RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
"तुमने उसे कहा है कि मौजूदा हालात में मुझे कुछ नहीं होना चाहिए । उसने मुझे बताया था ऐसा । लेकिन हो सकता है, वह सिर्फ मौजूदा हालात में खामोश रहे । यादव साहब, मैंने दो बार उस पर आक्रमण किया है और उसका पचास हजार रुपया भी मारा है, इसलिए हो सकता है कि वह बाद में मेरी खबर ले । अब यह केस खत्म हो ही गया है। आने वाले दिनों में उसकी फिर से मुझ पर नजरेइनायत हो सकती है।"
"ऐसा नहीं होगा। मैं उससे बात करूंगा।" 3 "तुम गारण्टी करते हो, ऐसा नही होगा ?"
"हां ।"
"तो मैं चैन की नींद सोउं ?"
"हां।"
"शुक्रिया । कमला अभी भी निजामुद्दीन थाने में है ?"
"नहीं । वो तो कब की रिहा की जा चुकी है । बलराज सोनी के गिरफ्तार होते ही मैंने उसको रिहा कर देने के लिए। थाने फोन कर दिया था ।"
"गुड ।" उसके बाद महफिल बर्खास्त हो गई।
***
|,
***
कमला चावला से शादी से पीछा छुड़ाने के लिए आपके खादिम को जो दांतों पसीने आये, उसको आपका खादिम । ही जानता है । वो तो पंजे झाड़कर मेरे पीछे पड़ गई । वो तो अपने दिवंगत पति की तेरहवीं तक इंतजार करने को भी तैयार नहीं थी । आखिर मैं भी तो उसके रिहा होने का इन्तजार नहीं करना चाहता था, मैं भी तो हवालात में ही उससे शादी कर लेना चाहता था। बड़ी मुश्किल से मैं उसे समझा पाया कि उस जैसी खूबसूरत औरत का दर्जा तो । ताजमहल जैसा होता था । ताजमहल भला किसी एक शख्स की मिल्कियत बन सकता था ! उसकी अजीमोश्शान हस्ती से मुसर्रत हासिल करने का हक तो हर किसी को होना चाहिए था। हकीकत में मैं उसे कैसे समझाता कि मुफ्त में हासिल चीज की कहीं कीमत अदा की जाती थी ! और वह भी शादी में जितनी बड़ी कीमत !
बलराज सोनी की गिरफ्तारी के अगले दिन ही कमला का पोस्टडेटिड चैक उसे वापिस कर के मैने उससे एक लाख अस्सी हजार रुपये का बेयरर चैक हासिल कर लिया जो कि फौरन कैश हो गया। आखिर अब वह पांच करोड़ की विपुल धनराशि की मालकिन का चैक था । एलैग्जैण्डर से मैं कई दिन सशंक रहा लेकिन मुझे उसकी या उसके किसी आदमी की कभी सूरत भी न देखनी पड़ी। यादव अपने वादे पर खरा उतरा था । उसने वाकई एलैग्जैण्डर से मेरा पीछा छुड़ा दिया था। जूही चावला के रिश्तेदार शिमले से आये और उसकी लाश क्लेम करके उसका दिल्ली में ही अन्तिम संस्कार करके वापिस चले गये । उसकी मौत का मुझे सख्त अफसोस था । वह बेचारी खामखाह मारी गई थी,
खामखाह गेहूं के साथ घुन की तरह पिस गई थी। उस केस से मैंने कुल जमा दो लाख तीस हजार रुपये कमाये ।
और मेरी वह कम्बख्त सैक्रेट्री समझती थी कि मैं उसकी तनखाह भी कमाने के काबिल नहीं था।
समाप्त
|