उनकी पूरी गर्दन पे अपने होंठ फेरने लगा स्मूच करने लगा मैं अपने काबू से बाहर होता जा रहा था मैंने सामने से शिप्रा दीदी के कुर्ते में अपना हाथ डालना चाहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोली "दिमाग तो ठीक है तेरा हम घर में नहीं खुले रोड पे है " मैंने अपना हाथ हटा लिया
लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैंने शिप्रा दीदी से स्कूटी रोकने को कहा शिप्रा दीदी ने स्कूटी रोकी और पूछा "क्या हुआ सोनू " मैं स्कूटी से उतरा मैंने इधर उधर देखा कोई नहीं था और तभी मैंने शिप्रा दीदी को पकड़ा और उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा हम बिलकुल खुले हुए रोड पे थे और मैं शिप्रा दीदी को किस कर रहा था और उन्हें कोमल होंठ चूस रहा था अपने एक हाथ से उनका बोबा दबा रहा था शिप्रा दीदी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उन्हें कस के पकड़ रखा था तभी मुझसे छुटने के लिए उन्होंने मेरे बाल जोर से खींचे मैंने उन्हें तब भी नहीं छोड़ा और जब उन्होंने मेरे बाल खींचे तो मुझे और मजा आने लगा और मैं और जोर से उनके दोनों होंठ चूसने लगा तभी उन्होंने अपने दोनों हाथो से मेरे बाल खींचे तब मैं उनके अलग हुआ मुझे बहुत ही नशीला लग रहा था मैंने आस पास देखा तो कुछ छोटे बच्चे हमें देख रहे थे बाकी वहां कोई नहीं था फिर मैंने शिप्रा दीदी को देखा उनकी भी आँखें लाल थी मुझे देखते हुए उन्होंने बोला "माय गॉड तू तो पूरा का पूरा पागल है देख तो लेता कहा क्या कर रहा है खुले हुए रोड पे ? अक्ल नहीं है क्या तुझमे क्या रेप करेगा क्या यहीं पे स्टुपिड " मैं उन्हें थोड़ी देर तो देखता रहा फिर वापस उन्हें एक छोटा सा किस किया और कहा की "अब आप पीछे बैठो स्कूटी में चलाऊंगा "
वो मेरे पीछे बैठ गयी और मैं स्कूटी चलाने लगा शिप्रा दीदी ने अपना हाथ मेरी कमर पे रख रखा था मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे लगा दिया और कहा "दीदी सहलाओ ना इसे " शिप्रा दीदी ने कहा " नहीं पागल है क्या " मैंने मुस्कुराते हुए कहा अच्छा स्कूटी रोकू क्या " तो शिप्रा दीदी ने कहा " नहीं मेरे देवता तू स्कूटी मत रोक चलाता रह मैं कर रही हु बस तू ध्यान रखना सामने थोडा कोई आ तो नहीं रहा " मैंने कहा " हाँ दीदी " और फिर मैं स्कूटी चलाने लगा और शिप्रा दीदी ने अपना हाथ जींस पे से मेरे लंड पे रखा और उसे सहलाने लगी मुझे मजा आने लगा थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी मेरे लंड को ऐसे ही सहलाती रही फिर उन्होंने मेरी जींस की चेन खोली और अपनी 3 - 4 उंगलिया अंदर डाल के मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरे लंड के टोपे पे अपनी उंगलिया घुमाने लगी मैं तो मदहोश होता जा रहा था तभी दीदी ने हाथ हटा लिया सामने से कोई गाडी आ रही थी और अब थोडा थोडा मार्किट स्टार्ट हो गया था अब हम कुछ नहीं कर सकते थे तो मैं स्कूटी चलाने लगा और शिप्रा दीदी भी ढंग से बैठ गयी थोड़ी देर बाद हम बुक स्टोर पहुँच गए मैंने स्कूटी स्टैंड पे लगायी और शिप्रा दीदी के साथ बुक स्टाल पे गया शिप्रा दीदी ने अपनी बुक के लिए पूछा तो दुकानदार ने कहा की वो बुक 1 या 2 घंटे में आने वाली है आप 2 घंटे बाद आना तो शिप्रा दीदी ने बोला की " यार सोनू अब क्या करें " तो मैंने कहा की "चलो बैठते है कहीं पे "
हमने स्कूटी उठाई और चलने लगे तभी एक बड़ा सा पार्क आया मैंने कहा चलो यहीं बैठते है थोड़ी देर फिर हम स्कूटी स्टैंड करके पार्क में घूमने लगे वहां ज्यादा लोग नहीं थे 3 - 4 कपल्स थे हम एक झाडी की आड़ में बैठ गए शिप्रा दीदी मेरे सामने बैठी थी और मैं उनके सामने उन्होंने मुझसे पूछा "जंगली क्या हो गया था आज रोड पे तूझे देखा तो कर की कहाँ क्या कर रहा है " मैंने बोला " दीदी आप हो ही इतनी सेक्सी की खुद पर काबू ही नहीं रहा , वेसे दीदी आपका लिप ग्लॉस तो गायब हो गया "
शिप्रा दीदी बोली "हाँ तू जो खा गया पूरा " फिर हम दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देखने लगे मैंने इधर उधर देख कोई नहीं था मैं शिप्रा दीदी के पास गया और उन्हें किस करने लगा इस बार वो भी मुझे किस करने लगी मेरे होंठो को चूसने लगी हम थोड़ी देर तक ऐसे ही एक दुसरे को चूमते रहे फिर हम अलग हुए हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देख रहे थे मैंने शिप्रा दीदी की आँखों में देखते हुए कहा " दीदी दिखाओ ना " शिप्रा दीदी ने कहा "क्या " मैंने आँखों से उनके बोबो की तरफ इशारा करते हुए कहा "ये" उन्होंने कहा " पागल है क्या यहाँ केसे देखेगा " मैंने कहा " आप झुकते हुए अपने कुर्ते के गले को अपनी उंगलियों से खींचो ना " शिप्रा दीदी बोली "कोई देख ना ले सोनू " मैंने कहा "कोई नहीं देखेगा दीदी कोई भी तो नहीं है दिखाओ ना " तो शिप्रा दीदी ने मेरे सामने झुकते हुए अपने कुर्ते के गले को खींचते हुए चौड़ा किया और मुझे अंदर का थोडा सा नजारा दिखाई दिया
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