RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
"इस बात की क्या गारण्टी है कि लैजर हासिल होने के बाद मुझे छोड़ दिया जायेगा ?"
"एलैग्जैण्डर की जुबान गारंटी है।"
मुझे एलैग्जैण्डर की जुबान का कोई तर्जुबा नहीं।"
"अब हो जायेगा ।" - वह एक क्षण ठिठका और बोला - "अब बोलो, लैजर कहां है?"
"मेरे पास ।" "वह तो बराबर है लेकिन तेरे पास कहां ?"
"मेरे पास । मेरे कोट में ।"
"तेरे कोट में ?"
"हां ।”
एलैग्जैण्डर ने कहरभरी निगाहों से अपने चमचों की तरफ देखा। "यह झूठ बोलता है।" - थामस आवेशपूर्ण स्वर में बोला - "मैंने खुद इसकी तलाशी ली है, लैजर इसके पास नहीं है।
"लैजर मेरे कोट के अस्तर में सिली हुई है ।" - मैं बोला - "एक ब्लेड मंगाओ, मैं निकालकर दिखाता हूं।"
"लेकिन...."
"ज्यासती बात नहीं ।" - एलेग्जैण्डर घुड़ककर बोला - "ब्लेड लाने का है।"
,,, भुनभुनाता हुआ थामस ब्लेड लाने चला गया। मैंने कोट की दाई बाहरली जेब में हाथ डाला और हाथ को जेब के भीतर इस प्रकार अकड़ाया कि कोट का भीतर का भाग वहां से तन गया।
"यह देखो" - कोट का वह भाग मैं एलैग्जैण्डर के आगे करता हुआ बोला - "यहां है डायरी ।" | कोट का मुआयना करने की नीयत से एलैग्जैण्डर दो कदम आगे बढ़ा और तनिक आगे को झुका । = मेरा बायां हाथ आगे को लपका। मैंने बड़ी सफाई से उसके शोल्डर होल्स्टर में से उसकी रिवॉल्वर खींच ली और उसे उसकी पसलियों से सटा दिया ।
“खबरदार !" - मैं कर्कश स्वर में बोला ।
एलेग्जैण्डर हड़बड़ाया लेकिन फौरन ही संभल गया । वह सीधा हुआ। मैंने कोट की जेब से दायां हाथ निकाला और रिवॉल्वर उस हाथ में स्थानान्तरित कर दी। "थामस के आने तक यूं ही खड़े रहो ।" - मैं बोला - "और चौधरी को समझा दो, उसे अपनी जगह से हिलना नहीं है।
"चौधरी ।" - एलैग्जैण्डर बोला।
"यस बॉस ।"
"अपुन का रिवॉल्वर इस घड़ी शर्मा के हाथ में है और यह अपुन को कवर कियेला है।"
चौधरी के छक्के छूट गये।
"तेरे को खड़ा रहने का है।"
"यस बॉस ।” एलैग्जैण्डर मेरी तरफ आकर्षित हुआ।
"होशियार आदमी है।" - वह बोला ।
"पहले नहीं था । अभी मार खाकर होशियार हुआ हूं। पहले से होशियार होता तो क्या तुम्हारे काबू में आता ?"
"तो लैजर तेरे कोट में नहीं है?"
"नहीं है।"
"तो कहां है ?"
"एक सुरक्षित जगह पर ।”
"तू उसका क्या करेगा ?"
"मैं उसको पुलिस को दूंगा ।"
"काहे को ?"
ताकि चावला की हत्या का उद्देश्य उनकी समझ में आ सके । ताकि वे चावला की हत्या के इलजाम में दिल्ली शहर के सिकन्दर को गिरफ्तार कर सकें।"
,,, "अपुन का चावला के कत्ल से कोई वास्ता नहीं । अपुन ने अगर लैजर की खातिर चावला का कत्ल किया होता तो लैजर अपुन के पास वापिस होती । लैजर का चावला के कत्ल के बाद भी चावला के पास होना ही इस बात का । सबूत है कि कत्ल एलैग्जैण्डर नहीं किएला है । एलैग्जैण्डर ऐसा झोल-झाल काम नहीं करता कि सांप तो मरे नहीं और लाठी टूट जाए।"
वह ठीक कह रहा था।
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