antervasna चीख उठा हिमालय
03-25-2020, 12:36 PM,
#11
RE: antervasna चीख उठा हिमालय
महाबली टुम्बकटू


मगर-दरबार में कहीँ नजर नहीं अा रहा था वह । सब इधर उधर देख रहे थे ।।।

पुन: वही आवाज गूंजी… " शुतरमुरग की औलादों की तरह इधर उधर क्या देख रहे हो सज्जनों , मैं यहां हूं । "



इस बार आवाज ने सबका ध्यान सिंहासन की तरफ खींच लिया । लोंगों ने देखा ---- सिंहासन के नीचे से किसी सांप की तरह बल खाकर रेंगता हुआ टुम्बकटू बाहर अा रहा था । वह कब बाहर आगया, यह कोई न देख सका । सबने देखा कि दरबार के बीचों बीच खडा यह उस गन्ने की तरह लहरा रहा था जो एक लम्बे-चौड़े खेत के बीच अकेला खड़ा किसी तेज तूफान का मुकाबला कर रहा हो ।





…'"अबे-तुम कहां से टपक पड़े मियां कार्टून ?" विजय ने कहा ।



" टपका नहीं प्यारे इकझकिए, बल्कि इस सिंहासन के नीचे अटका पड़ा था ।" टुम्बकटू की घरघराती आवाज----" बुजुर्ग मियां में इतना वज़न है कि निकलना चाहकर भी मैं निकल सका । सिंहासन से नीचे उतरे तो वजन कुछ क़म हुअा---मैं बाहर आ गया ।"

"'क्या बकता है वे चमार चोट्टी के ?" बागारोफ़ दहाड़ा----"अवे साले, हमें क्या हाथी का बाप समझ रखा है ?"

" हाथी का नहीं बुजुर्ग मियां, हथनी का ।"

ओंर-बागारोफ झपट पड़ा उस पर ।



किन्तु टुम्बकटू छलावा !!!!

उसके जिस्म को छू लेना ही एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने के वरावर था ।। वह भला बागारोफ के हाथ कब अाने बाला था ? नतीजा यह कि टुम्बकटू अागे और बागारोफ पीछे ! बागारोफ को उसने न जाने जितने चक्कर लगवा दिए ।



तब जबकि चमन के नागरिकों ने टुम्बकटू की आवाज सुनी थी, तो कांप उठे थे ।




मगर जब उसे देखा तो मुस्करा उठे ! मुस्कराते भी क्यों नहीं ?



दुनिया का सबसे बडा कार्टून जो उनके सामने था---किसी गन्ने जितना मोटा आदमी ! जिस्म पर एक कोट झूल रहा था ।




ऐसे जैसे किसी हैंगर पर झूल रहा हो । दुनिया का एक भी रंग ऐसा नहीं था जिसे उस में न देखा जा सके । चमन के साधारण नागरिकों के लिए यह एक नमूना ही था ।



दुम्बकटू चन्द्रमानव ! कहता है कि यह चन्द्रमा का सबसे मोटा-ताजा आदमी है, वेहद खतरनाक ! इतना कि जब यह विवाद उठा कि अन्तर्राष्टीय सीक्रेट सर्विस का चीफ कौन बने तो फैसला यह हुआ था कि जो टुम्बकटू की जांध से फिल्म निकाल लेगा वहीँ चीफ बनेगा ।

***** सीक्रेेट सर्विस का चीफ कौन चुना गया । उसे चुनने की क्या प्रक्रिया हईं ? और भी कई सबालों के जबाब के लिए पड़े-
सबसे बड़ा जासूस और चीते का दुश्मन' । ******


हां ऐसा ही खतरनाक था वह गन्ने जैसा व्यक्ति !


