RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
ओहहह,,, शुभम बहुत दर्द कर रहा है रे,,,,( इतना सुनते ही शुभम समझ गया कि उसकी मामी ने अब तक शायद उसके मोटे लंड जोसा कुछ भी अंदर नहीं ली है और उसके मामा का लंड शायद पतला ही है तभी तो दो उंगली जाने में ही दर्द करने लगा।,, इसलिए वह बुर पर से अपना मुंह हटाकर बोला,,।)
क्या मामी बस दो उंगली जाते ही इतना छटपटाने लगी,,,।
तू समझ नहीं रहा है शुभम,,, मुझे तो तेरी एक उंगली से भी दर्द हो रहा था लेकिन तू इतनी अच्छी तरीके से मेरी बुर को चाट रहा था कि, मैं अपना सारा दर्द भूल गई लेकिन तेरी दूसरी उंगली मुझे कुछ ज्यादा ही दर्द दे रही है।
कुछ नहीं मामी अभी बस थोड़ी ही देर में तुम्हें मजा आने लगेगा (शुभम अपनी दोनों उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला,,,।)
लेकिन अभी तो मुझे दर्द कर रहा है।
बस थोड़ी देर और मामी उसके बाद मजा ही मजा है।
( इतना कहते हुए शुभम अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर मस्ती से लहरा रही एक चूची को थाम कर दबाना शुरु कर दिया,,, शुभम को इतना ज्ञान तो हो चुका था कि औरत के साथ अगर मजा लेना है तो सबसे पहले उन्हें मजा देना बेहद जरूरी होता है और उस के दर्द को मज़े में बदलने के लिए उसका स्तन मर्दन करना बेहद जरूरी था,,, और इस कार्य में तो शुभम माहिर था वह अपनी मामी की बड़ी बड़ी चूची को दबाते हुए बोला।)
मामी तुम्हें बस दों उंगली में इतना दर्द करने लगा अगर पूरा लंड तुम्हारी बुर में घुसेगा तब क्या होगा (शुभम जानबूझकर इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहा था,,, जिसे सुनकर उसकी मामी के बदन में मस्ती की लहर दौड़ रही थी और वह शुभम की बात का जवाब देते हुए बोली,,,,।)
इससे मोटा कभी जा ही नहीं सकता क्योंकि तेरे मामा का,, पतला है,,,,।
क्या बात कर रही हो मामी क्या सच में पतला है,,( बुर मे लपालप उंगली डालते हुए बोला)
सससहहहहह,,,,, अब तुझसे कुछ भी छुपाने जैसा बचा ही नहीं है।
इसका मतलब है कि मामा ने तुम्हारी जवानी को पूरी तरह से मैं नीचोड़ ही नहीं पाए,,, तभी तो तुम्हारा बदन अभी भी खिला-खिला सा है ।( शुभम अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों का सहारा लेकर,,, अपने मंसूबे पार करने में लग गया,,, शुभम की बातें सुनकर उसकी मामी को भी अच्छा ही लगा क्योंकि एक तरह से वह उसकी तारीफ ही कर रहा था,,, फिर भी वह जानबूझकर एतराज जताते हुए बोली,,,।)
तू ऐसा क्यों कह रहा है तेरे मामा ने भी तो मुझे बहुत प्यार दिया है।
हां,,,, तभी देख रहा हूं कि सिर्फ दो उंगली डालने में ही चिल्लाने लगी,,,, (शुभम बातों ही बातों में उसे ताने कसते हुए बोला)
तू कहना क्या चाहता है, (तभी सुभम अपनी दोनों उंगलियों को जोर से अंदर की तरफ घुमा दिया,,जिसकी वजह।से ऊसकी चीख निकल गई।) आहहहहहहहह,,,,, ऊंगली जाने ना जाने से प्यार की क्या संबंध,,,,, ?
संबंध है मामी तभी तो मैं कह रहा हूं,,,,।
कैसा संबंध,,,?
