Sex kahani अधूरी हसरतें
03-31-2020, 03:18 PM,
#23
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
गंदी नहीं बल्कि सच कह रही हूं एक बार जरूर ट्राई करना।
( इतना कहने के साथ ही वह चली गई और उसे जाते हुए निर्मला देखती रह गई क्योंकि शीतल जाते-जाते उसके दिमाग को और उसकी ख्वाहिशों को झकझोर कर रख,,,, दी थी। शीतल के जवान लंड का मतलब वह अच्छी तरह से समझती थी,,,, वह अभी भी वहीं खड़ी थी यह देखकर शुभम गाड़ी में से ही अपनी मां को आवाज लगाते हुए बोला।)

मम्मी अब वहां धूप में क्यों खड़ी हो शीतल मैडम चली गई।

( शुभम की आवाज सुनकर जैसे उसका ध्यान तो उठा हो और वह गाड़ी की तरफ जाने लगी,,,,, रास्ते भर उसने शुभम से बिल्कुल भी बात नहीं की के दिमाग में बस शीतल की बातें ही चल रही थी उसने अपनी पैंटी को पूरी तरह से गीली कर ली थी। शुभम अपनी मां से यह जरुर पूछा की वह शीतल मैडम से इतनी देर तक क्या बातें कर रही थी तो वहां पर पढ़ाई के ही सिलसिले की बात करके असली बात को टाल गई,,,,, लेकिन शुभम एक बात पर जरूर ध्यान दे रहा था कि उसकी मां का हाथ बार बार उसकी जांघो के बीच गाड़ी चलाते समय भी चला जा रहा था और कुछ देर तक वहां के बीच वाले अंग को खुजला ले रही थी । और उस जगह पर अपनी मां को खुजलाते हुए देखकर उसके मन में उत्तेजना के साथ साथ उत्सुकता भी बढ़ती जा रही थी। शुभम के मन में जांगो के बीच वाली जगह को लेकर उत्सुकता ज्यादा थी,,,,
क्योंकि आज तक उसने किसी भी लड़की या औरत को नंगी नहीं देखा था तो उनके नाजुक अंगों के बारे में उनके आकार के बारे में शुभम को कुछ भी नहीं मालूम था और ना ही वह कल्पना में उन अंगों के आकारों के बारे में सोच सकता था। इसलिए अब उसके मन में पूनम को को देखने और जानने की जिज्ञासा पनपने लगी थी।
इसलिए वह बड़े गौर से अपनी मां को गाड़ी चलाते हुए देख रहा था और बार-बार उसके हाथ जो की गीली पैंटी को एडजस्ट करने और बुर को खुजलाने के लिए जांगो के बीच जा रहा था उसे वह बड़े ध्यान से देख रहा था और ऊस नजारे को देखकर उत्तेजित भी हुआ जा रहा था। निर्मला भी गाड़ी चलाते समय शीतल की बातों को याद करके उत्तेजित हुए जा रही थी,,, और बार-बार बैंगन की तुलना अपने बेटे के मोटे और तगडे लंड से किए जा रही थी। शीतल जोकि लंबे और मोटे बिल्कुल बैगन जैसे लंड से चुदाना चाहती थी,,, ठीक है वैसा ही लंड तो उसके बेटे शुभम कहां है बार-बार यही बात निर्मला के मन में आ रही थी। निर्मला को शीतल की यह बात भी बार-बार याद आ रही थी कि जब औरतों को छोटे लंड से चुदने में इतना मजा आता है तो सोचो लंड से भी लंबा और उससे भी डबल मोटाई वाले बेगन से कितना मजा आता होगा। यह बात बार-बार याद करके निर्मला की बुर गिली हुई जा रही थी। क्योंकि उसने तो आज तक बस अपने पति के ही लंड से चुदते आई थी जो की बेगन से भी आधे और एकदम पतला था। फिर भी वह तड़पती थी अपने पति से चुदने के लिए उसके लंड को अपनी बुर में लेने के लिए।
तो वह भी यही सोच रही थी कि अगर छोटे और पतले लंड से उसे इतना मजा आता है तो अगर वह लंड की जगह मोटे तगड़े बैगन को अपनी बुर में डालें तो उसे कितना मजा आएगा,,,,, निर्मला गाड़ी चलाते हुए पीतल की कही हुई बातों को याद करके अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रही थी तभी उसे शीतल कि वह बात याद आ गई जवान लंड वाली जो की उसका इशारा शुभम की तरफ ही था,,,, शीतल का मतलब बिल्कुल साफ था वह ईशारों ही ईशारों में उसे अपने ही बेटे के लंड से चुदने के लिए बोल रही थी,,,,,। शीतल तो जवान लंड के लिए शुभम की तरफ इशारा की थी लेकिन यह बाद उसे बिल्कुल नहीं मालूम था कि शुभम के पास जवान लंड तो था ही साथ ही साथ उसकी लंबाई और मोटाई बिल्कुल बैगन की ही तरह थी,,,, जिस तरह से वह अपनी दिली ख्वाहिश निर्मला को बता रही थी कि वह मोटे तगड़े बैगन जैसे लंड से चुदना चाहती है तो अगर उसे इस बात की थोड़ी सी भी भनक लग जाए की शुभम का लंड वैसा ही है जैसा कि वह कल्पना करती है तो शायद वह शुभम से भी चुदवा ले। शीतल को शुभम से चुदवाने की कल्पना ही निर्मला को उत्तेजित किए जा रही थी। और जिस तरह से वह बता रही थी कि लंबे लंड से और ज्यादा मजा मिलता है तो निर्मला भी कल्पना में ही अपने बेटे से चुदवाने और उसके मोटे लंड को अपनी बुर में लेने का ख्वाब गाड़ी चलाते-चलाते मन में ही सोचने लगी।,,,, लेकिन जल्द ही उसे इस बात का आभास हो गया कि जिस बारे में वह कल्पना कर रही है वह ठीक नहीं है। दूसरी तरफ शुभम लगातार अपनी मां को ही,,,,,, देखे जा रहा था,,,, अपनी मां के भजन के बारे में सोच-सोच कर ही उसके अंदर प्रचंड कामोत्तेजना की अनुभूति हो रही थी। वह तो सिर्फ अभी अपनी मां को कपड़ों में ही देखा था तो उसका यह हाल था अगर वह अपनी मां को संपूर्ण नग्नावस्था में देख लो तो ना जाने उसका क्या हाल होगा।
दोनों के मन में एक दूसरे के बदन को लेकर के ढेर सारी भावनाएं उत्पन्न हो रही थी कि तभी घर आ गया।


दोनों मां बेटे एक दूसरे के बदन और अंगों के प्रति आकर्षित हुए जा रहे थे।


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RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 03-31-2020, 03:18 PM

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