किन्तु इस वक्त तो चमन के साधारण नागरिकों को हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर रखा था उसने । हंसते भी क्यों नहीं, समय ही ऐसा था । कुछ ही देर बाद बागारोफ की सांस फूल गई ।


एक जगह खड़ा होकर वह किसी हब्शी की तरह सांस लेने लगा ।।



उसके ठीक सामने गन्ने की तरह लहराता टुम्बकटू बड़े अदब से झुका हुआ कह रहा था----"आदाब अर्ज है, बुजुर्ग मियां सच कहता हूं आज अगर तुम मुझें पकड़ नहीं सकैं तो बच्चों की चाची का हवाई जहाज बना दूगा ।"


एक कदम भी भागना अब बागारोफ को जैसे असम्भव नजर जा रहा था ।




अपनी जगह पर खडा हुआ वह टुम्बकटू को उल्टी सीधी गालियां बकता रहा । उनकी झड़प से दरबार में मौजूद हर आदमी जैसे यह भूल गया कि वतन के पास ही वतन से ऊचे सिंहासन पर एक लाश बैठी है-फलबाली बूढ़ी मां की लाश ।

काफी देर बाद अलफांसे ने कहा---"मिस्टर टुम्बकटु यहाँ क्या करने अाए हो तुम ?"




"अबे बाह अन्तर्राष्टीय !" टुम्बकटू ने लहराकर कहा…"साले हमारी-तुम्हारी बिरादरी का एक भाई राजा बना है, ओर तुम कहते हो कि हम यहा क्यों अाए हैं ? अवे शुश होने अाये कि हमारे बिरादरी भाई अब ऐसे राजा बनने लगे हैं जिन्हें दुनिया के राष्ट्र मान्यता दें ।"



"मिस्टर कार्टून ।।" गुर्रा उठा अलफांसे---"वतन मुजरिम नहीं है ।"




"अजी कैसे नहीं है ?"





"मुझे भी शायद बच्चा समझ रखा है ?" कहने के साथ ही अलफासे संतुलित कदमों से उसकी तरफ बढ़ गया…“हम दोनों मुजरिम हैं अगर वतन को बिरादरी भाई कहा तो तुम्हारे इस . गोन्ने जैसे जिस्म को धुटने पर रखकर तोड़ दूंगा ।"



" ठहरो चचा ।।" इससे पहले कि टुम्बकटू कुछ बोलता, सिंहासन पर बैठे वतन ने कहा…"कार्टून चचा ने गलत नहीं कहा है । मुजरिम तो हूं ही मैं ! सच, खुद को मुजरिम मानता के लेकिन साथ ही यह दुआ भी करता हूं कि जहां भी जुल्म हो भगवान वहा मुझ जैसा एक मुजरिम जरूर पैदा कर दे ।"



अत्तफांसे ठिठका, वतन की तरफ पलटकर बोला -"कैंसी बातें कर रहे हो वतन ! तुम मुजरिम नहीं हो ?"




"आपके मानने और कहने से हकीकत नहीं बदल जाएगी चचा !" वतन ने कहा…"आवश्यक है कि महान सिंगही का चेला मुजरिम ही हो । बेशक अपने वतन को मैंने मुजरिमाना ढंग से ही आजाद क्रिया है । दुनिया की नजरों मैं मुजरिम हूं और सच--मुजरिम ही रहना चाहता हूं ।। हा, तो मिस्टर टुम्बकटू क्या चाहते आप, किस ,इरादे से यहा अाए हैं ?"



"एक ऐसे बिरादरी-भाई को मुबारकबाद देने जो जब एक आजाद मुल्क का राजा है ।" सिंहासन की तरफ़ बढते हुए टुम्बकटू ने कहा--" हम भी तुम्हारे राजतिलक में भाग लेने अाए हैं ।"


सिंहासन की सीढ़ियों पर चढ़कर वह वतन के करीब पहुंचा । लहराकर उसने अपना अंगूठा थाली में रखी रोली की तरफ बढाया ही था कि… अचानक, सब चौंक पड़े ।।
Reply


Messages In This Thread
RE: antervasna चीख उठा हिमालय - by sexstories - 03-25-2020, 12:36 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,303,816 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,649 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,152,544 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,915 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,544,033 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,988,416 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,799,649 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,526,321 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,829,066 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,510 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 12 Guest(s)