Antarvasna Sex चमत्कारी
04-09-2020, 03:38 PM,
#86
RE: Antarvasna Sex चमत्कारी
अपडेट-79​

वो उस आवाज़ का पिछा करते हुए मुनीश के कक्ष के दरवाजे तक आ पहुचा….आवाज़ मुनीश के कक्ष के अंदर से ही आ रही थी.

वो आवाज़ का पता लगाने के लिए दरवाजे के छेद से अंदर झाँकने लगा…..अंदर मुनीश और माधवी पूर्न रूप से निर्वस्त्र होकर संभोग मे
क्रिया रत थे….ये आवाज़ उनके संभोग करने से ही उत्पन्न हो रही थी.

लड़का (मन मे)—गुरुदेव ने कहा था कि जो ये करे वही तुम भी करना….इसका मतलब माधवी के साथ मुझे भी ऐसा ही करना है.

अब आगे…….

वो लड़का मुनीश और माधवी को संभोग क्रिया मे लीन देख कर खुद भी माधवी के साथ संभोग करने की सोचने लगता है, और तब तक उन दोनो को देखता रहता है जब तक वो दोनो इस बात से पूरी तरह अन्भिग्य होकर कि वो लड़का उन्हे देख रहा है अपनी इस क्रिया मे मगन रहते हैं.

वो लड़का लगातार माधवी के अत्यंत खूबसूरत नंगे मांसल जिस्म को घूर घूर कर उसका नेत्र चोदन किए जा रहा था और साथ ही अपने
विशालकाय संभोग अस्त्र को बाहर निकाल कर हाथो से सहलाने का काम भी करता जा रहा था.

करीब डेढ़ दो घंटे की इस उठा पटक के बाद माधवी और मुनीश स्खलित हो जाते हैं….कुछ देर तक शांति से एक दूसरे की बहो मे लिपटे रह कर अपनी ऊर्ध्व गति से चल रही सांसो को नियंत्रित करने मे लग जाते हैं…जब ये आवेग ठंडा हो जाता है तब दोनो पुनः वार्तालाप मे लग जाते हैं.

माधवी—मैं इस लड़के को क्या कह कर बुलाऊ….?

मुनीश—ये लड़का बेहद असाधारण है….वो एक ना होकर भी एक है……वास्तव मे वो भूत (पास्ट) और वर्तमान (प्रेज़ेंट) का सम्मिश्रण है वो
जिससे भविश्य (फ्यूचर) का निर्माण होगा.

माधवी—थोड़ा विस्तार से समझाओ मुझे.

मुनीश—उसका पिच्छले जनम का नाम आदिरीशि था जिसने परिलोक और अन्य ग्रहों के निर्माण मे अपना सहयोग प्रदान किया था…..कुछ घटनाओ की वजह से जब उसका अगला जनम हुआ तो उसका नाम ऋषि था जबकि उसके बाद के जनम मे आदित्य…..लेकिन कुछ
घटनाक्रम के चलते भूत और वर्तमान को एक करके जोड़ा गया है…..अर्थात जो लड़का अब हमारे सामने है वो आदी और ऋषि दोनो ही है इसलिए उसका नाम आदिरीशि है अब.

माधवी—इसका तात्पर्य ये हुआ कि ये सब तीनो एक ही हैं.

मुनीश—हाँ, किंतु समस्या ये है कि अभी आदिरीशि के दिमाग़ मे 12 घंटे आदी की यादे रहती हैं तो अगले 12 घंटे ऋषि की यादे….

माधवी—इसका मतलब कि उसकी याद दास्त चली गयी है.

मुनीश—हाँ भी और नही भी…..मेरा मतलब है कि एक समय मे उसको सिर्फ़ एक ही जनम की यादे रहती हैं अपने दूसरे जनम की याद दास्त वो भूल जाता है.

माधवी—तो मैं उसको क्या नाम से पुकारू…..?

मुनीश—ऋषि दिमाग़ का तेज़ था तो आदी मे शक्तिया हैं…..ऋषि थोड़ा चंचल,थोड़ा बातूनी मगर बेहद सुलझा हुआ था जबकि आदी थोड़ा दिमाग़ से जज़्बाती है,हमेशा कुछ ना कुछ उल्टा सीधा करता रहता है….उसके व्यवहार से उसको आसानी से समझा जा सकता है कि
उस समय उसकी याद दास्त किस रूप मे है.

माधवी—तो क्या वो हमेशा ऐसा ही रहेगा……?

मुनीश—नही, उसकी युद्ध शिक्षा के उपरांत उसको राजनंदिनी के पास ले जाना होगा….तभी कुछ संभव हो सकता है कि वो पूर्ण रूप से आदिरीशि बन जाए.

माधवी—ये राजनंदिनी कौन है….?

मुनीश—राजनंदिनी उसकी आत्मा है....उसका पहला और सच्चा प्यार है वो.....वो शुरू से उसे ऋषि ही कहती थी..वो सब कुछ भूल सकता है किंतु राजनंदिनी को नही.....उसके सामने आते ही दोनो का दिल अपने आप धड़कना शुरू कर ही देगा.

माधवी—बड़ा ही दिलचस्प इंसान है आदिरीशि और सुंदर भी.... !

मुनीश (घूरते हुए)—कहीं तुम्हारी नियत तो उस पर खराब नही हो रही है.... ?

माधवी (हँस कर)—आप भी ना…..चलो सो जाओ अब.

