RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
राज ने कागज खोलकर पढा ।
वह अंग्रेजी में लिखा एक पत्र था जिसका आशय था कि तौफीक इस्माइल पत्रवाहक के साथ फौरन रवाना हो जाये । नीचे ज्योति विश्वास के हस्ताक्षर थे और लगभग सप्ताह पहले की तारीख थी।
"यह हस्तलेख हूबहू ज्योति विश्वास का है ।" - जान फ्रेडरिक बोला - "हम सब अपने लीडर का हस्तलेख अच्छी तरह पहचानते थे । तौफीक इस्माइल भी वह हस्तलेख पहचानता था इसलिये पत्रवाहक के साथ फौरन रवाना हो गया ।"
"लेकिन वह तो जानता था कि ज्योति विश्वास मर चुका था !"
"जानता था लेकिन उसने या हममें से किसी ने अपने लीडर की लाश नहीं देखी थी । हमें केवल सूचना मिली थी कि ज्योति विश्वास चीनियों द्वारा शूट कर दिया गया था । ज्योति विश्वास लिखित चिट्ठी आंखों के सामने देखकर शायद तौफीक इस्माइल ने सोचा हो कि ज्योति विश्वास जिन्दा था और चीनियों की गिरफ्त से निकल भागने में सफल हो गया था। लेकिन संयोगवश एक बात तो उसे मालूम नहीं थी और एक दूसरी बात उसे सूझी नहीं थी ।"
"क्या?"
"जो बात उसे मालूम नहीं थी वह यह थी कि जार्ज टेलर ज्योति विश्वास के हस्तलेख की हूबहू नकल कर लेता है और जो बात वह भूल गया था या यूं कहना चाहिये कि अपने लीडर के जीवित होने की सम्भावना पर विचार करते हुये जोश में आकर भुला बैठा था, वह यह थी कि अगर ज्योति विश्वास जीवित भी था तो उसे यह कैसे मालूम हुआ कि तौफीक इस्माइल लन्दन में था और कहां था ?"
“खैर, फिर ?" "तौफीक इस्माइल उस आदमी के साथ रवाना हो गया जो कि चिट्ठी लाया था । अगली सुबह उसी इलाके की एक अन्य सड़क पर तौफीक इस्माइल की लाश पाई गई । उसके गले में आठ इंच लम्बा छुरा घुपा हुआ था और उसकी जेबें खाली थीं । पुलिस ने इसे डाकाजनी की वारदात की संज्ञा दी।"
"उस आदमी का कुछ पता लगा जो चिट्ठी लेकर आया था?"
"हमने पता लगाने की कोशिश की लेकिन हम नाकामयाब रहे । हालांकि जिस अरब ने उसे दरवाजा खोला था, उसने हमें उस आदमी का हुलिया बड़ी अच्छी तरह बताया था । वह एक लाल चेहरे वाला लम्बा तडंगा अंग्रेज था । उसके चेहरे पर चेचक के दाग थे, माथे पर एक चोट का लम्बा निशान था और नाक जरूरत से ज्यादा बड़ी थी लेकिन अपनी भरपूर कोशिशों के बावजूद हम उसका या जार्ज टेलर का पता पाने में नाकामयाब रहे । केवल हमने इतनी सावधानी बरती है कि हम अधिक से अधिक समय तक इकट्ठे रहने की कोशिश करते हैं और किसी आकस्मिक आक्रमण के प्रति पहले से दस गुणा अधिक चौकन्ने रहते हैं ।"
राज चुप रहा।
"हम जो जार्ज टेलर तक पहुंच नहीं पा रहे हैं" - जान फ्रेडरिक बोला - "उसका मुख्य कारण यह है कि जार्ज टेलर हमें अच्छी तरह जानता है । वह यह भी जानता है कि हम उसे तलाश कर रहे हैं और क्यों तलाश कर रहे हैं । इसलिये वह हमारे प्रति पूरी तरह सावधान है । जब तक हममें से कोई सुराग निकाल पाता है तब तक वह उसका काम तमाम कर देता है । अन्त में हम बचे हुये तीनों साथी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जब हब हमें किसी बाहरी आदमी की मदद नहीं मिलेगी, हम उसे तलाश नहीं कर पायेंगे । और मिस्टर राज, वह बाहरी आदमी तुम हो सकते हो । तुम जार्ज टेलर को तलाश करने में हमारी मदद कर सकते हो।"
"आप लोग चाहते हैं कि मैं जार्ज टेलर की हत्या करने में आपकी सहायता करू?"
"यह कर सको तो बात ही क्या है लेकिन हम कम से कम उसकी तलाश में तो तुम्हारी सहायता की अपेक्षा कर ही रहे हैं।"
"आई सी ।" - राज बोला - "आई सी ।"
उसने देखा तीनों व्यक्तियों की व्यग्र निगाहें उसके चेहरे पर टिकी हुई थीं।
"साथियो !" - अन्त में राज निर्णयात्मक स्वर में बोला - "मुझे मालूम नहीं था कि मुझसे ऐसी किसी सहायता की मांग की जायेगी । और न ही मुझे आप लोगों की ऐसी कोई सहायता करने का निर्देश दिया गया है । मेरे विभाग के चीफ ने मुझे केवल इतना कहा था कि सी बी आई के छ: एजेन्ट लन्दन में कहीं फंसे हुये थे और मुझे उनको लन्दन से निकालकर भारत लाने में उसकी सहायता करनी थी।"
"तुम्हारे विभाग के चीफ ने हमें गलत समझा है ।" - अनिल साहनी शायद पहली बार बोला, उसके स्वर में कड़वाहट थी - "हम यहां फंसे हुये नहीं हैं । हमें यहां से निकलने के लिये किसी की सहायता की जरूरत नहीं है । अगर चीन से निकलकर इंग्लैंड पहुंचने में हमें किसी सहायता की जरूरत नहीं पड़ी तो यहां से भारत पहुंचने में भी हमें किसी की सहायता की जरूरत नहीं पड़ेगी । जब तक जार्ज टेलर जिन्दा है, हममें से कोई भारत नहीं जाना चाहता । अगर तुम उसको तलाश करने की दिशा में हमारी कोई सहायता कर सकते हो तो ठीक है, वर्ना नमस्ते ।"
"मैं अभी तो की उत्तर नहीं दे सकता ।" - राज धीरे से बोला।
"तुम कब उत्तर दे सकते हो?" - जान फ्रेडरिक बोला।
"मुझे कम से कम चौबीस घन्टे का समय दो ।" - राज बोला।
"वैरी वैल | जहां हमने एक साल इन्तजार किया है, वहां एक दिन और सही । कल हम फिर तुमसे सम्पर्क स्थापित करेंगे।"
"नहीं ।" - राज जल्दी से बोला - "कल मैं आपसे सम्पर्क स्थापित करूगा । अगर आप अपने मददगार मिलर से पूछे तो वह आपको बतायेगा कि मेरे होटल से किसी ने हमारा पीछा करने की कोशिश की थी लेकिन मिलर की चालकी से हमारा पीछा करने वालों से जल्दी ही पीछा छूट गया था । और मुझे सन्देह है कि मेरे होटल में मेरा टेलीफोन भी टेप किया हुआ है।"
"तुम हमसे कैसे सम्पर्क स्थापित करोगे ?" “
आप लोग मुझे इस इमारत का पता दीजिये | कल रात को मैं यहां पहुंच जाऊंगा ।"
जान फ्रेडरिक ने पहले अनिल साहनी और फिर रोशनी की ओर देखा।
सबके चेहरों पर झिझक के चिन्ह थे ।
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