मामी,,, अगर मामा तुमसे जी भर कर प्यार करते हो तुम्हारी जवानी का रस निचौड़े होते तो आज उंगली जाने से ना चिल्लाती बल्की अगर गधे का लंड भी जाता तो उसे भी मस्त होकर अंदर ले लेती,,,( शुभम मस्ती के साथ अपनी दोनों उंगली को बुर के अंदर गोल-गोल घुमाते हुए अंदर-बाहर कर रहा था,,, एैसा भी कह सकते हैं कि वह अपनी उंगलियों का सहारा लेकर अपनी मामी की बुर में अपने लंड जाने के लिए जगह बना रहा था।,,
शुभम की बात सुनकर उसकी मामी आश्चर्य में पड़ गई,, वह क्या कहना चाह रहा था उसे ठीक से समझ में नहीं आ रहा था इसलिए वह बोली।
तू कहना क्या चाह रहा है यह मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा है।
देखो मामी बात बिल्कुल सीधी है (इस बार वह बुर की गुलाबी पत्तियों को उंगलियों के बीच ज़ोर से दबाते हुए जिसकी वजह से उसकी मामी की उत्तेजना और बढ़ने लगी) तुम्हारे जैसी औरत और वह भी जवानी से भरपूर जिसके अंग अंग से मदन रस टपक रहा हो ऐसी औरत के लिए मोटा और तगड़ा लंड चाहिए जो कि तुम्हारी बुर में जाकर उसकी पूरा रस निचोड़ सकें,,,, और जैसा कि तुम बता रही हो अभी तक तुम्हारी बुर में ऐसा मोटा तगड़ा लंड गया ही नहीं जो तुम्हें जवानी और चुदाई के मजे से वाकिफ करा सकें,,,,
( शुभम की बातें सुनकर और उसकी उंगलियों की हरकत की वजह से हल्की सी सिसकारी लेते हुए मन ही मन में वह शुभम की बातों पर गौर करने लगी जो कि उसे सच ही लग रहा था।)
बताओ मामी क्या तुम्हारी बुर में मोटा तगड़ा लंबा लंड गया है।,,,,
नहीं (थोड़ी देर सोचने के बाद बोली)
तभी तो चुदवाते समय तुम उस आंटी की तरह चीखती चिल्लाती नहीं हो जो कि मजे से चीखते चिल्लाते हैं।
( शुभम की बातें सुनकर वह सोच में पड़ गई क्योंकि जो वह कह रहा था वह बिलकुल सच था यह बात उसी ने शुभम को बताई थी कि उसने कभी भी उस औरत की तरह चीखी चिल्लाई नहीं इसका मतलब साफ था कि उसे चुदाई में उतना मजा नहीं मिल पाया है जितना कि मिलना चाहिए था।,,, वह कुछ देर मन ही मन में सोचते हुए शुभम की तरफ आशा भरी नजरों से देखी जो कि अभी भी उसकी बुर में उंगली अंदर-बाहर कर रहा था। और शुभम उसकी खामोशी को देखकर समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,।)
अगर तुम्हारी बुर में मेरा मोटा लंड( अपने लंड की तरफ देखते हुए जिसकी वजह से उसकी मम्मी की नजर भी उस पर चली गई जोंकि पूरी तरह से टनटनाया हुआ था,, जिसे देखते ही उसकी बुर में हलचल होने लगी,,) जाएगा तभी तुम उस औरत की तरह चीखती-चिल्लाती हुए मजा ले पाओगी। वरना ऐसे ही प्यासी की प्यासी रह जाओगी।,,,
( बातों ही बातों में शुभम उसे चोदना चाहता है यह बता दिया था और उसे अपनी प्यास बुझाने का रास्ता भी दिखा दिया था अब उसकी मामी को ही तय करना था कि वह क्या चाहती है लेकिन इतना तो तय था कि शुभम ने अपनी बातों से और अपनी हरकतों से उसके तन-बदन की कामाग्नि को इतनी ज्यादा प्रज्वलित कर दिया था कि उसे बुझा ना बेहद जरूरी था और उसे बुझाने के लिए उसकी मम्मी को शुभम का साथ देना ही था इसलिए कुछ देर खामोश रहने के बाद वहं हल्की सी सिसकारी लेते हुए बोली,,,।
क्या तेरा चला जाएगा,,,,
( इतना सुनते ही शुभम मन ही मन टशन होने लगा क्योंकि उसकी मम्मी का यह सवाल उसके तरफ से पूरी तरह से रजामंदी का इशारा था और शुभम ने जो बातों के पुल को बुना था,, उस पर तो उसकी मामी को चलना ही था क्योंकि उस पर चले बिना उसकी प्यास बुझने वाली नही थी।,,, शुभम उत्तेजना के मारे उसकी बुर में
जोर-जोर से उंगली पेलते हुए बोला।)
मामी यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा,,,। तुम्हारी छोटी सी रसीली बुर के गुलाबी छेद मे मुझे मेरा मोटा लंड कैसे डालकर तुम्हारी प्यास बुझाना है यह मैं अच्छी तरह से जानता हूं।,,,( इतना कहने के साथ ही शुभम अपनी ऊंगली को बुर के अंदर से बाहर निकाल दिया क्योंकि अब उस के मंसूबे पुरे होने वाले थे,,, इस खुशी में वहा एक बार फिर से अपने प्यासे होठों को अपनी मामी की तरसती बुर पर रख दिया और उसे चाटना शुरु कर दिया,,, एक बार फिर से ऊसकी मामी के मुंह से गर्म सिसकारी छूट पड़ी,,, शुभम जोर-जोर से अपनी जीभ उसकी बुर के अंदर घुमाना शुरू कर दिया क्योंकि अब इसी बुर ने उसे अपना मोटा लंड डालकर उसे चोदना था।
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