RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
मैं लगभग 10 दिन तक वही रहा,उस पहाड़ी में चढ़ना उतारना मेरे लिए बच्चों का खेल बन गया था,मैं अपने को बहुत ही ताजा और ताकतवर महसूस कर रहा था,मैं हमेशा ही उमंग में रहता था ,मैं टॉमी के साथ खेलता हुआ जंगल में दूर तक निकल जाता ,कई किलोमीटर यू ही दौड़ जाता जाता था मुझे ये जंगल ही अपना घर लग रहा था ,सच कहु तो मुझे यंहा से वापस जाने का भी मन नही कर रहा था लेकिन …
लेकिन वो दिन आ गया जब मुझे जाना था ,फारेस्ट डिपार्टमेंट के कुछ लोग पेट्रोलिंग करते हुए वंहा पहुच गए थे ,बाबा जी ने उन्हें मेरे बारे में बताया ..
“अच्छा तो ये लड़का है ,हमने इसे बहुत ढूंढने की कोशिस की लेकिन ये कही नही मिला,पुलिस वाले अब भी इसकी तलाश कर रहे है,हम इसे पुलिस के पास ले जाएंगे वंहा से इसे इसके घर पहुचा दिया जाएगा “
जाते वक्त बाबा ने मेरे सर पर हाथ फेरा ,उनके स्पर्श में बहुत ही स्नेह था ,मैं तो फफक कर रो ही पड़ा ऐसे लगा जैसे ये ही मेरा घर था और मुझे किसी अनजान जगह जाना पड़ रहा हो …
उन्होंने मुझे प्यार से समझाया
“अपने पर और मेरी विद्या पर भरोसा रखना तुम जितने के लिए ही पैदा हुए हो “
उन्होंने मेरे कानो में कहा और मैं आंसू पोछता हुआ उनके चरणों में गिर गया ..
“मैं यही रहना चाहता हु बाबा ..’
मैं उनके चरणों में पड़े हुए आखिर अपने दिल की बात कह ही दी
“बेटा के जगह तुम्हारे लिए नही है ,पहले जीवन को जी तो लो फिर सन्यास लेना ,मेरे दरवाजे तुम्हारे लिए हमेशा खुले रहेंगे लेकिन अभी समय नही आया है ,अभी तो तुम्हे इस जीवन को जीना है इससे भागना नही है ..”
उन्होंने क्या कहा मुझे उतना तो पल्ले नही पड़ा बस ये समझ आ गया की मुझे वापस जाना होगा …
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फारेस्ट वाले मुझे पुलिस के हवाले कर दिए जिन्होंने मेरे घर में फोन कर उन्हें बता दिया की मैं मिल गया हु और पुलिस के साथ वापस आ रहा हु …
मैं घर जा रहा था कुछ 12-13 दिन बाद ,लेकिन अब मैं वो राज नही था जो गलती से जंगलों में खो गया था ,मैं एक अलग ही इंसान था ,मैं वो था जिसने दो दिन तक अकेले घने जंगल में सरवाइव किया था,मैं वो था जिसने मौत को करीब से देखा था,मैं वो था जो एक ऊंचे झरने से गिरने के बाद भी जिंदा बचा था,मैं वो था जो एक जंगली चीते के सामने उससे लड़ने को तैयार खड़ा था,मैं वो था जो दिन में कई बार ऊंची पहाड़ी पर उतर और चढ़ सकता था वो भी सर में एक पूरी भरी मटकी ले कर ,और मैं वो था जिसके साथ एक तपस्वी ,योगी ,सिद्ध पुरुष का आशीर्वाद था ………
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