Sex kahani अधूरी हसरतें
04-01-2020, 03:09 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
यह जानते हुए भी कि घर में इस वक्त कोई नहीं है फिर भी इधर-उधर नजर घुमाते हुए वह शुभम के कमरे की ओर बढ़ने लगी थी,,, मन में अजीब सी हलचल मची हुई थी, उसके बदन का हर हिस्सा आज मादक गुदगुदी पन का एहसास कर रहा था। जब से उसने शुभम के लंड का दीदार की थी तब से ऊसकी बुर का गीलापन कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। शुभम से मिलने की उत्सुकता के साथ-साथ उसके मन में दुविधा भी थी की शुभम से मिलकर वह क्या बात करेगी,,,, फिर भी वह औरत की और औरत के खूबसूरत मादक जिस्म की ताकत को अच्छी तरह से पहचानती थी। वह जानती थी कि जिस्म की खूबसूरती हमेशा से मर्दों की कमजोरी रही है। अच्छे अच्छे जो की औरत के बदन की बनावट और उसके उतार चढ़ाव के आगे घुटने टेक दिए तो यह छोटा सा शुभम क्या चीज है उसके मन में ढेर सारी भावनाएं और कल्पनाएं जन्म ले रही थी । वह घर में बैठे-बैठे ही इस बात पर गौर कर लीेखी कि,,, शुभम के मन में भी कुछ उत्तेजनात्मक भावनाएं जन्म ले रही थी तभी तो उसका लंड इस हद तक खड़ा था। जरूर उसके मन में भी कुछ गलत ही चल रहा था जिसका असर उसके लंड पर हुआ था।,,,,, इसका मतलब यही था कि अगर वह थोड़ा सा भी प्रयास करेगी तो अपने बदन का जलवा दिखा कर वह शुभम के साथ,,,,
( इतना विचार मन में आते ही वह शरमा गई और उसके आगे मन में ही कुछ नहीं बोल पाई,,, शुभम को उस अवस्था में अगर वह नहीं देखी होती तो उसके मन में इस तरह के अश्लील विचार नहीं आते लेकिन जब से उसने शुभम को नग्नावस्था में देखी थी, तबसे शुभम को लेकर उसके मन में बेहद ही रोमांचक करो ऊतेजक ख्यालात आ रहे थे।,,,, उसे ना जाने क्यों अपने ऊपर पूरा विश्वास था कि वह शुभम के साथ,, कामोत्तेजना से भरपूर संभोगसुख से युक्त आनंददायक सीढ़ियो कि कुछ पायदान जरूर चढ़ जाएगी। मन में ढेर सारे ख्यालात और भावनाएं लिएे वह शुभम के कमरे के सामने पहुंच गई। कमरे का दरवाजा बंद था और वह शुभम के लिए टांगो के बीच का दरवाजा खोलने आई थी जिसके लिए शुभम भी तड़प रहा था। लेकिन कैसे शुरुआत होगी यह दोनों में से कोई नहीं जानता था शुभम की मम्मी के दिल की धड़कन जोरों से धड़क रही थी। मन में उत्तेजना की लहर पांव को जमीन पर उतरने नहीं दे रहे थे। मादक भावनाएं पर पसारे हवा में गुलाटीयां खा रही थी। उत्तेजना के मारे गला सूखने लगा था वह समझ नहीं पा रही थी कि दरवाजे पर दस्तक दे कि नहीं दे, अगर जैसा वह सोच रही है ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ तो,, तो आज सम्मान की दीवार ऐसे ढहेगी कि फिर उठने का नाम नहीं लेंगी,,, यह ख्याल मन में आते ही वह वापस लौट जाना चाहती थी लेकिन फिर उसके मन में ख्याल आया कि डर के आगे ही तो जीत है अगर आज अपने घर को मारकर व कमरे में दाखिल हो जाएगी तो हो सकता है की शायद वर्षों से प्यासी,,, बुर को एक बार फिर से हरा भरा सावन देखने को मिल जाए। वैसे भी उसने ढेर सारे सावनन देखीे थी लेकिन कुछ साल सें ऐसा लग रहा था कि सावन उससे रुठ गया है और उसकी जमीन सुखी होने के साथ-साथ अब तपने भी लगी थी और इसकी तपन इस समय उसे बर्दाश्त नहीं होता रही थी।। इसलिए उस पर पानी का छिंटकाव करना बेहद जरूरी हो चुका था। वरना यह जमीन दूसरों को सुख देने की परिपक्वता खो देगी।
दृढ़ निश्चय करके उसने दरवाजे को खटखटाने के लिए
हाथ आगे बढ़ा कर दरवाजे पर लगाई ही थी की दरवाजा खुद-ब-खुद खुल गया,,,। दरवाजा खुलते ही सामने बिस्तर पर शुभम बैठा मिला जो कि कुछ कर रहा था इस तरह का एक दरवाजा खुलने पर शुभम की भी नजर दरवाजे पर गई,,, और दरवाजे पर अपनी बड़ी मामी को खड़ा देखकर वह हक्का-बक्का रह गया मुझे तो समझ में नहीं आया क्या बोलें उसे सुबह वाला दृश्य याद आ गया जो कि ईसी तरह से एकाएक दरवाजा खुला था। और उसकी बड़ी मामी ने वह देख ली थी जिसकी शायद उसे भी उम्मीद नहीं थी,,,,। बड़ी मामी को दरवाजे पर फिर से खड़ी देखकर,,, शुभम हड़ बड़ाते हुए बोला,,,,