माधवी बिस्तर से उठ कर मूत्र विसर्जन करने जाती है जो क़ि कक्ष के बाहर था….कक्ष से बाहर निकलते ही उसके पैरो मे कुछ चिप चिपा
पन महसूस होता है…वो झुक कर उंगली से छु कर देखती है ..तो उससे समझने मे समय नही लगा कि ये वीर्य की बूंदे हैं.

वो सोच मे ही डूबी हुई थी कि तभी उसका ध्यान आदिरीशि के कक्ष की तरफ गया जहाँ प्रकाश फैला हुआ था…. वो जिग्यासा वश .उसके
कक्ष की ओर बढ़ जाती है.

कक्ष मे लगी खुली हुई खिड़की से जैसे ही माधवी अंदर झाँक कर देखती है तो देखते ही उसकी आँखे अचरज और विश्मय से खुल कर बड़ी बड़ी हो जाती हैं.

अंदर आदिरीशि बिस्तर मे नंगा लेटा हुआ था और माधवी का नाम लेते हुए अपने हथियार को मुठियाए जा रहा था उसके मूह से अपना नाम
सुन कर माधवी को ये समझते देर नही लगी कि दरवाजे के बाहर पड़ा वीर्य किसका था. साथ ही उसके मन मे काई सवाल भी पैदा हो गये.

माधवी (मन मे)—इसका मतलब आदी ने हमे संभोग करते हुए देख लिया है…..और ये मेरा नाम क्यो ले रहा है….? लगता है वो ख्यालो मे मेरे साथ संभोग कर रहा है…..छी…ये मैं क्या सोच रही हूँ…मुझे ऐसा कदापि नही सोचना चाहिए…..पर आदी का है भी कितना बड़ा..‼ बाप रे, किसी इंसान का इतना बड़ा और मोटा भी हो सकता है, ये मैने कभी सोचा भी नही था…..मुनीश का तो इसके आगे आधा भी नही
होगा….मुनीश का तो आदी के हथियार के सामने चूहा लग रहा है और आदी का कितना एकदम गोरा है.

माधवी (मन मे)—ये मुझे क्या हो रहा है……? मैं क्यो बार बार बहक रही हूँ….मेरी चूत भी पूरी गीली हो गयी है….इतनी गीली नीचे से तो मैं आज तक कभी नही हुई थी…..मेरा मन मेरे नियंत्रण मे क्यो नही आ रहा है…? जब आदी का हथियार देख कर ही मेरा ये हाल है तो अगर कहीं आदी ने सच मुच मेरे साथ संभोग करने का प्रयास किया तो तब क्या होगा…..? क्या मैं आदी को अपने साथ संभोग करने से रोक
पाउन्गी…? शायद मैं आदी को अपने साथ संभोग करने से नही रोक पाउन्गी…..अब मैं क्या करूँ…..? इतना बड़ा तो मैं अपने अंदर ले भी नही सकती, इतना बड़ा मेरी चूत मे घुसेगा ही नही और अगर किसी तरह से आदी ने घुसेड भी दिया तो तब क्या होगा..? …तब तो मेरी तो
पूरी फट जाएगी

आदी—हाय माधवी तुम्हारी चूत कितनी मस्त और फूली हुई है, क्या चौड़ी फूली गान्ड है तुम्हारी और चूचिया तो एकदम कड़क हैं….कितना
कसा कसा जाएगा मेरा तेरी चूत मे… एक बार दे दो माधवी मुझे भी अपनी चूत.

माधवी आदी के मूह से अपने लिए ऐसे गंदे शब्दो का प्रयोग सुन कर गुस्सा होने की बजाए पूरी तरह से उन्माद मे कामोत्तेजित होकर अपनी उंगली चूत मे जल्दी जल्दी चलाने लगी…..उधर आदी लगातार ज़ोर ज़ोर से हाथ चलते हुए माधवी का नाम ले लेकर अंततः स्खलित होने
लगा….उसके वीर्य की पिचकारी इतनी तीव्र थी कि खिड़की मे आँखे लगाए मूह फाडे टकटकी लगाए माधवी के सीधे मूह के अंदर जा कर गिरी.

लेकिन माधवी ने ना तो अपना मूह वहाँ से हटाया और ना ही मूह बंद किया बल्कि उल्टा उसने अपना मूह और खोल दिया…आदी के लंड से
ऐसी ही तेज़ पिचकारी निकलती रही और माधवी के मूह के अंदर जाती रही….इधर माधवी भी अपनी उंगली से झड गयी.

जाने कितनी देर तक पिचकारी निकलती रही और माधवी उसको पीती रही….उसके बाद वह वहाँ से अलग होकर मूत्र विसर्जन करने के बाद अपने कक्ष मे जाके बिस्तर मे लेट गयी मगर उसकी आँखो से अब नीद की खुमारी ओझल हो चुकी थी….वो चाह कर भी अभी हुए इस दृश्य को नही भुला पा रही थी….उसकी पूरी रात यो ही आँखो आँखो मे जागते हुए गुजर गयी.

अगले दिन सुबह आदी रात की खुमारी की वजह से देरी से उठा…..मुनीश ने उसके पास आकर हाल चाल पता करने लगा

मुनीश—और दोस्त कैसे हो….? रात बढ़िया गुज़री ना…..?

आदिरीशि—मैने आप को पहचाना नही भाई….मैं कहाँ हूँ….?
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RE: Antarvasna Sex चमत्कारी - by hotaks - 04-09-2020, 03:38 PM

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