Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
03-24-2020, 09:07 AM,
#51
RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
"ब्लैकमेल ?"

"एलैग्जैण्डर ने इसे प्रोटेक्शन मनी कहा था।"

"यह पेमंट फाइनल तो नहीं होगी ?"

"वह तो इसे फाइनल ही बताता था।"

"लेकिन अगर यह फाइनल नहीं थी तो एलैग्जैण्डर की दुक्की पिट जाने से आपको फायदा पहुंच सकता था।"

"मतलब ?"

"अगर चावला के कत्ल में एलैग्जैण्डर फंस जाये और जेल की हवा खा जाये तो आपके लिये तो यह भारी राहत की बात होगी।"

"तुम जासूस हो । ऐसा कुछ करके दिखाओ तो मैं तुम्हें मुंहमांगी फीस दूंगा।"

"इस बारे में अभी सोचेंगे । फिलहाल आप यह बताइये कि कत्ल के वक्त आप कहां थे?"

"यहीं था ।"

"आपका दफ्तर रात तक खुलता है ?"

"नहीं । पांच बजे बन्द हो जाता है।"

"फिर आप यहां क्या कर रहे थे ?"

"कुछ काम कर रहा था जो बहुत जरूरी था।"

"और कौन था यहां ?"

"कोई भी नहीं । छ: बजे तक सब लोग चले गये थे।"

"चपरासी भी ?"

"हां । सिर्फ गेट का चौकीदार यहां रह गया था। वह रात को भी यहीं होता है।"

"आप कब तक यहां ठहरे थे ?"

"नौ बजे तक ।”
,,,
"तीन घंटे आप यहां अकेले बैठे काम करते रहे ?"

"हां ।"

"उस दौरान चौकीदार भी यहां नहीं आया ?"

"नहीं । मेरे बुलाए बिना उसके यहां आने का कोई मतलब नहीं था और मैंने उसे यहां बुलाया नहीं था।" =

"आप चौकीदार की जानकारी में आये बिना यहां से जा सकते हैं ?"

"नहीं । यहां से निकलने का एक ही दरवाजा है और उस पर वो बैठा होता है।"

"फिर तो चौकीदार आपकी बेगुनाही का गवाह हुआ ।"

"हुआ।"

"पिछवाड़े का क्या हाल है ?"

"पिछवाड़े में हमारा साउंड स्टूडियो है" - उसने खुली खिड़की से बाहर इशारा किया - "वह जो बहुत ऊंची छतवाली इमारत तुम्हें दिखाई दे रही है, वह साउंड स्टूडियो है। उससे आगे ऊंची बाउंड्री वाल है और उससे आगे एक पतली गली है।"

"साउंड स्टूडियो से गली में कोई रास्ता है ?"

"नहीं । उसके पिछवाड़े में एक दरवाजा है लेकिन वह चारदीवारी के भीतर कम्पाउंड में ही है।"

“पिछवाड़े की दीवार फांदी जा सकती है?"

"मैं नहीं फांद सकता ।" ।

"लेकिन फांदी जा सकती है?" .

जवाब देने की जगह उसने बेचैनी से पहलू बदला।

"आप पिछवाड़े के रास्ते चुपचाप यहां से खिसककर कत्ल करके लौट आये हो सकते हैं। कार पर छतरपुर यहां से
आधे घण्टे से ज्यादा का रास्ता नहीं है।"

"मैं यहीं था।"

"लेकिन आप यह बात साबित नहीं कर सकते ।”

वह कुछ क्षण खामोश रहा। "मैंने बम्बई ट्रंक कॉल की थी ।" - एकाएक वह बोला ।
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RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास ) - by sexstories - 03-24-2020, 09:07 AM

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