अ्अअअ,, आप,,,,, मम्मी यहां,,, अब बाजार नहीं गई क्या?

नहीं मैं बाजार नहीं गई (कमरे में प्रवेश करते हुए )लेकिन तुम क्या दरवाजे की कुंडी नहीं लगाते सुबह में भी दरवाजा खुला था अभी भी दरवाजा खुला है। यह चल क्या रहा है इतना कहने के साथ ही वह कमरे में प्रवेश कर गई और हल्के से दरवाजे को बंद कर दी।
( शुभम अपनी बड़ी मामी की बात का मतलब समझते हुए एकदम शर्मिंदा हो गया और शर्मिंदगी के भाव चेहरे पर लाते हुए बोला।)

मामी ने एकदम से शर्मिंदा हूं मुझे नहीं मालूम था कि दरवाजे पर कुंडी नहीं लगी हुई है मैं एकदम से भूल गया था,,।

चलो मैंने मान ली कि तुम भूल गए थे लेकिन जिस तरह के हालात में तुम कमरे में थे इसके बारे में कुछ कहोगे,,,
( वह बिस्तर पर बेठते हुए बोली शुभम की तो हालत खराब हुए जा रही थी।)

मामी मैं सच में नहीं जानता,,,,,, वह क्या है कि,,, मैं पहले से ही बिल्कुल नंगा नहीं था। मैं जब नहा कर आया तो,, मैं टावल लपेट रखा था,,,,,

लेकिन जब मैं कमरे का दरवाजा खोली तब तो तुम बिल्कुल नंगे थे,,,( तपाक से उसकी मामी बोली ।)

हां लेकिन मैं टॉवल पहनकर अपनी चड्डी ढूंढ रहा था,,,और मे काफी समय से परेशान था क्योंकि वह मुझे मिल नहीं रही थी,,, उसे ढूंढने में कब मेरी टॉवल निकल गई मुझे पता ही नहीं चला,,,,।,,
( शुभम अपनी नजरों को नीचे झुका कर शर्मिंदा होते हुए बोले जा रहा था।,, और ऊसकी बड़ी मामी तिरछी नजरों से उसके हाव-भाव पर गौर कर रही थी। सुभम की बात पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था। इसलिए वह बोली।)
चल मैं मान लेती हूं कि तेरी चड्डी ढुंढ़ने में तेरी टॉवल नीचे उतर गई,,, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि
सुबह सुबह नहाने के बाद भी तेरा लंड खड़ा क्यो था।

