RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
दूसरे दिन उसने सारी बात कोमल को लिख दी और यह भी लिखा कि वह देवी से यह भी पूंछे कि अब तक उसने क्या सोचा. अगर देवी ना नुकुर करती है तो समझो वो सिर्फ पागल बनाने का काम कर रही है. राज के इस खत को पढ़ कोमल ने अपनी बड़ी बहन देवी से बात करने का मन बनाया. सबसे अच्छा मौका रात को सोते समय था. कोमल रात के सोने का इन्तजार करने लगी.
आखिरकार वो घड़ी भी आ गयी जिसका कोमल इन्तजार कर रही थी. कोमल की बड़ी बहन देवी आकर उसके बगल में सो गयी. थोड़ी देर चुप रहने के बाद कोमल का सकुचाता गम्भीर स्वर उभरा, "देवी तुमने कुछ सोचा उस बारे में?"
देवी जैसे नींद से जागकर बोली, "किस बारे में?"
कोमल कुछ नहीं बोली लेकिन देवी को अब समझ आ गया कि कोमल किस बात के बारे में पूँछ रही है. वो उस समस्या के हल के बारे में पूंछ रही थी जो देवी ने सुलझाने का वादा किया था.
फिर देवी लापरवाह अंदाज में कोमल को समझाते हुए बोली, "देखो कोमल तुम मेरी बहन हो इसलिए तुम्हे मेरी पहली सलाह तो ये रहेगी कि तुम ये सब भूल जाओ. ये तो तुम भी जानती हो कि घर वालों को पता पड जाने पर इसका परिणाम क्या होगा? लेकिन...."
देवी की बात पूरी होने से पहले ही कोमल बोल पड़ी, "फिर वो वादा जो तुमने मुझसे किया था कि तुम मेरे लिए कोई न कोई रास्ता निकलोगी?"
देवी अपनी छोटी बहन की अधीरता को समझ रही थी लेकिन ऐसा तो कोई रास्ता था ही नहीं जिससे कोमल राज के साथ भी रहे और घरवालों को कभी पता ही न पड़ पाए. देवी तो अपनी बहन को किसी मुसीबत में फंसने से बचाने के लिए ये झूट बोल रही थी कि कोमल अगर राज से बात न करने का वादा करे तो वो कोई अच्छा रास्ता निकाल सकती है.
जिससे घर वालों को कोमल की इस बात का पता नहीं चल पायेगा. देवी ने सोचा था कि कुछ दिन कोमल राज से बात न करेगी तो उसके मन से राज की याद कम होती चली जायेगी लेकिन ऐसा करने से कोमल और ज्यादा राज की तरफ खिंचती चली जा रही थी.
कोमल के सवाल का उत्तर तो देवी को देना ही था. बोली, "देखो कोमल बहन. मुझे तुम्हारी बहुत फिकर है इसलिए में कोई ऐसा रास्ता नही बताना चाहती जो तुम्हे किसी आफत में डाल दे. एक बार घरवालों को पता पड़ गया तो तुम्हारी पढाई तो बंद होगी ही साथ में तुम्हारा और राज का जो हाल होगा उसकी कल्पना भी तुम नही कर सकती हो. तुम को पता है कि राज तेली जाति का है और हम ठाकुर, तुम्हारा उसके साथ रिश्ता होना कोई भी मंजूर नही करेगा. पापा और मम्मी तो तुम्हे जीते जी मार डालेंगे. इसलिए मेरी बहन तुम मेरी बात मान उस लडके को भूल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो."
कोमल आज देवी की बात को सुन समझ गयी कि राज ने खत में ठीक ही लिखा था. देवी तब से उसे धोखा दे रही थी लेकिन कोमल यह भी जानती थी कि देवी को उस की चिंता भी है. कोमल यह भी जानती थी कि देवी जो चेतावनी उसे दे रही है वो भी सही है.
अगर घरवालों को ये सब पता चल जाय तो उसे जान से हाथ धोना पड़ सकता है. लेकिन मोहब्बत पर किसका जोर चलता है? मरने से कौन सा प्रेमी डरा है? और इस गाँव का इतिहास तो प्रेमियों की मौतों की स्याही से से रंगा पड़ा था. जिस के हर पन्ने पर कमली, चुनी, दीनू और बादल जैसे कई नाम सोने के अक्षरों में लिखे रखे थे.
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