RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
उसी क्षण एक दूसरा आदमी बाथरूम में से निकला । उसने आगे बढकर कमरे का द्वार बन्द कर दिया । दूसरा एक हैट और एक लम्बा ओवरकोट पहने हुये था ।
राज ने कमरे में दृष्टि दौड़ाई ।
उसका सूटकेस पलंग पर खुला पड़ा था । सूटकेस का सारा सामान पलंग पर फैला हुआ था । वैसी ही हालत में उसका ब्रीफकेस भी था । ब्रीफकेस में मौजूद एक-एक कागज पलंग पर बिखरा पड़ा था।
"इस हरकत का क्या मतलब हुआ ?" - राज ने क्रोधित स्वर से पूछा।
इन्स्पेक्टर ने अपना रिवाल्वर वाला हाथ नीचे झुका लिया और पूर्ववत् मधुर स्वर से बोला - "मेरा नाम इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड है ।"
"मैंने नाम नहीं पूछा ।"
"फिर भी मुझे बताना तो था ही । आप मिस्टर राज है न?"
"हां, लेकिन..." "हमें विश्वस्त सूत्रों से पता लगा है कि आप स्मगलिंग का धन्धा करते हैं और अपने देश से अपने साथ चरस लाये हैं ।"
"आपका दिमाग तो नहीं खराब हो गया है ?" - राज चिल्लाकर बोला - "आप..."
"धीरे बोलिये ।" - इन्सपेक्टर डांट कर बोला । '
"क्यों धीरे बोलूं ?" - राज और ज्यादा चिल्लाकर बोला - "आप जानते हैं, मैं कौन हूं? मैं प्रेस प्रतिनिधि के रूप में अपने देश के प्रधानमन्त्री के साथ यहां कामनवैल्थ प्रीमियर्स की कांफ्रेंस कवर करने के लिये आया हूं और आप मुझे चरस का स्मगलर सिद्ध कर रहे हैं
"प्रेस प्रतिनिधि होने के साथ-साथ आप स्मगलर भी हो सकते हैं।"
"लेकिन मैं स्मगलर नहीं हूं।"
"हमारी सूचना यही कहती है ।"
"आपकी सूचना गलत है और आपने मेरी गैरहाजिरी में मेरे कमरे में घुसकर और मेरे सामान की तलाशी लेकर एक अनाधिकार चेष्टा की है । मैं इसकी रिपोर्ट अपने देश के हाई कमिश्नर से करूंगा।"
"आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे ।" - इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड शान्त स्वर में बोला।
"क्यों नहीं करूंगा? कौन रोकेगा मुझे?"
"आपको रोकेगा कोई नहीं लेकिन आपके पास वक्त नहीं है।"
"क्या मतलब?"
"कल सुबह के प्लेन से आप लन्दन से भारत के लिये प्रस्थान कर रहे हैं ।"
“मैं ऐसा कुछ नहीं कर रहा हूं । आप मुझे जबरदस्ती यहां से नहीं निकाल सकते । मेरे पास लीगल पासपोर्ट और वीसा है और मैं अपने देश के प्रधानमन्त्री के साथ आया हूं | आप मेरे साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं कर सकते ।"
"जबरदस्ती कौन कर रहा है, साहब ! आप अपनी मर्जी से कल सुबह यहां से रवाना हो रहे है
"मैं ऐसा कुछ नहीं कर रहा हूं | और मैं अभी तुम्हारी रिपोर्ट करता हूं।"
राज लम्बे डग भरता टेलीफोन की ओर बढा ।
उसी क्षण लम्बे ओवरकोट वाले का हाथ हवा में घूमा ।
कोई भारी चीज राज की खोपड़ी के पृष्ठ भाग से टकराई।
राज की आंखों के आगे अंधेरा छा गया । उसके घुटने मुड़ गये और उसके हाथों ने अपने आप उठकर सिर को थाम लिया ।
इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड अपनी रिवाल्वर को नाल की ओर से पकड़े उसकी ओर बढा ।
राज ने अपने सिर को झटका दिया । फिर उसने उस अधबैठी स्थिति में ही टेलीफोन की ओर छलांग लगा दी। उसने जल्दी से रिसीवर को क्रेडल से खींचा और हांफता हुआ माउथपीस में बोला - "हैल्प ! हैल्प !!"
राज ने इन्स्पेक्टर क्राफोर्ड का रिवाल्वर वाला हाथ अपनी खोपड़ी की ओर घूमता देखा । वह नीचे झुक कर वार बचा गया ।
लम्बे ओवरकोट वाला भी हाथ में छोटा-सा डन्डा लिये उसकी ओर बढ़ रहा था ।
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