( अपनी बड़ी मामी के मुंह से इस तरह की खुली बात सुनकर शुभम पूरी तरह से झेंप गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मामी को क्या जवाब दें,,,, वह कुछ देर तक ऐसे ही खामोश रहा है तो उसकी मामी फिर से बोली)

क्यों क्या हुआ खामोश क्यों हो गया तेरे मन में कहीं कुछ चल तो नहीं रहा है।
( वह बिल्कुल साफ साफ बोल देना चाह रही थी,,, क्योंकि वह चाहती थी कि जो भी होना है वह हो जाए,,
शुभम अपनी मामी की बातों का जवाब देने में सक्षम नहीं था फिर भी इधर-उधर बात घुमाते हुए बोला।)

नहीं मामीं ऐसा कुछ भी नहीं है,,,, ।
( शुभम अपनी मामी को सफाई देते हुए बोला,,, और वह अपने भांजे की बात सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,वह जानती थी कि शुभम चाहे जितना भी झूठ बोल ले उसके लंड को खड़े होने के पीछे औरत ही जवाबदार थी वह चाहे वास्तव में हो या ख्यालों में वह थी तो एक औरत ही। तो फिर से मुस्कुराते हुए बोली,,।)

कोई बात नहीं इतनी उम्र मेरी ऐसे ही नहीं हुई है इतना तो मै जानती हूं कि लड़कों के मन में क्या चलता रहता है। तू बोले या ना बोले मैं अच्छी तरह से समझती हूं कि इस उम्र में तेरे जैसा जवान लड़का क्या सोच कर अपना खड़ा कर लेता है।( शुभम अपनी मम्मी की बातों को सुनकर एकदम हैरान था वह सोचा नहीं था कि वह इतनी खुली बातें करती होंगी।,,, अब तो उनके सामने भी कोई रास्ता नहीं था इसलिए वह खामोश ही रहा यह चुप्पी उसकी मामी की बातों का समर्थन करने के लिए काफी थी और वैसे भी शुभम क्या बहाना बनाता उसकी तो हक्की-बक्की ही बंद हो गई थी। वह अपनी बड़ी मामी को क्या जवाब देता इस बारे में उसे कुछ पता नहीं था,,,। शर्मिंदगी का एहसास उसे पल पल नजरें झुकाने के लिए मजबूर करते जा रहे थे। दूसरी तरफ ऊसकी बड़ी मामी यह सब बातोें के दौरान अपनी बुर को और ज्यादा गीली होती महसूस कर रही थी। बार-बार उसकी नजरो शुभम की टांगों के बीच चली जा रही थी। और यह बात शुभम से छिपी नहीं रही,,,, वह समझ गयां की मामी के दिमाग में कुछ और चल रहा है। वह उसके मोटे तगड़े लंड को लेकर शायद कुछ ज्यादा ही आकर्षित हो चुकी हैं और होती भी क्यों नहीं जब निर्मला जैसी खूबसूरत औरत बहक सकती है तो यह क्यों नहीं,,,, उसके मन में घंटियां बजने लगी,,, अपनी मामी की खुली बातें सुनकर उसे इस बात का एहसास तो हो ही गया था कि मामी के मन मे ऊसके लंड को लेकर हलचल सी मची हुई है वरना इस तरह की बातें वह कभी नहीं करती,,, अपनी मामी की बातों का जवाब देने की बजाय खुद ही उससे प्रश्न करते हुए बोला,,,।


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 04-01-2020, 03:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,521,585 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,657 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,240,616 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,918 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,665,618 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,091,138 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,968,147 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,112,049 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,053,846 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,843 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 17 Guest(s)